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इटावा: वन विभाग के अधिकारी की बेटियों की पहल, घर में मास्क बनाकर नि:शुल्क कर रहीं वितरण - इटावा में मास्क का नि:शुल्क वितरण

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में रहने वाली दो सगी बहने जरूरतमंदों के लिए मास्क बनाकर उसका नि:शुल्क वितरण कर रही हैं. उन्होंने बताया कि उनको यह प्रेरणा प्रधानमंत्री के संबोधन से मिली है.

daughters of forest department officer
वन विभाग के अधिकारी की बेटियां गरीबों को नि:शुल्क बांट रहीं मास्क.
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Published : Apr 23, 2020, 5:16 PM IST

Updated : Sep 4, 2020, 12:24 PM IST

इटावा: जिले में वन विभाग के एक अधिकारी की दो बेटियों ने गरीबों के लिए घर में मास्क बनाने का काम शुरू कर दिया है. दोनों बहन घर में खुद ही सैकड़ों मास्क बना रही हैं और इनको रोज गरीबों में नि:शुल्क वितरित कर रही हैं.

उन्होंने बताया कि हमें यह प्रेरणा प्रधानमंत्री के संबोधन और अपने माता पिता से मिली है, जिसके बाद से वे लगातार मास्क बना रही हैं और जिसको भी जरूरत है उसको निशुल्क वितरित कर रही हैं.

वन विभाग के अधिकारी की बेटियां गरीबों को नि:शुल्क बांट रहीं मास्क.

प्रधानमंत्री के संबोधन से मिली प्रेरणा

दीपशिखा ने बताया कि उनको यह प्रेरणा प्रधानमंत्री के संबोधन से मिली, जिसके बाद उसकी छोटी बहन ने सोचा कि घर से कुछ ऐसा काम किया जाए, जिससे लोगों की मदद की जा सके. इसके बाद हम लोगों ने बिना किसी की सहायता से घर पर मास्क बनाने शुरू किए.

उन्होंने बताया कि हम लोग मास्क इसलिए भी बना रहे हैं, क्योंकि कोरोना से बचाव के लिए सबसे ज्यादा जरूरी सुरक्षा है, क्योंकि पता नहीं यह वायरस कहां से फैल जाए. सुरक्षा की दृष्टि से मास्क बनाना शुरू किया. वहीं उन्होंने यह भी बताया कि उनको इसकी प्रेरणा प्रधानमंत्री के साथ उनके माता-पिता से मिली.

धोकर या सैनिटाइज करके दोबारा प्रयोग कर सकते हैं

दीपशिखा ने बताया कि बाजार में मिलने वाले जो भी मास्क हैं सभी डिस्पोजल हैं. उनको एक बार प्रयोग करके फेंक दिया जाता है, लेकिन इस मास्क को हम लोग धुलकर या सैनिटाइज करके दोबारा भी प्रयोग कर सकते हैं, जिसमें कुछ भी हानिकारक नहीं है, क्योंकि इन्हें घर पर बनाया जा रहा है.
इसे भी पढ़ें:-चित्रकूट: लॉकडाउन का पर्यावरण पर दिखा असर, हवा-पानी साफ

इटावा: जिले में वन विभाग के एक अधिकारी की दो बेटियों ने गरीबों के लिए घर में मास्क बनाने का काम शुरू कर दिया है. दोनों बहन घर में खुद ही सैकड़ों मास्क बना रही हैं और इनको रोज गरीबों में नि:शुल्क वितरित कर रही हैं.

उन्होंने बताया कि हमें यह प्रेरणा प्रधानमंत्री के संबोधन और अपने माता पिता से मिली है, जिसके बाद से वे लगातार मास्क बना रही हैं और जिसको भी जरूरत है उसको निशुल्क वितरित कर रही हैं.

वन विभाग के अधिकारी की बेटियां गरीबों को नि:शुल्क बांट रहीं मास्क.

प्रधानमंत्री के संबोधन से मिली प्रेरणा

दीपशिखा ने बताया कि उनको यह प्रेरणा प्रधानमंत्री के संबोधन से मिली, जिसके बाद उसकी छोटी बहन ने सोचा कि घर से कुछ ऐसा काम किया जाए, जिससे लोगों की मदद की जा सके. इसके बाद हम लोगों ने बिना किसी की सहायता से घर पर मास्क बनाने शुरू किए.

उन्होंने बताया कि हम लोग मास्क इसलिए भी बना रहे हैं, क्योंकि कोरोना से बचाव के लिए सबसे ज्यादा जरूरी सुरक्षा है, क्योंकि पता नहीं यह वायरस कहां से फैल जाए. सुरक्षा की दृष्टि से मास्क बनाना शुरू किया. वहीं उन्होंने यह भी बताया कि उनको इसकी प्रेरणा प्रधानमंत्री के साथ उनके माता-पिता से मिली.

धोकर या सैनिटाइज करके दोबारा प्रयोग कर सकते हैं

दीपशिखा ने बताया कि बाजार में मिलने वाले जो भी मास्क हैं सभी डिस्पोजल हैं. उनको एक बार प्रयोग करके फेंक दिया जाता है, लेकिन इस मास्क को हम लोग धुलकर या सैनिटाइज करके दोबारा भी प्रयोग कर सकते हैं, जिसमें कुछ भी हानिकारक नहीं है, क्योंकि इन्हें घर पर बनाया जा रहा है.
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Last Updated : Sep 4, 2020, 12:24 PM IST
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