एटा: जहां कोरोना वायरस नाम की इस महामारी ने पूरी दुनिया में खौफ पैदा कर दिया है. वहीं इस दौरान कोरोना फाइटर्स अपनी और अपनी निजी जिंदगी की परवाह किए बगैर लगातार अपने काम में लगे हुए हैं. इसके साथ ही सभी उदहारण पेश कर रहे हैं.
दरअसल जहां जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश अग्रवाल अपनी परवाह छोड़ लोगों की सेवा में लगे हुए हैं. वहीं अपने पिता की मृत्यु के बाद भी अपने काम को करते रहे. अपनी भावनाओं को अपने काम के आगे नहीं आने दिया. फोन पर उनके अंतिम दर्शन किए.
लॉकडाउन से नहीं गए घर
बता दें कि जब से लॉकडाउन लगा है तब से जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेश अग्रवाल अपने घर नहीं गए हैं और अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. डॉ. अग्रवाल के पिता और उनके दो भाई बरेली में रहते हैं. बीते 19 तारीख की देर शाम उनके पिता महावीर शरण अग्रवाल का निधन हो गया था. वो 93 साल के थे.
फोन पर पिता के अंतिम दर्शन
पिता के निधन की खबर सुनने के बाद भी डॉ. अग्रवाल विचलित नहीं हुए और न ही अपने ऊपर किसी प्रकार के दुख को हावी होने दिया. बस मोबाइल फोन पर अपने पिता के अंतिम दर्शन किए और फिर अपने काम पर जुट गए.
दरअसल लॉकडाउन की घोषणा के बाद से ही मरीजों का इलाज इमरजेंसी में हो रहा है. ऐसे में अस्पताल की व्यवस्था न बिगड़े और गंभीर मरीजों को इलाज भी मिलता रहे. इसकी जिम्मेदारी डॉक्टर अग्रवाल के ही कंधे पर है.
लॉकडाउन के नियमों का पालन
डॉ. राजेश अग्रवाल के मुताबिक एटा और बरेली दोनों जिलों में कोरोना पॉजिटिव केस मिले हैं. ऐसे में एक डॉक्टर के तौर पर हमारी जिम्मेदारी ज्यादा है. इसके अलावा यदि हम ही लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं करेंगे, तो हम दूसरों के लिए क्या उदाहरण पेश करेंगे.