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इटावा: जिला महिला अस्पताल ने लॉकडाउन में ओपीडी चालू रख पेश की मिसाल

उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार से प्रदेश की सभी ओपीडी, सीएचसी और निजी क्लीनिक को खोलने के आदेश जारी किए थे, जिसके बाद से अधिकांश जगहों पर ओपीडी खोली गई. वहीं लॉकडाउन के दौरान भी इटावा जिले में जिला महिला चिकित्सालय की ओपीडी को खोला गया. सीएमएस डॉ.अशोक कुमार ने बताया कि इस दौरान कोरोना को लेकर एहतियात बरतते हुए यहां आने वाले सभी मरीजों का इलाज किया गया.

महिला अस्पताल की ओपीडी
महिला अस्पताल की ओपीडी
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Published : Jun 17, 2020, 10:56 PM IST

Updated : Sep 4, 2020, 12:24 PM IST

इटावा: जनपद के जिला महिला चिकित्सालय ने एक नई मिसाल पेश की है. लॉकडाउन में भी महिला चिकित्सालय ओपीडी को एक दिन के लिए भी बंद नहीं किया गया. लॉकडाउन में यहां मौजूद डॉक्टरों द्वारा नॉन कोरोना मरीजों का समुचित उपचार किया गया. सीएमएस डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि आम दिनों की तुलना में लॉकडाउन में अस्पताल में मरीज भी ज्यादा आए और ऑपरेशन की संख्या भी ज्यादा रही.

लॉकडाउन में भी निरंतर रही महिला अस्पताल की ओपीडी.

प्रदेश सरकार ने मंगलवार को प्रदेश की सभी सीएचसी, निजी क्लीनिक और ओपीडी खोलने के आदेश दे दिए हैं. इस आदेश के बाद बुधवार से अधिकांश जगहों की ओपीडी खोली गई. वहीं इटावा जनपद में मरीजों की समस्याओं को देखते हुए महिला चिकित्सालय की ओपीडी लॉकडाउन में भी एक दिन भी बंद नहीं हुई. यहां जो भी महिलाएं डिलीवरी के लिए या किसी अन्य समस्या के लिए आईं, उनके ऑपरेशन से लेकर सभी तरह का इलाज जारी रखा गया. इस बारे में अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि उन्होंने खुद लोगों का इलाज किया. स्टॉफ कम होने पर भी लगातार ओपीडी खोली गई और जो भी लोग जांच, ऑपरेशन समेत अन्य स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं को लेकर आए, उनका अस्पताल में पूरी तरह से उपचार किया गया.

महिला की स्क्रीनिंग.
महिला की स्क्रीनिंग.

ऑपरेशन की संख्या में हुआ इजाफा
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के बीच लगातार ओपीडी चलती रही. इस दौरान जो भी मरीज आ रहे थे, उनकी समस्या सुनकर इलाज किया गया. वहीं उन्होंने यह भी बताया कि अस्पताल में इस दौरान सामान्य दिनों की अपेक्षा ऑपरेशन की संख्या में खासा इजाफा देखने को मिला है. इस दौरान अधिक संख्या में ऑपरेशन हुए हैं.

प्रवासी मरीजों की इलाज से पहले हो रही जांच
डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि जो प्रवासी बाहर से आए हैं, उनका भी अस्पताल में इलाज किया जा रहा है. पहले उनकी कोविड-19 की जांच करवाई जा रही है, उसके बाद उनका इलाज शुरू किया जा रहा है. इसी के साथ उन्होंने बताया कि जो भी मरीज अस्पताल में आते हैं, पहले उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है. यदि किसी का तापमान अधिक मिलता है तो पहले उसकी जांच करवाई जाती है, जिसके बाद ही उनका उपचार किया जाता है.

इटावा: जनपद के जिला महिला चिकित्सालय ने एक नई मिसाल पेश की है. लॉकडाउन में भी महिला चिकित्सालय ओपीडी को एक दिन के लिए भी बंद नहीं किया गया. लॉकडाउन में यहां मौजूद डॉक्टरों द्वारा नॉन कोरोना मरीजों का समुचित उपचार किया गया. सीएमएस डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि आम दिनों की तुलना में लॉकडाउन में अस्पताल में मरीज भी ज्यादा आए और ऑपरेशन की संख्या भी ज्यादा रही.

लॉकडाउन में भी निरंतर रही महिला अस्पताल की ओपीडी.

प्रदेश सरकार ने मंगलवार को प्रदेश की सभी सीएचसी, निजी क्लीनिक और ओपीडी खोलने के आदेश दे दिए हैं. इस आदेश के बाद बुधवार से अधिकांश जगहों की ओपीडी खोली गई. वहीं इटावा जनपद में मरीजों की समस्याओं को देखते हुए महिला चिकित्सालय की ओपीडी लॉकडाउन में भी एक दिन भी बंद नहीं हुई. यहां जो भी महिलाएं डिलीवरी के लिए या किसी अन्य समस्या के लिए आईं, उनके ऑपरेशन से लेकर सभी तरह का इलाज जारी रखा गया. इस बारे में अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि उन्होंने खुद लोगों का इलाज किया. स्टॉफ कम होने पर भी लगातार ओपीडी खोली गई और जो भी लोग जांच, ऑपरेशन समेत अन्य स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं को लेकर आए, उनका अस्पताल में पूरी तरह से उपचार किया गया.

महिला की स्क्रीनिंग.
महिला की स्क्रीनिंग.

ऑपरेशन की संख्या में हुआ इजाफा
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के बीच लगातार ओपीडी चलती रही. इस दौरान जो भी मरीज आ रहे थे, उनकी समस्या सुनकर इलाज किया गया. वहीं उन्होंने यह भी बताया कि अस्पताल में इस दौरान सामान्य दिनों की अपेक्षा ऑपरेशन की संख्या में खासा इजाफा देखने को मिला है. इस दौरान अधिक संख्या में ऑपरेशन हुए हैं.

प्रवासी मरीजों की इलाज से पहले हो रही जांच
डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि जो प्रवासी बाहर से आए हैं, उनका भी अस्पताल में इलाज किया जा रहा है. पहले उनकी कोविड-19 की जांच करवाई जा रही है, उसके बाद उनका इलाज शुरू किया जा रहा है. इसी के साथ उन्होंने बताया कि जो भी मरीज अस्पताल में आते हैं, पहले उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है. यदि किसी का तापमान अधिक मिलता है तो पहले उसकी जांच करवाई जाती है, जिसके बाद ही उनका उपचार किया जाता है.

Last Updated : Sep 4, 2020, 12:24 PM IST
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