इटावा: बीते दो नवम्बर को भरथना थाना क्षेत्र में ऊसराहार रोड से नगला जलाल जाने वाले रास्ते पर हत्या कर डाले गये शव की विवेचना में मृतक के पुत्र ही हत्यारे निकले. तीनों भाइयों ने मिलकर पिता की हत्या कर दी थी. यह बात कोतवाली में शनिवार को प्रेस वार्ता में पुलिस अधीक्षक ग्रामीण ओमवीर सिंह ने पुलिस क्षेत्राधिकारी चन्द्रपाल सिंह की मौजूदगी में कही.
जमीन बेचने पर पुत्रों ने मिलकर की पिता की हत्या
एसपी ओमवीर सिंह ने बताया कि, क्षेत्र के गांव मंगूपुर निवासी वीरेंद्र सिंह उर्फ हाकिम सिंह की हत्या कर शव दो नवम्बर को ऊसराहार रोड से नगला जलाल वाले रास्ते पर मजार के सामने धान के खेत में डाल दिया गया था. इसकी विवेचना थाना प्रभारी निरीक्षक अनिल कुमार कर रहे थे, जिसके संबंध में हत्या का मामल स्थानीय थाने में दर्ज था.
एसपी ओमवीर सिंह ने बताया कि, वीरेंद्र उर्फ हाकिम के पास कुल आठ बीघा जमीन थी, जिसमें से करीब तीन बीघा जमीन पहले ही बेच दी गई थी. इसके चलते वीरेंद्र उर्फ हाकिम की पत्नी ने आत्महत्या कर ली थी. वीरेंद्र ने दोबारा 18 अगस्त 2020 को करीब ढाई बीघा जमीन बेच दी थी. छोटे बेटे विष्णु ने दिल्ली में नौकरी कर रहे भाइयों चन्द्रभान व गुड्डू उर्फ अरुण को सूचना दी. इस पर दोनों दिल्ली से घर आ गए.
एसपी ने बताया, जमीन बेचने के सम्बन्ध में दोनों का पिता से बातचीत के दौरान वाद-विवाद बढ़ गया. तीनों ने मिलकर वीरेन्द्र सिंह उर्फ हाकिम सिंह के साथ मारपीट कर गमछे से उनका मुंह दबा लिया, ताकि आवाज बाहर न जाए. इसके बाद तीनों ने उन्हें ले जाकर नगला जलाल जाने वाले रास्ते पर डालकर शिनाख्त छिपाने के लिए मुंह पर गमछा रखकर शव को ईंटों से कुचल दिया. वारदात को अंजाम देने के बाद छोटे बेटे विष्णु ने शव की शिनाख्त की. उसी की तहरीर पर अज्ञात लोगों के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज किया गया.
सीओ चन्द्रपाल सिंह ने बताया कि, जारी विवेचना के दौरान साक्ष्य मिलने पर शनिवार की सुबह पिता की हत्या के आरोपी तीनों पुत्रों को उनके ही घर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. तीनों ने अपने पिता की हत्या करना स्वीकार किया है. उनके पास से हत्या में प्रयुक्त गमछा भी बरामद किया गया है. इस कार्रवाई को अंजाम देने वाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक अनिल कुमार के अलावा दिनेश कुमार, कॉन्स्टेबल अनुराग कुमार, राघवेंद्र, आजाद और सरताज अहमद शामिल रहे.