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फर्रुखाबाद: टिकट बचाने के लिए भाजपा सांसद ने गिनाए विकास कार्य - सलमान खुर्शीद

फर्रुखाबाद लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद मुकेश राजपूत ने दावा किया है कि पांच साल में सांसद निधि से साढ़े 17 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का काम हो चुका है. इसके अलावा साढ़े सात करोड़ का कार्य स्वीकृत है.

टिकट बचाने के लिए भाजपा सांसद ने गिनाए विकास कार्य
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Published : Mar 14, 2019, 9:50 PM IST

फर्रुखाबाद : लोकसभा चुनाव के लिए चुनावी बिगुल बज चुका है. ऐसे में सभी पार्टियां उम्मीदवारों के नाम घोषित कर रही हैं. इसी क्रम में जिले में सपा- बसपा से मनोज अग्रवाल और कांग्रेस के सलमान खुर्शीद ने चुनावी तैयारी शुरू कर दी है.

टिकट बचाने के लिए भाजपा सांसद ने गिनाए विकास कार्य

हालांकि भाजपा ने अब तक प्रत्याशी घोषित नहीं किया है इसके बावजूद सांसद मुकेश राजपूत जनता के बीच विकास कार्यों की बात कहकर माहौल अपनी ओर बनाने का भरसक प्रयास कर रहे हैं.

फर्रुखाबाद लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद मुकेश राजपूत ने दावा किया है कि पांच साल में 25 करोड़ सांसद निधि से साढ़े 17 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का काम हो चुका है. इसके अलावा साढ़े सात करोड़ का कार्य स्वीकृत है.

दरअसल फर्रुखाबाद लोकसभा सीट अभी भाजपा के खाते में है. साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर सपा दूसरे, बसपा तीसरे और कांग्रेस चौथे नंबर पर थी. साल 1998 के बाद 2014 में मोदी लहर में भाजपा ने यह सीट जीती थी.

वहीं अब सपा- बसपा गठबंधन के बाद इस सीट पर चुनाव दिलचस्प होने के आसार है. हालांकि सपा- बसपा के रूख में बदलाव होने के संकेत भी लगाए जा रहे हैं.

फर्रुखाबाद लोकसभा सीट को लेकर सलमान खुर्शीद का कहना है कि हर जगह लक्ष्य यही होगा कि बंटवारा न हो और सबको साथ जोड़कर पहले भाजपा को हटाया जाए.

फर्रुखाबाद लोकसभा सीट में 5 विधानसभा सीटें

  • फर्रुखाबाद लोकसभा सीट के अंतर्गत अलीगंज, कायमगंज, अमृतपुर, भोजपुर और फर्रुखाबाद यानि पांच विधानसभा सीटें आती हैं. साल 1957 से 1971 तक इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा.
  • कांग्रेस की जीत का सिलसिला 1977 में भारतीय लोकदल के दयाराम शाक्य ने कांग्रेस के अवधेश सिंह को हराकर तोड़ा था.
  • इसके बाद साल 1991 में आम चुनाव में कांग्रेस ने यहां वापसी की और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने जीत दर्ज की.
  • फिर 1996 में भाजपा ने इस सीट पर पहली बार जीत दर्ज की. स्वामी सच्चिदानंद हरि साक्षी यहां से एमपी चुने गए.
  • साल 1998 में एक बार फिर बीजेपी के स्वामी सच्चिदानंद हरि साक्षी यहां के सांसद निर्वाचित हुए.1996 और 1998 के चुनाव में हुई हार का बदला
  • समाजवादी पार्टी ने 1999 के चुनाव में लिया जब समाजवादी प्रत्याशी चंद्र भूषण सिंह उर्फ मुन्नू भैया ने भाजपा प्रत्याशी प्रो. रामबख्श सिंह वर्मा को हराया था.
  • साल 2004 में सपा के मुन्नू भैया ने दोबारा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार लुईस खुर्शीद को हराकर जीत दर्ज की थी.
  • साल 2009 में हुए आम चुनाव में कांग्रेस के सलमान खुर्शीद ने बहुजन समाजवादी पार्टी के नरेश चंद्र अग्रवाल को 27,199 वोटों से हराया था. मगर साल 2014 में यह सीट भाजपा के खाते में चली गई.

