इटावा: एक सितंबर को उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक की शाखा के प्रतिनिधियों के चयन के लिए मतदान होगा. आज बुधवार को नामांकन दाखिल किए गए. इसको लेकर प्रदेश में कई जगह छिटपुट घटनाएं भी हुईं. वहीं इटावा पहुंचे प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने सहकारी चुनाव को लेकर बड़ा बयान देते हुए इस बार के चुनाव में सरकार पर धांधली का आरोप लगाया है.
'नामांकन प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश'
शिवपाल सिंह यादव ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पूरे चुनाव में सरकार ने एमएलए, एमपी से लेकर पुलिस और अधिकारी तक को लगा दिया. इसके चलते अन्य कई कॉरपोरेटर नामाकंन तक नहीं भर सके. पूरे प्रदेश में पुलिस व प्रशासन द्वारा एक खास एजेंडे के तहत बलपूर्वक हस्तक्षेप कर नामांकन प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की गई है. ऐसा प्रतीत होता है कि इस पूरी प्रक्रिया के माध्यम से जमीनी लोगों की जगह पेशेवर लोगों का प्रभुत्व स्थापित करने का षड्यंत्र किया जा रहा है. कहीं न कहीं सरकार सहकारिता का गला घोंटने का काम कर रही है.
'दल में सिमट गया सहकारी चुनाव'
शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि आज सहकारी ग्राम बैंक का नामांकन होना था. यह चुनाव जो अभी तक दल के ऊपर जाकर होता था. इस सरकार ने इस चुनाव में उन सभी को चुनाव में नामांकन करवा दिया, जिनको सहकारी संस्था के बारे में कुछ जानकारी नहीं है.
'सहकारिता मंत्री से लेकर सचिव तक क्वारंटाइन'
शिवपाल यादव ने सरकार पर तंज करते हुए कहा कि जब इस वक्त प्रदेश के सहकारिता मंत्री क्वारंटाइन हैं, वहीं सहकारिता सचिव भी कोरोना संक्रमण से पीड़ित हैं, ऐसे में क्या चुनाव कराना जरूरी था. कोरोना संक्रमण की विभिषिका के मध्य जल्दबाजी में चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत कर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने न सिर्फ यूपी सहकारी ग्राम्य विकास बैंक के चुनाव प्रक्रिया में लगे सरकारी कर्मचारी, डेलिगेट और प्रत्याशी को संक्रमण के जोखिम में ढकेला है, बल्कि पूरी प्रक्रिया को प्रभावित किया है.