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ओडीएफ के नाम पर सरकारी खानापूर्ति, खुले में शौच जाने को लोग मजबूर - up news

सूबे में सबसे पहले ओडीएफ जिला घोषित होने वाले इटावा जिले की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. यहां ओडीएफ योजना की आड़ में ग्राम प्रधान खूब धनउगाई कर रहे हैं.

ओडीएफ योजना की उड़ रही धज्जियां
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Published : Feb 28, 2019, 3:21 PM IST

Updated : Sep 4, 2020, 12:24 PM IST

इटावा: जिले में पीएम मोदी की ओडीएफ योजना की धज्जियां उड़ रही हैं. सूबे में सबसे पहले ओडीएफ जिला घोषित होने वाले इटावा जिले की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. शौचालय बनवाने के लिये सरकार से मिलने वाली 12 हजार रुपये की रकम में प्रधानों ने खूब घपला किया है.

ओडीएफ योजना की उड़ रही धज्जियां

जिले में पीएम मोदी की ओडीएफ योजना के आड में ग्राम प्रधान खूब धनउगाई कर रहे हैं. जिस कारण से सरकार का खुले में शौच मुक्त भारत का सपना अभी तक साकार नही हो पाया है. सूबे में सबसे पहले ओडीएफ जिला घोषित होने के बाद भी किकयानी गांव में लोग खुले में शौच करने को मजबूर है.

ऐसा भी नही है कि गांव में प्रधान ने शौचालय नहीं बनवाये हैं. प्रधान ने शौचालय तो बनवाये लेकिन उसमें भी पात्रों से सुविधा शुल्क वसूला जा रहा है. जिस कारण शौचालय अधूरे बने हैं और उनकी गुणवत्ता में भी कमी है. यही वजह है कि ओडीएफ जिला घोषित होने के बाद भी लोग खुले में शौच कर हजारों बीमारियों को न्योता दे रहे हैं. वहीं जिले के डीपीआरओ ने कि इस सम्बंध में जांच कर कड़ी कर्रवाई की करने का बात कही है.

इटावा: जिले में पीएम मोदी की ओडीएफ योजना की धज्जियां उड़ रही हैं. सूबे में सबसे पहले ओडीएफ जिला घोषित होने वाले इटावा जिले की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. शौचालय बनवाने के लिये सरकार से मिलने वाली 12 हजार रुपये की रकम में प्रधानों ने खूब घपला किया है.

ओडीएफ योजना की उड़ रही धज्जियां

जिले में पीएम मोदी की ओडीएफ योजना के आड में ग्राम प्रधान खूब धनउगाई कर रहे हैं. जिस कारण से सरकार का खुले में शौच मुक्त भारत का सपना अभी तक साकार नही हो पाया है. सूबे में सबसे पहले ओडीएफ जिला घोषित होने के बाद भी किकयानी गांव में लोग खुले में शौच करने को मजबूर है.

ऐसा भी नही है कि गांव में प्रधान ने शौचालय नहीं बनवाये हैं. प्रधान ने शौचालय तो बनवाये लेकिन उसमें भी पात्रों से सुविधा शुल्क वसूला जा रहा है. जिस कारण शौचालय अधूरे बने हैं और उनकी गुणवत्ता में भी कमी है. यही वजह है कि ओडीएफ जिला घोषित होने के बाद भी लोग खुले में शौच कर हजारों बीमारियों को न्योता दे रहे हैं. वहीं जिले के डीपीआरओ ने कि इस सम्बंध में जांच कर कड़ी कर्रवाई की करने का बात कही है.

Intro:एंकर-पीएम मोदी की ओडीएफ योजना में ग्राम प्रधानों ने लम्बा घपला किया है।इस कारण से अब तक सरकार के शौचालय पात्रो को नही मिल सके हैं।सरकार के शौचालय निर्माण के लिये मिलने वाली 12 हजार रुपये की रकम तो सरकार ने रिलीज की,लेकिन प्रधान जी पूरी की पूरी रकम ही डकार गए हैं।पेश है एक रिपोर्ट-


Body:वीओ(1)-सूबे में सबसे पहले ओडीएफ जिला घोषित होने वाले इटावा जिले की उधननपुरा ग्राम पंचायत के किकयानी गांव में सुबह सुबह जब हमारी टीम पहुँची तो देखती है कि इस गांव की महिलाएं खेतो में शौच क्रिया के लिये जा रही हैं।जब हमने इन महिलाओं से पूंछा,तो यह महिलाएं व अन्य ग्रामीण बताते हैं कि सरकार से उनके घर शौचालय निर्माण की पूरी मिली पूरी रकम प्रधान जी डकार गए हैं।

वाइट-(1)-अवधेश कुमारी(पीडिता)
(2)-उदयवीर सिंह(पीड़ित)

वीओ(2)-ऐसा भी नही है कि इस गांव में प्रधान जी ने शौचालय न बनवाये हो।चालाक प्रधान ने शौचालय तो बनवाये,लेकिन उसमें भी पात्रों से सुविधा शुल्क वसूला।जिस कारण शौचालय अधूरे बने हैं और उनकी गुणवत्ता में भी प्रश्नचिन्ह लग गया है।

वाइट-गिरीश राजपूत(पीड़ित)

वीओ(3)-इस ओडीएफ घोटाले के बारे में जब हमने सम्बन्धित विभाग के अधिकारी से बात की तो अब वे जांच कराकर कार्रवाही का भरोसा दे रहे हैं।

वाइट-डीपीआरओ इटावा



Conclusion:वीओ(4)-अगर सरकार के ओडीएफ योजना की ईमानदारी से जांच की जाय तो इस योजना में लम्बा घपला मिलेगा।

मोब न0 8445980843।
Last Updated : Sep 4, 2020, 12:24 PM IST
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