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फर्रुखाबादः आलू के दामों में रिकॉर्ड तोड़ उछाल, 'पोटैटो सिटी' के किसानों में खुशी की लहर

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद के आलू के किसानों के चेहरे की रौनक वापस लौट आई है. आलू के रेट बढ़ने से किसानों को काफी फायदा हो रहा है, जिससे किसानों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है. वहीं रेट में और बढ़ोतरी होने का अनुमान लगाया जा रहा है.

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आलू के दाम बढ़ने पर खिल उठी किसानों के चेहरे की मुस्कान.
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Published : Feb 15, 2020, 6:21 PM IST

फर्रुखाबाद: पोटैटो सिटी के नाम से मशहूर फर्रुखाबाद में इस बार आलू के दामों में बढ़ोतरी होने से किसानों के चेहरे खुशी से खिल उठे हैं. तीन साल बाद आलू का रेट 1300 रुपये कुंतल तक पहुंच गया है. पिछले कई सालों से आलू की बंपर पैदावार होने के बावजूद आलू कौड़ियों के भाव में बिकता था, जिससे कर्ज के बोझ से दबा किसान परेशान चल रहा था. नोटबंदी की साल तो किसानों ने आक्रोशित होकर सड़क पर आलू फेंककर ट्रैक्टर से कुचल दिया था, लेकिन इस बार भगवान ने अन्नदाता की सुन ली है.

फर्रुखाबाद के किसानों के आय का साधन है आलू की बुआई
उत्तर प्रदेश का फर्रुखाबाद आलू उत्पादन के लिए देश में सर्वोच्च स्थान रखता है. जिले के अधिकांश किसानों की आय का साधन ही आलू की फसल हैं या यूं कहें कि आलू बोना यहां के किसानों के लिए इज्जत का सवाल होता है. इस बार न केवल आलू की पैदावार बेहतर हुई है बल्कि मुंबई, केरल, बंगाल समेत अन्य प्रदेशों की मंडियों में मांग होने के कारण आलू के अच्छे दाम भी मिल रहे हैं. इससे किसान, व्यापारी और आलू आढ़ती के चेहरे खुशी से खिल उठे हैं.

आलू के दाम बढ़ने पर खिल उठी किसानों के चेहरे की मुस्कान.

आलू के दाम में हो सकता उछाल
18 नवंबर से सातनपुर मंडी में आलू आना शुरू हो गया था. इस दौरान 20 दिन तक लगभग 2200 रुपये कुंतल आलू का रेट रहा. हालांकि उसके बाद से अब तक आलू के रेट 1300 से 1450 रुपये प्रति कुंतल के आस-पास हैं, जबकि पिछले वर्ष यही रेट 400 से 500 रुपये तक था. वहीं आलू के रेट में फिर से उछाल आने की उम्मीद जताई जा रही है.

इस साल किसानों के मिल रहा अच्छा दाम
नोटबंदी की मार से पहले ही टूट चुके आलू किसान इस बार फसल को लेकर गंभीर संकट में थे, लेकिन बाजार में आलू के दाम अच्छे मिलने से किसानों का उत्साह बढ़ रहा है. किसानों का कहना है कि आलू की खेती के लिए मौसम बेहतर रहा है. इसलिए पैदावार भी ठीक हुई है. फसल उनके लिए लाभकारी सिद्ध हुई है. इससे पहले आलू के कम दामों को लेकर किसान काफी आहत हुए थे और उन्हें फसल से निराशा मिली थी. इस कारण लगातार कर्ज भी बढ़ता जा रहा था, लेकिन इस बार तो कर्ज भी माफ हो जाएगा.

कई प्रदेशों में है फर्रुखाबाद के आलू का बोलबाला
बताते दें कि जनपद में आलू की खेती करीब 42 हजार हेक्टेयर में व्यापक पैमाने पर होती है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस बार अब तक लगभग 1 करोड़ 47 लाख कुंतल आलू का उत्पादन हुआ है. फर्रुखाबाद का आलू दिल्ली, हरियाणा, असम, केरल, बंगाल, मुंबई से लेकर नेपाल तक जाता है. देश के कोने-कोने तक जनपद के आलू का बोलबाला है.

फुटकर में बीस रुपये हुआ रेटः
थोक में आलू की कीमत 15 रुपये किलो है, जबकि आम उपभोक्ता को आलू बीस रुपये किलो मिल रहा है,लेकिन अभी दामों में इजाफा होने का अनुमान लगाया जा रहा है.

कोल्ड स्टोरेज से अभी नहीं हो रही निकासीः
अभी तक कोल्ड स्टोरेज से आलू की बमुश्किल बीस प्रतिशत निकासी हुई. हर एक की निगाह बढ़ती कीमतों की ओर है. इस कारण निकासी नहीं हो रही है. दिल्ली, आगरा, लखनऊ समेत कई स्थानों के व्यापारी जमकर आलू की खरीददारी कर रहे हैं. बताते हैं कि क्षेत्र में ज्यादा कोल्ड स्टोर बनने से आलू के कुल उत्पादन का अंदाजा नहीं हो सका, लेकिन पिछले वर्षों की तुलना में आलू कम है.