जिले की औसत साक्षरता की दर 72% है. साथ ही देश के 250 पिछड़े क्षेत्रों में शामिल होने की वजह से पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि के तहत विशेष सहायता भी मिलती है.

फर्रुखाबाद : लोकसभा चुनाव के लिए चुनावी बिगुल बज चुका है. ऐसे में सभी पार्टियां उम्मीदवारों के नाम घोषित कर रही हैं. इसी क्रम में जिले में सपा- बसपा से मनोज अग्रवाल और कांग्रेस के सलमान खुर्शीद ने चुनावी तैयारी शुरू कर दी है.

टिकट बचाने के लिए भाजपा सांसद ने गिनाए विकास कार्य

हालांकि भाजपा ने अब तक प्रत्याशी घोषित नहीं किया है इसके बावजूद सांसद मुकेश राजपूत जनता के बीच विकास कार्यों की बात कहकर माहौल अपनी ओर बनाने का भरसक प्रयास कर रहे हैं.

फर्रुखाबाद लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद मुकेश राजपूत ने दावा किया है कि पांच साल में 25 करोड़ सांसद निधि से साढ़े 17 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का काम हो चुका है. इसके अलावा साढ़े सात करोड़ का कार्य स्वीकृत है.

दरअसल फर्रुखाबाद लोकसभा सीट अभी भाजपा के खाते में है. साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर सपा दूसरे, बसपा तीसरे और कांग्रेस चौथे नंबर पर थी. साल 1998 के बाद 2014 में मोदी लहर में भाजपा ने यह सीट जीती थी.

वहीं अब सपा- बसपा गठबंधन के बाद इस सीट पर चुनाव दिलचस्प होने के आसार है. हालांकि सपा- बसपा के रूख में बदलाव होने के संकेत भी लगाए जा रहे हैं.

फर्रुखाबाद लोकसभा सीट को लेकर सलमान खुर्शीद का कहना है कि हर जगह लक्ष्य यही होगा कि बंटवारा न हो और सबको साथ जोड़कर पहले भाजपा को हटाया जाए.

फर्रुखाबाद लोकसभा सीट में 5 विधानसभा सीटें

  • फर्रुखाबाद लोकसभा सीट के अंतर्गत अलीगंज, कायमगंज, अमृतपुर, भोजपुर और फर्रुखाबाद यानि पांच विधानसभा सीटें आती हैं. साल 1957 से 1971 तक इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा.
  • कांग्रेस की जीत का सिलसिला 1977 में भारतीय लोकदल के दयाराम शाक्य ने कांग्रेस के अवधेश सिंह को हराकर तोड़ा था.
  • इसके बाद साल 1991 में आम चुनाव में कांग्रेस ने यहां वापसी की और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने जीत दर्ज की.
  • फिर 1996 में भाजपा ने इस सीट पर पहली बार जीत दर्ज की. स्वामी सच्चिदानंद हरि साक्षी यहां से एमपी चुने गए.
  • साल 1998 में एक बार फिर बीजेपी के स्वामी सच्चिदानंद हरि साक्षी यहां के सांसद निर्वाचित हुए.1996 और 1998 के चुनाव में हुई हार का बदला
  • समाजवादी पार्टी ने 1999 के चुनाव में लिया जब समाजवादी प्रत्याशी चंद्र भूषण सिंह उर्फ मुन्नू भैया ने भाजपा प्रत्याशी प्रो. रामबख्श सिंह वर्मा को हराया था.
  • साल 2004 में सपा के मुन्नू भैया ने दोबारा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार लुईस खुर्शीद को हराकर जीत दर्ज की थी.
  • साल 2009 में हुए आम चुनाव में कांग्रेस के सलमान खुर्शीद ने बहुजन समाजवादी पार्टी के नरेश चंद्र अग्रवाल को 27,199 वोटों से हराया था. मगर साल 2014 में यह सीट भाजपा के खाते में चली गई.

