देवरिया: जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में नामांकन के दौरान सपा विधायक आशुतोष उपाध्याय और पुलिस अधीक्षक के बीच हुई धक्का मुक्की के मामले में समाजवादी पार्टी के नेता अभिजीत यादव को गिरफ्तार किया गया था. उन पर जिला प्रसाशन ने कलेक्ट्रेट गेट तोड़ने का आरोप लगाते हुये एनएसए लगाकर जेल भेज दिया है.
दरअसल 26 जून को जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में सपा ने शैलजा यादव को और भाजपा ने गिरीश तिवारी को अपना प्रत्याशी बनाया था. शनिवार को नामांकन के दौरान सपा कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट गेट पर न केवल हंगामा किया, बल्कि एसपी के साथ धक्का-मुक्की भी की थी. विधायक को धकेलते हुए पुलिसकर्मी सड़क तक ले गए. उधर, कार्यकर्ताओं को लाठी लेकर दौड़ा लिया गया था. पुलिस लाठीचार्ज में पूर्व विधायक गजाला लारी, साहू राठौर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन गुप्ता, श्याम बहादुर भारती, अशोक यादव, अभिजीत यादव, संतोष, पंकज चौरसिया आदि को चोटें आई थीं.
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पुलिस ने इस मामले में पूर्व विधायक गजाला लारी, पीडी तिवारी, सपा जिलाध्यक्ष दिलीप यादव, अभिजीत यादव, रमाशंकर यादव आदि सहित 100-150 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर अभिजीत यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इस मामले में पुलिस की रिपोर्ट पर डीएम ने अभिजीत यादव पर एनएसए लगाया है.
बता दें कि सपा की अधिकृत प्रत्याशी शैलजा यादव कलेक्ट्रेट पर पहले पर्चा दाखिला करने पहुंची. उनके साथ प्रस्तावक और समर्थक को गेट के अंदर जाने दिया गया. जबकि भाटपार रानी से सपा विधायक डॉक्टर आशुतोष उपाध्याय और जिलाध्यक्ष दिलीप यादव को गेट पर रोक दिया गया. सपा विधायक का आरोप है कि जबकि भाजपा प्रत्याशी के साथ प्रस्तावक और समर्थक तो गए ही, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉक्टर अंतर्यामी सिंह, मंत्री सूर्य प्रताप शाही और सलेमपुर सांसद रवींद्र कुशवाहा भी अंदर चले गए. इस पर नाराज सपा विधायक और कार्यकर्ता गेट पर नारेबाजी करने लगे. इसके बाद एसपी डॉक्टर श्रीपति मिश्र फोर्स के साथ पहुंचे और सपा विधायक से भिड़ गए. पुलिस ने हल्का बल प्रयोग भी किया. इससे कई कार्यकर्ताओं को चोटें आईं. पुलिस ने एक कार्यकर्ता को हिरासत में ले लिया है.