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चित्रकूट: जिला अस्पताल में डॉक्टर ने बिना इलाज के प्रसूता को लौटाया वापस

शिवरामपुर के तराव गांव से चित्रकूट जिला अस्पताल पहुंची प्रसूता को डॉक्टर ने बिना इलाज किए वापस लौटा दिया. इसकी सूचना सीएमएस को हुई तो तत्काल प्रसूता को अस्पताल में भर्ती करवाया और ऑपरेशन कर डिलीवरी कराने की बात कही.

chitrakoot district hospital
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Published : Jun 18, 2019, 2:56 PM IST

चित्रकूट: जिला अस्पताल में एक महिला तराव गांव की पीएससी शिवरामपुर से रेफर होकर बच्चे के डिलीवरी के लिए यहां पहुंची. डॉक्टर और नर्स द्वारा बिना इलाज के ही अस्पताल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. महिला के दर्द के बाद परिजन जिला अस्पताल के गेट के सामने ही प्रसव करने को मजबूर हो गए. मामला जब प्रकाश में आया तब जिम्मेदार अफसरों ने आनन-फानन में ऑपरेशन कर डिलीवरी कराने की बात कही.

सीएमएस ने लापरवाही पर कार्रवाई की बात कही.
  • चित्रकूट का जिला अस्पताल अपनी कारगुजारियों के लिए हमेशा सुर्खियों में बना रहता है.
  • दो दिन पहले औचक निरीक्षण के समय जिलाधिकारी शेषमणि पांडेय ने अधिकारियों को फटकार लगाई थी.
  • शिवरामपुर के तराव गांव से रेफर होकर जिला अस्पताल पहुंची प्रसूता नेमा को बिना इलाज के ही डॉक्टर ने बाहर का रास्ता दिखा दिया.
  • प्रसूता की डिलीवरी का समय नजदीक होने के कारण अस्पताल के गेट पास ही प्रसव करने को मजबूर हो गई.
  • इस घटना की सूचना सीएमएस डॉक्टर एसएन त्रिपाठी को लगी.

सीएमएस डॉक्टर एसएन त्रिपाठी ने आनन-फानन में अपने कुछ लोगों के साथ उस महिला को गेट से उठाकर अस्पताल के वार्ड में पहुंचाया. भर्ती करने के बाद डॉक्टर एसएन त्रिपाठी ने कहा कि यह गलती डॉक्टर श्वेता मिश्रा और नर्स की है. सीएमएस ने कहा है कि दोषियों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी.

चित्रकूट: जिला अस्पताल में एक महिला तराव गांव की पीएससी शिवरामपुर से रेफर होकर बच्चे के डिलीवरी के लिए यहां पहुंची. डॉक्टर और नर्स द्वारा बिना इलाज के ही अस्पताल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. महिला के दर्द के बाद परिजन जिला अस्पताल के गेट के सामने ही प्रसव करने को मजबूर हो गए. मामला जब प्रकाश में आया तब जिम्मेदार अफसरों ने आनन-फानन में ऑपरेशन कर डिलीवरी कराने की बात कही.

सीएमएस ने लापरवाही पर कार्रवाई की बात कही.
  • चित्रकूट का जिला अस्पताल अपनी कारगुजारियों के लिए हमेशा सुर्खियों में बना रहता है.
  • दो दिन पहले औचक निरीक्षण के समय जिलाधिकारी शेषमणि पांडेय ने अधिकारियों को फटकार लगाई थी.
  • शिवरामपुर के तराव गांव से रेफर होकर जिला अस्पताल पहुंची प्रसूता नेमा को बिना इलाज के ही डॉक्टर ने बाहर का रास्ता दिखा दिया.
  • प्रसूता की डिलीवरी का समय नजदीक होने के कारण अस्पताल के गेट पास ही प्रसव करने को मजबूर हो गई.
  • इस घटना की सूचना सीएमएस डॉक्टर एसएन त्रिपाठी को लगी.

सीएमएस डॉक्टर एसएन त्रिपाठी ने आनन-फानन में अपने कुछ लोगों के साथ उस महिला को गेट से उठाकर अस्पताल के वार्ड में पहुंचाया. भर्ती करने के बाद डॉक्टर एसएन त्रिपाठी ने कहा कि यह गलती डॉक्टर श्वेता मिश्रा और नर्स की है. सीएमएस ने कहा है कि दोषियों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी.

