देवरिया: जिले में प्रवासी मजदूरों के आगमन से क्वारंटाइन केंद्रों में जगह की कमी होने लगी है. गौरीबाजार थाना क्षेत्र के सिरजम गांव में आए 60 प्रवासी मजदूरों को ग्राम प्रधान अब गांव के बगीचे व पोल्ट्री फार्म हाउस में रखने को मजबूर हैं. ये श्रमिक लॉकडाउन के चलते दिल्ली, मुंबई व गुजरात से किसी तरह यहां पहुंचे थे.
गौरीबाजार थाना क्षेत्र के बैतालपुर विकास खंड के ग्राम पंचायत सिरजम में प्रवासी मजदूर के लिए गांव के प्राथमिक एवं जूनियर विद्यालय को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है. शुक्रवार को मुंबई से यहां 60 प्रवासी मजदूर पहुंचे. लेकिन गांव में बने क्वारंटाइन सेंटर में केवल 16 लोगों के ठहरने की व्यवस्था थी. यह देख प्रवासी लोग उग्र हो गए और अपने-अपने गांव जाने लगे. ग्राम प्रधान ने इसकी सूचना गौरीबाजार पुलिस को दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझा बुझा कर गांव के बगीचे व पोल्ट्री फार्म पर रुकवाया.
प्रवासी मजदूरों की हुई थर्मल स्क्रिनिंग
सिरजम गांव में आए सभी प्रवासी मजदूरों की स्वास्थ्य विभाग ने थर्मल स्क्रिनिंग की. इनके आने के बाद संक्रमण के खतरे को देखते हुए पूरे गांव को सैनिटाइज किया गया. प्रवासी मजदूर अजय, राजेश, मोनू और विकास ने बताया कि गांव में रुकने की कोई व्यवस्था नहीं है. हम लोग बगीचे व पोल्ट्री फार्म पर रुकने को मजबूर हैं. यहां न तो भोजन की व्यवस्था है और न ही लाइट की. सरकार की तरफ से भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है. ग्राम प्रधान सन्तोष यादव का कहना था कि उनका गांव बैतालपुर ब्लाक में सबसे बड़ा जनसंख्या वाला गांव है. संख्या बढ़ना स्वभाविक है. विभिन्न शहरों से लौटे लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी कराना है. प्रशासन को इस समस्या से अवगत कराया गया है.
वहीं, जब इस सम्बन्ध में जोनल मजिस्ट्रेट संजीव कुमार उपाध्याय ने कहा कि ईटीवी भारत के जानकारी देने पर मामला संज्ञान में आया है, जल्द ही नए क्वारंटाइन सेंटर बनाकर सभी लोगों की व्यवस्था करा दी जाएगी.