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स्कूल है पर छत नहीं! यहां भीषण गर्मी में पेड़ के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर हैं छात्र

बुलंदशहर के पहासू नगर के नंबर 01 प्राथमिक विद्यालय की हालत खस्ता है, जिसके चलते 450 बच्चे को तपती धूप में पेड़ों का सहारा लेकर पढ़ाई करने को मजबूर होना पड़ रहा है.

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स्कूल है पर छत नहीं
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Published : May 2, 2022, 9:47 PM IST

बुलंदशहर: यूपी सरकार द्वारा एक तरफ पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया का नारा दिया जा रहा है तो दूसरी तरफ बुलंदशहर से एक वीडियो सामने आया है, जो इस नारे को पलीता लगा रहा है. जी हां यहां क्लास रूम में पढ़ने के बजाए ये बच्चे पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर है.

दरअसल यह वीडियो बुलंदशहर के पहासू नगर के नंबर 01 प्राथमिक विद्यालय का है, शिक्षकों की माने तो विद्यालय में बने कमरे जर्जर होने के कारण उन्हें तुड़वाया गया था. मगर उसके बाद ना तो स्कूल को किसी दूसरी इमारत में शिफ्ट किया गया और न ही समय पर यहां की कक्षाएं बनाई गईं, जिसका नतीजा यह रहा कि विद्यालय के बच्चे पेड़ की छांव और रसोई घर में पढ़ने को मजबूर हैं.

स्कूल है पर छत नहीं

यह भी पढ़ें- आगरा में पेट्रोल पंप का छज्जा गिरने से बच्चे की मौत

बीएसए अखंड प्रताप सिंह का कहना है कि पहासू प्राथमिक विद्यालय नंबर 1 की बिल्डिंग जर्जर हो गई थी, जिस से खतरा बना हुआ था. इसलिए पेड़ के नीचे बच्चे पढ़ाई कर रहे है. वहीं अधिक बच्चे होने के कारण वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है.

वहीं, विद्यालय के प्रधानाध्यापक गिरीश कुमार शर्मा ने बताया कि इस विद्यालय में 450 बच्चे पढ़ते हैं. विद्यालय के कमरे जर्जर होने के बाद उनकी नीलामी के बाद उन्हें तोड़ दिया गया. मगर फिर आज तक यहां कमरे बन नहीं सके. जबकि गर्मी बढ़ रही है. ऐसे में आए दिन कई बच्चों की तबीयत भी खराब हो रही है.

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बुलंदशहर: यूपी सरकार द्वारा एक तरफ पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया का नारा दिया जा रहा है तो दूसरी तरफ बुलंदशहर से एक वीडियो सामने आया है, जो इस नारे को पलीता लगा रहा है. जी हां यहां क्लास रूम में पढ़ने के बजाए ये बच्चे पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर है.

दरअसल यह वीडियो बुलंदशहर के पहासू नगर के नंबर 01 प्राथमिक विद्यालय का है, शिक्षकों की माने तो विद्यालय में बने कमरे जर्जर होने के कारण उन्हें तुड़वाया गया था. मगर उसके बाद ना तो स्कूल को किसी दूसरी इमारत में शिफ्ट किया गया और न ही समय पर यहां की कक्षाएं बनाई गईं, जिसका नतीजा यह रहा कि विद्यालय के बच्चे पेड़ की छांव और रसोई घर में पढ़ने को मजबूर हैं.

स्कूल है पर छत नहीं

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बीएसए अखंड प्रताप सिंह का कहना है कि पहासू प्राथमिक विद्यालय नंबर 1 की बिल्डिंग जर्जर हो गई थी, जिस से खतरा बना हुआ था. इसलिए पेड़ के नीचे बच्चे पढ़ाई कर रहे है. वहीं अधिक बच्चे होने के कारण वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है.

वहीं, विद्यालय के प्रधानाध्यापक गिरीश कुमार शर्मा ने बताया कि इस विद्यालय में 450 बच्चे पढ़ते हैं. विद्यालय के कमरे जर्जर होने के बाद उनकी नीलामी के बाद उन्हें तोड़ दिया गया. मगर फिर आज तक यहां कमरे बन नहीं सके. जबकि गर्मी बढ़ रही है. ऐसे में आए दिन कई बच्चों की तबीयत भी खराब हो रही है.

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