चित्रकूट: जिला अस्पताल में एक महिला तराव गांव की पीएससी शिवरामपुर से रेफर होकर बच्चे के डिलीवरी के लिए यहां पहुंची. डॉक्टर और नर्स द्वारा बिना इलाज के ही अस्पताल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. महिला के दर्द के बाद परिजन जिला अस्पताल के गेट के सामने ही प्रसव करने को मजबूर हो गए. मामला जब प्रकाश में आया तब जिम्मेदार अफसरों ने आनन-फानन में ऑपरेशन कर डिलीवरी कराने की बात कही.
- चित्रकूट का जिला अस्पताल अपनी कारगुजारियों के लिए हमेशा सुर्खियों में बना रहता है.
- दो दिन पहले औचक निरीक्षण के समय जिलाधिकारी शेषमणि पांडेय ने अधिकारियों को फटकार लगाई थी.
- शिवरामपुर के तराव गांव से रेफर होकर जिला अस्पताल पहुंची प्रसूता नेमा को बिना इलाज के ही डॉक्टर ने बाहर का रास्ता दिखा दिया.
- प्रसूता की डिलीवरी का समय नजदीक होने के कारण अस्पताल के गेट पास ही प्रसव करने को मजबूर हो गई.
- इस घटना की सूचना सीएमएस डॉक्टर एसएन त्रिपाठी को लगी.
सीएमएस डॉक्टर एसएन त्रिपाठी ने आनन-फानन में अपने कुछ लोगों के साथ उस महिला को गेट से उठाकर अस्पताल के वार्ड में पहुंचाया. भर्ती करने के बाद डॉक्टर एसएन त्रिपाठी ने कहा कि यह गलती डॉक्टर श्वेता मिश्रा और नर्स की है. सीएमएस ने कहा है कि दोषियों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी.