चित्रकूट: बाहरी जनपदों से आए 705 लोगों को जिले के विभिन्न विद्यालयों में क्वारंटाइन किया गया है. इन लोगों की समस्या को ईटीवी भारत ने प्रमुखता उठाया था, जिसके बाद जिला प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर श्रमिकों का हाल जाना. साथ ही सेंटर में और भी सुविधाएं मुहैया कराने की बात कही.
दरअसल, चित्रकूट के कई श्रमिक अन्य प्रदेश व जनपदों में काम कर अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करते आ रहे थे. वहीं विश्व के बाद भारत में पैर पसार रही वैश्विक बीमारी कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के उद्देश्य भारत को लॉकडाउन किए जाने के बाद कई श्रमिक अपने घरों के लिए पैदल व अन्य संसाधनों से चित्रकूट पहुंच गए.
ऐसे 705 श्रमिकों में वायरस संक्रमण का खतरा बना हुआ है, जिसके लिए प्रशासन ने इन्हें क्वारंंटाइन करने के लिए जनपद के विभिन्न विद्यालयों में पहुंचा दिया है और प्रशासनिक खर्च पर इन्हें भोजन, पानी व अन्य सुविधाएं मुहैया कराने की बात कही जा रही थी. जब ईटीवी भारत की टीम ने श्रमिकों से बात की तो उन्होंने असुविधा की बात बताई.
ईटीवी भारत पर खबर का असर हुआ और मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने श्रमिकों का हाल जाना और इनकी शिकायतों को भी सुना. श्रमिकों का कहना था कि हमारे पास पर्याप्त बिस्तर नहीं है और आज तक हमें सोने के लिए बिस्तर मुहैया नहीं कराया गया.
उन्होंने बताया कि हाल में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. हम लोगों के पास नहाने, धोने और पीने के लिए मग या अन्य कोई संसाधन नहीं हैं. वही रात में मच्छरों का प्रकोप रहता है, जिससे हम सो नहीं पाते. हमें साबुन और मास्क भी उपलब्ध नहीं कराया गया है.
प्रकाशित खबर का लिंक: चित्रकूट में प्रशासन की लापरवाही, क्वारंटाइन सेंटर पर लोगों को नहीं मिल रही सुविधाएं
जिलाधिकारी शेषमणि पाण्डेय ने बताया कि जनपद में बाहर से आए 705 श्रमिकों को जिले के विभिन्न तहसील स्तर में विद्यालयों के अंदर क्वारंटाइन किया गया है. ताकि संक्रमण को रोका जा सके. उन्होंने कहा कि इन श्रमिकों की सुविधाओं का पूरा ध्यान दिया जा रहा है. साथ में भोजन व्यवस्था और रहने की व्यवस्था भी की जा रही है. साफ सफाई की जा रही है. इनकी समस्या का समाधान कर दिया जाएगा.
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वहीं जिलाधिकारी ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों को आदेश देते हुए कहा कि जल्द से जल्द बाकी की सुविधाएं भी इन्हें मुहैया करवा दी जाए. ताकि क्वारंटाइन हुए श्रमिकों को किसी भी तरीके की समस्या उत्पन्न न हो सके.