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पहले कभी नहीं देखी होगी ऐसी पहल, जेल में पूरे विधि-विधान से कराया गया बच्चों का मुंडन

कुख्यात अपराधियों से भरी फर्रुखाबाद जेल में रामनवमी के दिन एक अलग ही जश्न का माहौल रहा. रविवार को जिला जेल में तीन बच्चों का मुंडन संस्कार किया गया. मंत्रोचारण के साथ ही ढोल और लोकगीतों की धुन में मुंडन कार्यक्रम हुआ. इसके बाद जेल में मिठाई बांटी गई. यह सभी व्यवस्थाएं जेल प्रशासन की ओर से की गईं.

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बच्चों का मुंडन
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Published : Apr 11, 2022, 12:52 PM IST

फर्रुखाबाद: कुख्यात अपराधियों से भरी फर्रुखाबाद जेल में रामनवमी के दिन एक अलग ही जश्न का माहौल रहा. रविवार को जिला जेल में एक साथ तीन बच्चों का मुंडन संस्कार किया गया. मंत्रोचारण के साथ ही ढोल और लोकगीतों की धुन में मुंडन कार्यक्रम हुआ. इसके बाद जेल में मिठाई बांटी गई. यह सभी व्यवस्थाएं जेल प्रशासन की ओर से की गईं. इस कार्यक्रम में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम की पत्नी ममता राय, मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट डॉ. रत्ना सिंह व सिविल जज विनीता मौजूद रहीं.

जेल अधीक्षक के मुताबिक, दो साल पहले जेल में ही बंदी पूजा ने एक बेटी को जन्म दिया था. जेल में ही उसका नामकरण संस्कार कराया गया था. बच्ची की मां की तरफ से बच्ची का मुंडन कराने की मांग की गई थी. मुंडन संस्कार के लिए बाकायदा जेल को सजाया गया और मिठाइयां बनवाई गईं. इसके बाद पंडित बुलाए गए और मंत्रोचारण के साथ विधिवत तरीके से तीन बच्चियों का मुंडन कराया गया. महिला बंदियों ने ढोल बजाने के साथ भजन और लोकगीत गाए.

जेल में पूरे विधि-विधान से कराया गया बच्चों का मुंडन

यह भी पढ़ें- जेलमंत्री का आदेश- अब UP की जेलों में बजेगा महामृत्युंजय और गायत्री मंत्र

दरअसल, हिंदू धर्म के सोलह संस्कारों में मुंडन और नामकरण का महत्वपूर्ण संस्कार होता है. इसे चौलकर्म भी कहा जाता है. हिंदू धर्म में गर्भ के बाल रखने की परंपरा नहीं है. इसलिए मुंडन संस्कार कर यह बाल उतार दिए जाते हैं. इसी मान्यता के चलते जेल में बच्चों का मुंडन संस्कार करवाया गया. जेल अधीक्षक की तरफ से यह सारे इंतजाम जेल में ही कराए गए.

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फर्रुखाबाद: कुख्यात अपराधियों से भरी फर्रुखाबाद जेल में रामनवमी के दिन एक अलग ही जश्न का माहौल रहा. रविवार को जिला जेल में एक साथ तीन बच्चों का मुंडन संस्कार किया गया. मंत्रोचारण के साथ ही ढोल और लोकगीतों की धुन में मुंडन कार्यक्रम हुआ. इसके बाद जेल में मिठाई बांटी गई. यह सभी व्यवस्थाएं जेल प्रशासन की ओर से की गईं. इस कार्यक्रम में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम की पत्नी ममता राय, मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट डॉ. रत्ना सिंह व सिविल जज विनीता मौजूद रहीं.

जेल अधीक्षक के मुताबिक, दो साल पहले जेल में ही बंदी पूजा ने एक बेटी को जन्म दिया था. जेल में ही उसका नामकरण संस्कार कराया गया था. बच्ची की मां की तरफ से बच्ची का मुंडन कराने की मांग की गई थी. मुंडन संस्कार के लिए बाकायदा जेल को सजाया गया और मिठाइयां बनवाई गईं. इसके बाद पंडित बुलाए गए और मंत्रोचारण के साथ विधिवत तरीके से तीन बच्चियों का मुंडन कराया गया. महिला बंदियों ने ढोल बजाने के साथ भजन और लोकगीत गाए.

जेल में पूरे विधि-विधान से कराया गया बच्चों का मुंडन

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दरअसल, हिंदू धर्म के सोलह संस्कारों में मुंडन और नामकरण का महत्वपूर्ण संस्कार होता है. इसे चौलकर्म भी कहा जाता है. हिंदू धर्म में गर्भ के बाल रखने की परंपरा नहीं है. इसलिए मुंडन संस्कार कर यह बाल उतार दिए जाते हैं. इसी मान्यता के चलते जेल में बच्चों का मुंडन संस्कार करवाया गया. जेल अधीक्षक की तरफ से यह सारे इंतजाम जेल में ही कराए गए.

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