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चित्रकूट में डीएम की अनोखी पहल, अन्ना गोवंश से खत्म होगा कुपोषण

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर चित्रकुट के डीएम शेषमणि पांडे एक अनोखी पहल शुरू की है. जिले में डीएम द्वारा कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए उनकी माताओं को एक-एक दुधारू गाय दी जा रही है.

कुपोषित बच्चों की माताओं को गाय भेट करते डीएम.
कुपोषित बच्चों की माताओं को गाय भेट करते डीएम.
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Published : Sep 27, 2020, 12:03 PM IST

चित्रकूट: डीएम शेषमणि पांडे ने गोवंश से कुपोषण दूर करने का एक अनोखा तरीका निकाला है. दरअसल, डीएम ने एक अभियान चलाकर कुपोषित बच्चों की माताओं को इन्हीं अन्ना गोवंश से एक-एक दुधारू गाय उपलब्ध कराने की शुरूआत कर दी है. इससे कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार होगा. साथ ही जिले को अन्ना प्रथा से निजात मिलेगी.

डीएम शेषमणि पांडे ने पोषण अभियान के तहत कुपोषित बच्चों की माताओं को एक-एक दुधारू गाय उपलब्ध कराने की अनोखी पहल की शुरूआत की है. जिससे कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार हो सके. आपको बता दें कि इस अनोखी पहल की शुरुआत पहाड़ी ब्लाक के खरसेड़ा गांव से की गई है. जिसमें डीएम शेषमणि पांडे व बांदा चित्रकूट के सांसद आरके सिंह पटेल ने गांव में पहुंचकर कुपोषण अभियान के तहत जो गांव में कुपोषित बच्चे थे, उन 25 बच्चों का चयन कर उनकी माताओं को एक-एक दुधारू गाय दिया है. गायों का खर्च उठाने के लिए सौभाग्यता योजना के तहत उनको प्रतिमाह 900 रुपये भी दिए जाएंगे.

डीएम शेषमणि पांडे ने बताया कि जिले में अस्थाई गौशाला जो बनाई गई थी, उनमें दुधारू गायों को ब्लॉक स्तर में अभियान चलाकर कुपोषित बच्चों के माताओं को दी जाएगी. जिससे उनके स्वास्थ्य में सुधार हो सके. डीएम ने कहा कि आगे इन अन्ना गायों में नस्ल सुधार करने के लिए भी कार्य किए जाएंगे. जिससे गायों के दूध देने से लोग अपनी गायों को आवारा नहीं छोड़ें.

पहले लोग शादी ब्याह में सोना-चांदी और गाड़ी, टीवी, फ्रिज नहीं दिया करते थे. बल्कि गाय और भैंसों को दिया जाता था. जिससे उनका परिवार व उनके बच्चे हष्ट पुष्ट रहते थे, लेकिन जब से गाड़ी, फ्रिज, टीवी देने का चलन आया तब से कुपोषण की बीमारी फैलने लगी.

-आरके सिंह पटेल, बांदा-चित्रकूट सांसद

चित्रकूट: डीएम शेषमणि पांडे ने गोवंश से कुपोषण दूर करने का एक अनोखा तरीका निकाला है. दरअसल, डीएम ने एक अभियान चलाकर कुपोषित बच्चों की माताओं को इन्हीं अन्ना गोवंश से एक-एक दुधारू गाय उपलब्ध कराने की शुरूआत कर दी है. इससे कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार होगा. साथ ही जिले को अन्ना प्रथा से निजात मिलेगी.

डीएम शेषमणि पांडे ने पोषण अभियान के तहत कुपोषित बच्चों की माताओं को एक-एक दुधारू गाय उपलब्ध कराने की अनोखी पहल की शुरूआत की है. जिससे कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार हो सके. आपको बता दें कि इस अनोखी पहल की शुरुआत पहाड़ी ब्लाक के खरसेड़ा गांव से की गई है. जिसमें डीएम शेषमणि पांडे व बांदा चित्रकूट के सांसद आरके सिंह पटेल ने गांव में पहुंचकर कुपोषण अभियान के तहत जो गांव में कुपोषित बच्चे थे, उन 25 बच्चों का चयन कर उनकी माताओं को एक-एक दुधारू गाय दिया है. गायों का खर्च उठाने के लिए सौभाग्यता योजना के तहत उनको प्रतिमाह 900 रुपये भी दिए जाएंगे.

डीएम शेषमणि पांडे ने बताया कि जिले में अस्थाई गौशाला जो बनाई गई थी, उनमें दुधारू गायों को ब्लॉक स्तर में अभियान चलाकर कुपोषित बच्चों के माताओं को दी जाएगी. जिससे उनके स्वास्थ्य में सुधार हो सके. डीएम ने कहा कि आगे इन अन्ना गायों में नस्ल सुधार करने के लिए भी कार्य किए जाएंगे. जिससे गायों के दूध देने से लोग अपनी गायों को आवारा नहीं छोड़ें.

पहले लोग शादी ब्याह में सोना-चांदी और गाड़ी, टीवी, फ्रिज नहीं दिया करते थे. बल्कि गाय और भैंसों को दिया जाता था. जिससे उनका परिवार व उनके बच्चे हष्ट पुष्ट रहते थे, लेकिन जब से गाड़ी, फ्रिज, टीवी देने का चलन आया तब से कुपोषण की बीमारी फैलने लगी.

-आरके सिंह पटेल, बांदा-चित्रकूट सांसद

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