एटा : मध्य प्रदेश के धार जिले के एक गांव का 38 वर्षीय गरीब व्यक्ति अपने बेटे को दसवीं कक्षा की बोर्ड का एग्जाम दिलाने के लिए 105 किलोमीटर दूर साइकिल पर बैठाकर ले गया. आईपीएस नवनीत सिकेरा इस खबर को पढ़कर भावुक हो गए. इसके बाद उन्होंने अपनी जिंदगी से जुड़ी कहानी को फेसबुक वॉल पर साझा किया. उन्होंने बताया कि "कुछ दशक पहले मेरे पिता भी मुझे मांगी हुई साइकिल पर बिठाकर आईआईटी एंट्रेंस एग्जाम दिलाने के लिए ले गए थे. वहां पर बहुत से स्टूडेंट्स कार से भी आए थे".
नवनीत सिकेरा ने लिखा है कि "पिताजी ने कहा कि इमारत की मजबूती उसकी नींव पर निर्भर करती है, ना की उस पर लटके झाड़ फानूस पर. मेरे पिताजी ने मेरे मनोबल को पूरी जोश से भर दिया. उसके बाद मैं फिर एग्जाम दिया. परिणाम भी आया, आगरा के उस सेंटर से मात्र दो ही लड़के पास हुए थे, जिनमें एक मेरा भी नाम था. ईश्वर से प्रार्थना है कि इन पिता-पुत्र को भी इनकी मेहनत का मीठा फल दें".