जिले की औसत साक्षरता की दर 72% है. साथ ही देश के 250 पिछड़े क्षेत्रों में शामिल होने की वजह से पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि के तहत विशेष सहायता भी मिलती है.

Intro:एंकर- लोकसभा चुनाव का ऐलान होते ही फर्रुखाबाद जनपद में सपा- बसपा से मनोज अग्रवाल और कांग्रेस के सलमान खुर्शीद ने चुनावी तैयारी करना शुरू कर दिया है. हालांकि भाजपा द्वारा अब तक प्रत्याशी घोषित ना किए जाने के बावजूद सांसद मुकेश राजपूत जनता के बीच विकास कार्यों की बात कहकर माहौल अपनी ओर बनाने का भरकस प्रयास कर रहे हैं.


Body:विओ- पोटैटो सिटी (आलू का शहर) के नाम से मशहूर उत्तर प्रदेश की फर्रुखाबाद लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद भाजपा के मुकेश राजपूत हैं. उनका दावा है कि 5 साल में 25 करोड़ सांसद निधि से साढ़े 17 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का काम हो चुका है, जबकि साढ़े 7 करोड़ का कार्य स्वीकृत है. बताते चलें कि साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर सपा दूसरे नंबर, बसपा तीसरे नंबर और कांग्रेस चौथे नंबर पर रही थी. बताते चलें कि 1998 के बाद 2014 में मोदी लहर में भाजपा ने यह सीट जीती थी. सपा- बसपा गठबंधन के बाद इस सीट पर चुनाव दिलचस्प होने के आसार है. हालांकि सपा- बसपा के रूख में बदलाव होने के संकेत भी लगाए जा रहे हैं. इसका अंदेशा सलमान खुर्शीद पहले ही दे चुके थे, उन्होंने कहा था कि हर जगह लक्ष्य यही होगा कि बंटवारा ना हो और सबको साथ जोड़कर पहले भाजपा को हटाया जाए.
फर्रुखाबाद लोकसभा सीट में 5 विधानसभा सीटें: यूपी के फर्रुखाबाद लोकसभा सीट के अंतर्गत अलीगंज, कायमगंज, अमृतपुर, भोजपुर और फर्रुखाबाद पांच विधानसभा सीटें आती हैं. साल 1957 से 1971 तक इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा. कांग्रेस की जीत का सिलसिला 1977 में भारतीय लोकदल के दयाराम शाक्य ने कांग्रेस के अवधेश सिंह को हराकर तोड़ा था. इसके बाद सन् 1991 में आम चुनाव में कांग्रेस ने यहां वापसी की और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने जीत दर्ज की. फिर 1996 में भाजपा ने इस सीट पर पहली बार जीत दर्ज की, स्वामी सच्चिदानंद हरि साक्षी यहां से एमपी चुने गए. 1998 में एक बार फिर दोबारा बीजेपी के स्वामी सच्चिदानंद हरि साक्षी यहां के सांसद निर्वाचित हुए.1996 और 1998 के चुनाव में हुई हार का बदला समाजवादी पार्टी ने 1999 के चुनाव में लिया, जब समाजवादी प्रत्याशी चंद्र भूषण सिंह उर्फ मुन्नू भैया ने भाजपा प्रत्याशी प्रो. रामबख्श सिंह वर्मा को हराया था. 2004 में समाजवादी मुन्नू भैया ने दोबारा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार लुईस खुर्शीद को हराकर जीत दर्ज की थी. 2009 में हुए आम चुनाव में कांग्रेस के सलमान खुर्शीद ने बहुजन समाजवादी पार्टी के नरेश चंद्र अग्रवाल को 27,199 वोटों से हराया था, लेकिन साल 2014 में भाजपा के खाते में यह सीट चली गई.



Conclusion:विओ- जिले की औसत साक्षरता दर 72% है और देश के 250 पिछड़े क्षेत्रों में शामिल होने की वजह से पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि के तहत विशेष सहायता भी मिलती है. यहां 84% आबादी हिंदू और 14% आबादी मुस्लिम है.
बाइट- सलमान खुर्शीद, पूर्व सांसद
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