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चित्रकूट: गांव में अधूरे पड़े शौचालय, लोग खुले में जा रहे शौच

चित्रकूट के मानिकपुर विकासखंड खिचरी गांव में ग्राम प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी के लापरवाही के चलते ग्रामीण खुले में शौच जाने को मजबूर है. आरोप है कि, शौचालय निर्माण के लिए आई धनराशि की बंदरबांट हो गई और जिसकी वजह से शौचालय नहीं बन पाए. मामले के सामने आने के बाद उच्च अधिकारियों ने जांच की बात कही है.

construction of toilet is incomplete
खिचरी गांव में दो साल से शौचालय का निर्माण अधूरा पड़ा है
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Published : Jun 10, 2020, 4:38 AM IST

चित्रकूट: मानिकपुर विकसखंड के ग्राम पंचायत खिचरी मे शौचालय भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. आरोप है कि, ग्राम प्रधान और सचिव ने मिलकर गांव में शौचालय निर्माण के लिए आयी धनराशि में जमकर लूट की, जिसकी वजह से गांव में शौचालय का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका. खिचड़ी ग्राम पंचायत में 2017-18 2018/19 में स्वीकृत शौचालय अधूरे पड़े हैं. जिसके वजह से गांव के लोग मजबूरी मे शौच के लिए बाहर जा रहे हैं. सरकार जहां करोड़ों रुपये खर्च करके गांव में घर-घर शौचालय निर्माण करने की बात कह रही है तो वहीं कुछ जिम्मेदार अधिकारियों और ग्राम प्रधान, सचिव की मिली भगत से शौचालय निर्माण के नाम पर लीपापोती की जा रही है.


शौचालय के लिए ग्राम पंचायत स्तर से प्रत्येक लाभार्थियों को अनुदान के रूप में 12 हजार रुपये दो किस्तों में मिलने थे. जिसमें ग्राम पंचायत के लाभार्थियों के बैंक खाते में प्रथम किस्त 6 हजार दिए जाने की बात थी, लेकिन ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम प्रधान की आपसी सहमति से लाभार्थियों के बनने वाले शौचालय की धनराशि ग्राम प्रधान के खाते में भेज दी गई. लेकिन, ग्राम प्रधान ने अब तक इन शौचालयों का निर्माण नहीं कराया है.

खिचरी ग्राम की ग्रामीण महिलाओं का कहना है की ये शौचालय दो साल से अधूरे पड़े हैं. प्रधान ने आधा निर्माण कार्य करा कर छोड़ दिया है. इसके आगे शौचालय का निर्माण आज तक नहीं हो पाया, हम लोगों को मजबूरी मे बाहर शौच के लिए जाना पड़ता है. बहु-बेटियों को खुले में शौच के लिए भेजना पड़ता है. मुख्य विकास अधिकारी डॉ. महेंद्र सिंह ने बताया कि इसकी जिम्मेदारी धनराशि पाए लाभार्थियो और ग्राम पंचायत की है. मामले की जांच की जाएगी और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

चित्रकूट: मानिकपुर विकसखंड के ग्राम पंचायत खिचरी मे शौचालय भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. आरोप है कि, ग्राम प्रधान और सचिव ने मिलकर गांव में शौचालय निर्माण के लिए आयी धनराशि में जमकर लूट की, जिसकी वजह से गांव में शौचालय का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका. खिचड़ी ग्राम पंचायत में 2017-18 2018/19 में स्वीकृत शौचालय अधूरे पड़े हैं. जिसके वजह से गांव के लोग मजबूरी मे शौच के लिए बाहर जा रहे हैं. सरकार जहां करोड़ों रुपये खर्च करके गांव में घर-घर शौचालय निर्माण करने की बात कह रही है तो वहीं कुछ जिम्मेदार अधिकारियों और ग्राम प्रधान, सचिव की मिली भगत से शौचालय निर्माण के नाम पर लीपापोती की जा रही है.


शौचालय के लिए ग्राम पंचायत स्तर से प्रत्येक लाभार्थियों को अनुदान के रूप में 12 हजार रुपये दो किस्तों में मिलने थे. जिसमें ग्राम पंचायत के लाभार्थियों के बैंक खाते में प्रथम किस्त 6 हजार दिए जाने की बात थी, लेकिन ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम प्रधान की आपसी सहमति से लाभार्थियों के बनने वाले शौचालय की धनराशि ग्राम प्रधान के खाते में भेज दी गई. लेकिन, ग्राम प्रधान ने अब तक इन शौचालयों का निर्माण नहीं कराया है.

खिचरी ग्राम की ग्रामीण महिलाओं का कहना है की ये शौचालय दो साल से अधूरे पड़े हैं. प्रधान ने आधा निर्माण कार्य करा कर छोड़ दिया है. इसके आगे शौचालय का निर्माण आज तक नहीं हो पाया, हम लोगों को मजबूरी मे बाहर शौच के लिए जाना पड़ता है. बहु-बेटियों को खुले में शौच के लिए भेजना पड़ता है. मुख्य विकास अधिकारी डॉ. महेंद्र सिंह ने बताया कि इसकी जिम्मेदारी धनराशि पाए लाभार्थियो और ग्राम पंचायत की है. मामले की जांच की जाएगी और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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