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देवरिया: दूसरे के प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहे दो शिक्षक बर्खास्त

यूपी के देवरिया में फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी कर रहे दो शिक्षकों को बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बर्खास्त कर दिया है, उनसे पैसे की रिकवरी की जा रही है.

बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार राय.
बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार राय.
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Published : Oct 8, 2020, 9:05 AM IST

देवरिया: जिले में फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी कर रहे दो शिक्षकों को बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार राय ने बुधवार को बर्खास्त कर दिया. वहीं जिले में अब तक दूसरे लोगों के प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहे 46 फर्जी शिक्षक बर्खास्त हो चुके हैं. साथ ही उनसे रिकवरी भी की जा रही है.

रामपुर कारखाना थाना क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय मेहरौना में प्रधानाध्यापिका के पद पर कार्यरत इशरावती देवी की शिकायत किसी ने एसटीएफ से की थी. एसटीएफ ने बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार रॉय से शिक्षिका का प्रमाण पत्र तलब कर अपने स्तर से जांच करवाया. दरअसल, नौकरी के लिये शिक्षिका इशरावती देवी ने राजकीय बालिका दीक्षा विद्यालय प्रतापगढ़ से 1992 में पास कर बीटीसी का प्रमाण पत्र लगाया था. एसटीएफ ने इसकी जांच परीक्षा नियामक प्राधिकरण प्रयागराज से कराई. जिसमें पता चला कि प्रधानाध्यापिका इशरावती देवी ने बीटीसी प्रमाण पत्र पर अंकित अनुक्रमांक 1721 पर विमला देवी पुत्री शिवचरण ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है.

इस आधार पर एसटीएफ ने बेसिक शिक्षा अधिकारी देवरिया को प्रधानाध्यापिका के प्रमाण पत्र को फर्जी होने की जानकारी देते हुए उन पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए. जिसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शिक्षिका को अपने प्रमाण पत्र व स्पष्ट कारण प्रस्तुत करने को कहा. जिसमें शिक्षिका अपना प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं कर पायी. जिसे लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शिक्षिका को बर्खास्त कर दिया.

वहीं दूसरा मामला भटनी थाना क्षेत्र के पूर्व माध्यमिक विद्यालय गरबैसी में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत उमेश यादव के खिलाफ है. रामनाथ देवरिया के एक व्यक्ति ने बेसिक शिक्षा अधिकारी से शिक्षक का प्रमाण पत्र फर्जी होने की शिकायत की थी. उसकी जांच अधिकारी से कराई गयी, इसमें पता चला कि उमेश यादव का स्नातक और बीएड की डिग्री दोनों के प्रमाण पत्र फर्जी हैं.

स्नातक के अनुक्रमांक 55223 वर्ष 1990 में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में इवतर अली के नाम से अंकित है. जबकि बीएड के अनुक्रमांक 1200587 के अनुसार 2001 में आशीष कुमार वैश्य के नाम से अंकित है. दोनों प्रमाण पत्र फर्जी पाये जाने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी ने उमेश यादव को भी बर्खास्त कर दिया. इसके साथ ही जिले में अभी तक 46 फर्जी शिक्षक व शिक्षिका बर्खास्त हो चुके है और उनसे रिकवरी भी किया जा रहा है.


जिले में अब 46 फर्जी शिक्षको को बर्खास्त किया जा चुका है. जो दूसरे लोगों के प्रमाण पत्रों पर नौकरी कर रहे थे. इसके साथ ही शासन के निर्देश पर उसने रिकवरी की भी प्रक्रिया की जा रही है.

-संतोष कुमार रॉय, बेसिक शिक्षा अधिकारी

देवरिया: जिले में फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी कर रहे दो शिक्षकों को बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार राय ने बुधवार को बर्खास्त कर दिया. वहीं जिले में अब तक दूसरे लोगों के प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहे 46 फर्जी शिक्षक बर्खास्त हो चुके हैं. साथ ही उनसे रिकवरी भी की जा रही है.

रामपुर कारखाना थाना क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय मेहरौना में प्रधानाध्यापिका के पद पर कार्यरत इशरावती देवी की शिकायत किसी ने एसटीएफ से की थी. एसटीएफ ने बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार रॉय से शिक्षिका का प्रमाण पत्र तलब कर अपने स्तर से जांच करवाया. दरअसल, नौकरी के लिये शिक्षिका इशरावती देवी ने राजकीय बालिका दीक्षा विद्यालय प्रतापगढ़ से 1992 में पास कर बीटीसी का प्रमाण पत्र लगाया था. एसटीएफ ने इसकी जांच परीक्षा नियामक प्राधिकरण प्रयागराज से कराई. जिसमें पता चला कि प्रधानाध्यापिका इशरावती देवी ने बीटीसी प्रमाण पत्र पर अंकित अनुक्रमांक 1721 पर विमला देवी पुत्री शिवचरण ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है.

इस आधार पर एसटीएफ ने बेसिक शिक्षा अधिकारी देवरिया को प्रधानाध्यापिका के प्रमाण पत्र को फर्जी होने की जानकारी देते हुए उन पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए. जिसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शिक्षिका को अपने प्रमाण पत्र व स्पष्ट कारण प्रस्तुत करने को कहा. जिसमें शिक्षिका अपना प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं कर पायी. जिसे लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शिक्षिका को बर्खास्त कर दिया.

वहीं दूसरा मामला भटनी थाना क्षेत्र के पूर्व माध्यमिक विद्यालय गरबैसी में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत उमेश यादव के खिलाफ है. रामनाथ देवरिया के एक व्यक्ति ने बेसिक शिक्षा अधिकारी से शिक्षक का प्रमाण पत्र फर्जी होने की शिकायत की थी. उसकी जांच अधिकारी से कराई गयी, इसमें पता चला कि उमेश यादव का स्नातक और बीएड की डिग्री दोनों के प्रमाण पत्र फर्जी हैं.

स्नातक के अनुक्रमांक 55223 वर्ष 1990 में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में इवतर अली के नाम से अंकित है. जबकि बीएड के अनुक्रमांक 1200587 के अनुसार 2001 में आशीष कुमार वैश्य के नाम से अंकित है. दोनों प्रमाण पत्र फर्जी पाये जाने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी ने उमेश यादव को भी बर्खास्त कर दिया. इसके साथ ही जिले में अभी तक 46 फर्जी शिक्षक व शिक्षिका बर्खास्त हो चुके है और उनसे रिकवरी भी किया जा रहा है.


जिले में अब 46 फर्जी शिक्षको को बर्खास्त किया जा चुका है. जो दूसरे लोगों के प्रमाण पत्रों पर नौकरी कर रहे थे. इसके साथ ही शासन के निर्देश पर उसने रिकवरी की भी प्रक्रिया की जा रही है.

-संतोष कुमार रॉय, बेसिक शिक्षा अधिकारी

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