फर्रुखाबाद: यूपी के फर्रुखाबाद जिले में बीते दिन से ही रुक रुक कर बारिश हो रही है. मौसम में अचानक से आए इस बदलाव के कारण जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बड़ गई है. लेकिन, अस्पताल की व्यवस्थाओं का आलम यह है कि डॉक्टरों को मरीज का इलाज टॉर्च या मोबाइल फोन की रोशनी में करना पड़ रहा है. बिजली जाने पर जनरेटर नहीं चलाया जा रहा है.
मौसम बिगड़ने से फर्रुखाबाद के जिला अस्पताल के कमरे मरीजों से फुल हैं. लेकिन बिजली जाने पर यहां अंधेरा छा जाता है. बिजली की व्यवस्था न होने पर लोहिया अस्पताल के डॉक्टर मोबाइल व टॉर्च की रोशनी के सहारे मरीज देख रहे हैं. अब इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोहिया अस्पताल में जो मरीज भर्ती हैं, उनका क्या हाल होगा. वार्डो में अंधेरा होने के कारण मरीजों ने रोशनी के लिए मोमबत्ती जला कर रखी है. लोहिया अस्पताल में मरीजों के साथ आए लोगों ने बताया कि जिला अस्पताल में जनरेटर तो है लेकिन इसके लिए डीजल की खपत का इंतजाम सिर्फ कागजों पर हो रहा है. इमरजेंसी में भी अंधेरा छा जाता है. जबकि जिम्मेदार मौन धारण किए रहते हैं.
बता दें कि बीते कुछ महीने पहले यूपी के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक का जनपद में आगमन हुआ था. तब उन्होंने जिला अस्पताल का निरीक्षण भी किया था. उन्होंने सख्त निर्देश दिए थे कि अस्पताल में किसी प्रकार की कोई कमी न आए. मरीजों को हर सुविधा मिले. तस्वीर में साफ देखा जा सकता है कि मरीजों के साथ-साथ डॉक्टरों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अब इस लापरवाही में कौन दोषी है. उसके खिलाफ कब कार्रवाई होगी यह तो देखने वाला समय ही बताएगा. लोहिया अस्पताल के डॉ. ऋषि ने बताया कि करीब एक घंटे से लाइट नहीं आ रही है. मरीज आ रहे हैं. मरीज तो देखने ही पड़ेंगे. मोबाइल टॉर्च की रोशनी में मरीज को देख रहे हैं. मुझे व मरीजों दोनों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.