बुलंदशहर : जिले के खुर्जा नगर से महज 3 किलोमीटर दूर मुंडाखेड़ा गांव में दिवाली के त्योहार को लेकर कुछ दुकानदार पटाखों की बिक्री कर रहे थे. इसी दौरान कुछ पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और पटाखों को समेटना शुरू कर दिया था. उन्होंने पटाखों की बिक्री करने वाले दुकानदारों को हिरासत में लेने की कोशिश की. इस दौरान पटाखा विक्रेताओं और पुलिसकर्मियों के बीच आपसी कहासुनी भी हुई. इन सब के बाद पुलिस ने 8-10 पटाखा विक्रेताओं को हिरासत में ले लिया और पटाखों को भी जब्त कर लिया.
इस पूरे प्रकरण में सबसे खास बात थी कि डिम्पी नाम की एक मासूम बच्ची अपने पिता और भाई के लिए उसी वक्त चाय लेकर दुकान पर गई थी. डिम्पी ने जब दुकान पर अफरा-तफरी का माहौल देखा तो वह परेशान हो गई. डिम्पी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि कुछ पुलिसकर्मी उसके पिता को भी पकड़कर गाड़ी में बिठा रहे थे. यह देखकर डिम्पी ने चाय को एक तरफ रख दिया और अपने पिता को छुड़ाने के लिए पुलिस से भीड़ गई.
जब पुलिस मुंडाखेड़ा में पटाखों को समेटकर वहां दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई कर रही थी, उस वक्त कुछ लोग मोबाइल में इस पूरे घठनाक्रम को कैमरे में कैद कर रहे थे. अगर वीडियो न बनती तो शायद यह मामला दबकर रह जाता. लेकिन पूरा मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला तूल पकड़ता चला गया. आखिरकार पुलिस को अपना रवैया बदलना पड़ा.
मासूम डिम्पी ने खुर्जा पुलिस के खिलाफ उस वक्त मोर्चा खोल दिया था, जब डिम्पी ने बताया कि उसने पुलिस से कहा कि उसके पिता को छोड़ दें, लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी. उसने बताया कि जब बहुत देर हो गई और उसकी तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा था. पुलिस ने जिस गाड़ी में उसके पिता को बिठाया था, वो उसी गाड़ी पर सिर पटकना शुरू कर दी. बाद में पुलिस ने उसे भी उसके पिता के साथ बैठा लिया और थाने ले गई. कुछ देर बाद मासूम बेहोश हो गई.
पुलिस की बनी नकारात्मक छवि
डिम्पी के पिता का कहना है कि पुलिस की नकारात्मक छवि से उनकी बेटी परेशान हो चुकी थी. बच्ची के मन मस्तिष्क पर उस घटना का गलत असर पड़ा था. वही जब पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो बड़े अफसरों को इस पर संज्ञान लेना पड़ा. इसमें एक पुलिसकर्मी को लाइन हाजिर किया गया. यहां तक कि खुद एसडीएम खुर्जा और सीओ खुर्जा को उस बच्ची के घर जाना पड़ा.
अफसरों ने जताया अफसोस
डिम्पी का कहना है कि इस मामले में पुलिस की काफी नकारात्मक छवि उसकी नजर में बन गई थी, लेकिन जब अधिकारी खुद उसके घर पहुंचे और घटना को लेकर अफसोस जाहिर किया तब जाकर उसे अच्छा लगा.
वहीं डिम्पी के इस काम से उसके पिता अनुज अग्रवाल भी हतप्रभ हैं. डिम्पी के पिता का कहना है कि उनकी बेटी का व्यवहार काफी बदल गया था, लेकिन जब अफसरों ने घर पर पहुंचकर माफी मांगी और अफसोस जाहिर किया, तब जाकर बिटिया खुश हुई. बता दें कि एसडीएम और सीओ खुद मासूम के लिए मिठाई और गिफ्ट लेकर उसके घर पहुंचे थे.