चित्रकूट: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अपील के बाद धर्म नगरी चित्रकूट में भी उत्साह पूर्वक दीप जलाया गया. लोगों ने अपने घरों के सामने रंगोली बनाकर दीपदान किया, जिसमें रात्रि 09:00 बजे लाइट बंद होने के बाद पूरा शहर दीपों से जगमगाता नजर आया. लोगों ने दीप जलाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील को स्वीकारा और अनेकता में एकता का परिचय दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 5 अप्रैल दिन रविवार को रात्रि 9:00 से रात्रि 9:09 तक लाइट गुल रहने की दशा में दीपदान करने की अपील को लोगों ने सर आंखों पर लिया और अपने घरों के सामने रंगोली बनाकर दीपदान किया. दीपदान करते समय लोग काफी उत्साहित दिखे, जिसमें कई लोगों ने दीपदान के साथ ही साथ पटाखे व फुलझड़ी भी जलाई.
दीपदान के लिए 5 अप्रैल का दिन ही क्यों चुना गया?
अंक ज्योतिष के आधार पर देखा जाए तो अति महत्वपूर्ण एवं विचारणीय विषय है. अंक विज्ञान के अनुसार 5 अंक का स्वामी बुध है. बुध गला फेफड़ा और मुख का कारक ग्रह होता है. वर्तमान में वैश्विक महामारी कोरोना ने मनुष्य के मुख, फेफड़े और गले को ही अपना निशाना बनाया है. बुध ग्रह का राजकुमार और वर्तमान संवत 2077 का अधिपत्य भी है. अतः 5 अप्रैल इस दृष्टि से भी अनुकूल है. रविवार सूर्य का दिन होता है. सूर्य नवग्रहों का दीपक है और अधिपति भी है. समस्त ग्रह सौर ऊर्जा से भी प्रभावित है.
सूर्य और दीपक प्रकाश का प्रतीक
सूर्य और दीपक यह प्रकाश का प्रतीक है. अतः 5 अप्रैल को रात्रि 9:00 से 9:09 मिनट तक यम घंट काल में करोड़ों प्रज्वलित दीपक सूर्य को बल प्रदान करेंगे. नवग्रहों का अंक मंगल ग्रह का प्रतीक है. मंगल सौरमंडल का सेनापति होने के कारण महामारी अंधकार को नष्ट करने में सूर्य का पूर्ण सहयोग करेगा रात्रि या अंधकार शनि का प्रतीक है और शनि सूर्य से अर्थात अंधकार प्रकाश से दूर होता है. अतः रविवार 5 अप्रैल को जो पूर्णिमा के नजदीक की तिथि है, उस दिन चंद्र की मजबूती के लिए सभी प्रकाश बंद कर दीपदान करना चंद्रमा को अमृत वृष्टि के लिए बाध्य करेगा. जिसको देखते हुए रविवार को दीपदान किया गया.
स्थानीय लोग रहे उत्सुक
चित्रकूट जिले के निवासी पुरुषोत्तम अग्रहरी ने बताया कि दीपदान करने के लिए वह शाम से ही काफी उत्साहित रहे. साथ में अपने आस-पड़ोस के लोगों को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बारे में सजगता से बताया. लोगों ने अपने घरों के सामने रंगोली और गमले लगाकर सजावट की. रात्रि 9:00 बजते ही लाइट गुल होने के बाद लोगों ने अपने घरों के सामने दीपक जलाए.
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