Intro:एंकर- जिला चित्रकूट के अस्पतालो में सरकार गरीबों के लिए फ्री इलाज की घोषणा जिन डॉक्टर्स के कंधो में हाथ रख कर कर रही है दरअसल वही डॉक्टर्स और नर्स मिल कर सरकार के मंसूबो पर बट्टा लगाने से कोई कोर कसर नही छोड़ रहे है । मामला जिला अस्पताल चित्रकूट का है जहां पर एक महिला तराव गांव की पी एस सी शिवरामपुर से रिफर होकर बच्चे के डिलीवरी के मकसद से जिला अस्पताल पहुंची जिसको डॉक्टर स्वेता मिश्रा और नर्स द्वारा बिना इलाज के ही अस्पताल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया महिला के दर्द के बाद जिला अस्पताल के गेट के सामने ही प्रसव करने को मजबूर हो गई जब मामला मीडिया के संज्ञान में आया तब जिम्मेदार अफसरों ने आनन-फानन में ऑपरेशन कर डिलीवरी कराने की बात कही है


Body:वीओ चित्रकूट का जिला अस्पताल अपनी कारगुजारी ओं से हमेशा सुर्खियों में बना रहता है पिछले दो दिन पहले औचक निरीक्षण के समय जिलाधिकारी शेषमणि पांडे ने फटकार लगाते हुए यह हिदायत दी थी कि यहां का रवैया बदल दिया जाए पर जिला चित्रकूट में नियुक्त डॉक्टर अपनी काल पुजारियों से पीछे हटने का नाम ही नहीं ले रहे हैं ताजा मामला शिवरामपुर के तराव गांव से रेफर होकर जिला अस्पताल पहुंची प्रसूता नेमा को बिना इलाज के ही डॉक्टर श्वेता ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। जबकि प्रसूता महिला का समय नजदीक होने के कारण अस्पताल के गेट में ही बच्चा जनने को मजबूर हो गई ।आंखों से दिव्यांग सास रनुवा देवी ने बताया कि मैंने डॉक्टर श्वेता मिश्रा के पांव पकड़ने के बाद भी उसका दिल नहीं पसीजा और बिना इलाज के हमें बाहर का रास्ता बता दिया ।कमला आशाबहु ही इस प्रसूता को डिलीवरी करवाने के लिए शिवरामपुर सीएससी से जिला अस्पताल लेकर आई थी कमला ने बताया कि समय बहुत नजदीक था ऐसे में डॉ श्वेता ने जब बाहर ले जाने की बात कही तो हम लोग ने डॉक्टर से मिन्नति की और बताया भी ये सब बहुत गरीब है कहा बाहर प्राईवेट अस्पताल जाए गे ये लोगपर डॉक्टर डिलेवरी के लिए नही मानी टैब हैम लोग बाहर आ गये और तभी महिला का प्रसव पीड़ा बढ़ गई और वह वहीं जमीन पर बैठ गई - जब इस घटना की भनक सी एम एस डॉक्टर एस एन त्रिपाठी को लगी तब आनन-फानन में अपने कुछ वर्करों के साथ उस महिला को गेट से उठाकर अस्पताल पहुंच लेबर रूम में भर्ती करने के बाद डॉक्टर एस एन त्रिपाठी ने बताया कि यह गलती डॉक्टर स्वेता मिश्रा और नर्स की है हम इस पर विभागीय कार्यवाही करेंग ।


Conclusion:फ़ वी ओ -- सरकार गरीबों के मुफ्त इलाज के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है डॉक्टर के इलाज से दवाई और उसमें होने वाले अन्य खर्चो को भी अस्पताल द्वारा वाहन किया जाता है ऐसे में डॉक्टर की ऐसी लापरवाही से कहीं ना कहीं सरकार की छवि धूमिल होती है
बाइट-कमला देवी (आशा बहु तराव)
बाइट-रानुव देवी (सास आँखों से दिव्यांग)
बाइट-एस एन मिश्रा(सी एम एस जिला अस्पताल)
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