इटावा: जिले में पीएम मोदी की ओडीएफ योजना की धज्जियां उड़ रही हैं. सूबे में सबसे पहले ओडीएफ जिला घोषित होने वाले इटावा जिले की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. शौचालय बनवाने के लिये सरकार से मिलने वाली 12 हजार रुपये की रकम में प्रधानों ने खूब घपला किया है.
जिले में पीएम मोदी की ओडीएफ योजना के आड में ग्राम प्रधान खूब धनउगाई कर रहे हैं. जिस कारण से सरकार का खुले में शौच मुक्त भारत का सपना अभी तक साकार नही हो पाया है. सूबे में सबसे पहले ओडीएफ जिला घोषित होने के बाद भी किकयानी गांव में लोग खुले में शौच करने को मजबूर है.
ऐसा भी नही है कि गांव में प्रधान ने शौचालय नहीं बनवाये हैं. प्रधान ने शौचालय तो बनवाये लेकिन उसमें भी पात्रों से सुविधा शुल्क वसूला जा रहा है. जिस कारण शौचालय अधूरे बने हैं और उनकी गुणवत्ता में भी कमी है. यही वजह है कि ओडीएफ जिला घोषित होने के बाद भी लोग खुले में शौच कर हजारों बीमारियों को न्योता दे रहे हैं. वहीं जिले के डीपीआरओ ने कि इस सम्बंध में जांच कर कड़ी कर्रवाई की करने का बात कही है.