इसे भी पढ़ें -अयोध्या: यूपी की बसों में अब मिलेगा अयोध्या धाम का टिकट

फर्रुखाबाद: पोटैटो सिटी के नाम से मशहूर फर्रुखाबाद में इस बार आलू के दामों में बढ़ोतरी होने से किसानों के चेहरे खुशी से खिल उठे हैं. तीन साल बाद आलू का रेट 1300 रुपये कुंतल तक पहुंच गया है. पिछले कई सालों से आलू की बंपर पैदावार होने के बावजूद आलू कौड़ियों के भाव में बिकता था, जिससे कर्ज के बोझ से दबा किसान परेशान चल रहा था. नोटबंदी की साल तो किसानों ने आक्रोशित होकर सड़क पर आलू फेंककर ट्रैक्टर से कुचल दिया था, लेकिन इस बार भगवान ने अन्नदाता की सुन ली है.

फर्रुखाबाद के किसानों के आय का साधन है आलू की बुआई
उत्तर प्रदेश का फर्रुखाबाद आलू उत्पादन के लिए देश में सर्वोच्च स्थान रखता है. जिले के अधिकांश किसानों की आय का साधन ही आलू की फसल हैं या यूं कहें कि आलू बोना यहां के किसानों के लिए इज्जत का सवाल होता है. इस बार न केवल आलू की पैदावार बेहतर हुई है बल्कि मुंबई, केरल, बंगाल समेत अन्य प्रदेशों की मंडियों में मांग होने के कारण आलू के अच्छे दाम भी मिल रहे हैं. इससे किसान, व्यापारी और आलू आढ़ती के चेहरे खुशी से खिल उठे हैं.

आलू के दाम बढ़ने पर खिल उठी किसानों के चेहरे की मुस्कान.

आलू के दाम में हो सकता उछाल
18 नवंबर से सातनपुर मंडी में आलू आना शुरू हो गया था. इस दौरान 20 दिन तक लगभग 2200 रुपये कुंतल आलू का रेट रहा. हालांकि उसके बाद से अब तक आलू के रेट 1300 से 1450 रुपये प्रति कुंतल के आस-पास हैं, जबकि पिछले वर्ष यही रेट 400 से 500 रुपये तक था. वहीं आलू के रेट में फिर से उछाल आने की उम्मीद जताई जा रही है.

इस साल किसानों के मिल रहा अच्छा दाम
नोटबंदी की मार से पहले ही टूट चुके आलू किसान इस बार फसल को लेकर गंभीर संकट में थे, लेकिन बाजार में आलू के दाम अच्छे मिलने से किसानों का उत्साह बढ़ रहा है. किसानों का कहना है कि आलू की खेती के लिए मौसम बेहतर रहा है. इसलिए पैदावार भी ठीक हुई है. फसल उनके लिए लाभकारी सिद्ध हुई है. इससे पहले आलू के कम दामों को लेकर किसान काफी आहत हुए थे और उन्हें फसल से निराशा मिली थी. इस कारण लगातार कर्ज भी बढ़ता जा रहा था, लेकिन इस बार तो कर्ज भी माफ हो जाएगा.

कई प्रदेशों में है फर्रुखाबाद के आलू का बोलबाला
बताते दें कि जनपद में आलू की खेती करीब 42 हजार हेक्टेयर में व्यापक पैमाने पर होती है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस बार अब तक लगभग 1 करोड़ 47 लाख कुंतल आलू का उत्पादन हुआ है. फर्रुखाबाद का आलू दिल्ली, हरियाणा, असम, केरल, बंगाल, मुंबई से लेकर नेपाल तक जाता है. देश के कोने-कोने तक जनपद के आलू का बोलबाला है.

फुटकर में बीस रुपये हुआ रेटः
थोक में आलू की कीमत 15 रुपये किलो है, जबकि आम उपभोक्ता को आलू बीस रुपये किलो मिल रहा है,लेकिन अभी दामों में इजाफा होने का अनुमान लगाया जा रहा है.

कोल्ड स्टोरेज से अभी नहीं हो रही निकासीः
अभी तक कोल्ड स्टोरेज से आलू की बमुश्किल बीस प्रतिशत निकासी हुई. हर एक की निगाह बढ़ती कीमतों की ओर है. इस कारण निकासी नहीं हो रही है. दिल्ली, आगरा, लखनऊ समेत कई स्थानों के व्यापारी जमकर आलू की खरीददारी कर रहे हैं. बताते हैं कि क्षेत्र में ज्यादा कोल्ड स्टोर बनने से आलू के कुल उत्पादन का अंदाजा नहीं हो सका, लेकिन पिछले वर्षों की तुलना में आलू कम है.

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