बुलंदशहरः जिला पंचायत अध्यक्ष पद के नामांकन से पहले शुक्रवार को पुलिस ने सपा, बसपा व रालोद के 21 जिला पंचायत सदस्यों को हिरासत में ले लिया है. सपा, रालोद व निर्दलीयों को मिलाकर करीब 30 सदस्य बैठक कर रहे थे. इसी दौरान पहुंची कई गाड़ियों में पहुंची पुलिस ने 21 जिला पंचायत सदस्यों को हिरासत में ले लिया है. पुलिस ने 21 जिला पंचायत सदस्यों को पुलिस ने सिकंदराबाद थाने भेजा है.
पुलिस ने सिकंदराबाद कोतवाली क्षेत्र के पीर बियावानी स्थित डिग्री कॉलेज से जिला पंचायत सदस्यों को गिरफ्तार किया है. यहां पुलिस की 10 से अधिक गाड़ी में पहुंची और मिनी बस बुलाकर सभी 21 सदस्यों को हिरासत में ले लिया. सिकंदराबाद पुलिस का कहना है कि जिला पंचायत के सदस्य अवैध तरह से बैठक कर रहे थे. इस दौरान कोविड गाइड लाइन का पालन भी नहीं किया जा रहा था. इसके अलावा धारा 144 का उल्लंघन किया गया.
बुलंदशहर के रालोद जिला अध्यक्ष अरुण चौधरी ने डीएम को एक ज्ञापन भी दिया. जिसमें जिलाध्यक्ष रालोद ने आरोप लगाया है कि भाजपा के इशारे पर बुलंदशहर पुलिस गुंडई पर उतर आई है. जब भाजपा को यह लगने लगा है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में उनकी हार होनी तय है. ऐसे में पुलिस से मिलकर खेल कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि उत्पीड़न कर जिला पंचायत सदस्यों को जेल भेजने की धमकी दी जा रही है. रालोद के जिला पंचायत सदस्यों ने पुलिस पर सत्ता की शह पर मनमानी का आरोप भी लगाया है. बता दें कि आशा यादव इस बार जिला पंचायत की सपा व रालोद के गठबंधन में अध्यक्ष पद की प्रत्याशी हैं.
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बुलंदशहर में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए 3 जुलाई को वोट डाले जाएंगे. रालोद के दो और भाजपा के एक प्रत्याशी ने पर्चा खरीदा है. नामंकन कल 26 जून को होना है. नामांकन से एक दिन पहले पुलिस ने 21 सदस्य गिरफ्तार किए हैं. इन 21 सदस्यों को पुलिस ने बिना अनुमति मीटिंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. पुलिस ने प्रवीण कुमार सिंह, अरुण चौधरी, स्याना के पूर्व विधायक दिलनवाज खान, सुनील चरोरा, विजेंद्र सिंह, अनु चौधरी, सतवीर सिंह, सतीश, चमन, संदीप, पिंटू, डॉ नरेश, अनिल, अनीस, ओमवीर प्रधान, अनिल, सतीश यादव, धीरेंद्र यादव, हरेंद्र यादव, देवी राम व प्रदीप को हिरासत में लिया है.