प्रयागराज : फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने महाकुंभ में संन्यास ले लिया. किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और तमाम महामंडलेश्वरों की मौजूदगी में उनका पट्टाभिषेक कराया गया. उन्हें ममता नंद गिरी नाम दिया गया. बॉलीवुड छोड़ सनातन की राह पर चलने वाली एक्ट्रेस ने आध्यात्म को लेकर अपनी बात रखी. अपनी तप और साधना के बारे में भी बताया.
ममता कुलकर्णी काफी बोल्ड एक्ट्रेस मानी जाती हैं. महाकुंभ मेले में आकर उन्होंने संन्यास लेकर सभी को चौंका दिया. उनका कहना है कि उन्हें ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों के दर्शन इस कुंभ में हुए. उन्होंने आदेश दिया कि वह अब शिव-पार्वती रूप किन्नर के साथ मिलकर सनातन की सेवा करें.
ममता कुलकर्णी ने संन्यास लेने के बाद शुक्रवार को मीडिया को बताया कि मैं अपना पूरा पिछला जीवन भूल चुकी हूं. संन्यास के दौरान आंखों में आंसू आने के सवाल पर कहा कि मन में दुख और सुख दोनों था. आनंद की अनुभूति हो रही थी, मुझे यह लग रहा था कि मैं अब तक जो कुछ हासिल किया वह सब छोड़ रहीं हूं. अब मैं सनातन की राह पर आगे बढूंगी. सनातन धर्म को मजबूत करूंगी, क्योंकि मुझे मेरे गुरु ने 23 साल पहले दीक्षा दी थी. उसी दीक्षा के बल पर मैंने कठिन तपस्या की. 12 सालों तक मैंने अन्न जल को त्याग कर सिर्फ फलाहार और जल पर अपना जीवन जिया. कठिन तपस्या के बीच मैंने अपनी कुंडलिनी को जागृत किया.
ममता कुलकर्णी ने कहा कि मुझे भगवान का ज्ञान हुआ. मेरे साथ मेरे गुरु का आशीर्वाद हमेशा रहा. मैं कुंभ में 2012 में आई थी और उस दौरान मुझे संन्यासियों के साथ रहने का मन करता था. उन्होंने कहा कि मैं संन्यास के तीन पथ को फॉलो करते हुए आगे बढ़ी. मध्यस्थ पंथ के तौर पर मैंने किन्नर अखाड़े को चुना. किन्नर अखाड़े को चुनने के पीछे उन्होंने वजह बताई कि यह अखाड़ा मुझे पूर्ण स्वतंत्रता देता है. मैं संन्यास लेने के बाद भी सामाजिक जीवन में बनी रह सकती हूं. अपने मन मुताबिक कार्य कर सकती हूं.
उन्होंने फिर से फिल्म इंडस्ट्री में वापसी के सवाल पर कहा कि इसका प्रश्न ही नहीं उठता, लेकिन मुझे अगर कोई धार्मिक फिल्म या धार्मिक सीरियल में किरदार करने का मौका मिलेगा, तो मैं जरूर करूंगी. मैं लोगों को सनातन के बारे में बताने के लिए अपने पुराने प्रोफेशन को चुन सकती हूं, लेकिन बाकी कामों के लिए नहीं. वहीं उन्होंने अपने विवादों पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि वह पिछला था, मैं सब भूल चुकी हूं. बार-बार एक ही बात को बोलना उचित नहीं है.
ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े की तरफ से वृंदावन का महामंडलेश्वर बनाया गया है. एक सवाल के जवाब में जब उनसे यह पूछा गया कि क्या मथुरा की सांसद हेमा मालिनी के साथ मिलकर आप सनातन की राह को और मजबूत करेगी तो उन्होंने कहा यह आगे देखा जाएगा.
आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा कि ममता बड़ा नाम है. उन्हें सिर्फ किसी एक जिले की महामंडलेश्वर ही नहीं बल्कि पूरे किन्नर अखाड़े को मजबूत करने की जिम्मेदारी देते हुए प्रवक्ता की जिम्मेदारियां दी जाएगी. यह अभी आने वाले समय में होगा. उन्होंने यह भी बताया कि यदि ममता कुंभ में रहेंगी तो वह जूना अखाड़े के साथ किन्नर अखाड़े की पेशवाई में शामिल होकर शाही स्नान का हिस्सा भी बनेंगी. मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी को है.