बुलंदशहर: जनपद में कोरोना संक्रमित मरीज की लापरवाही देखने को मिली है. एक युवक को जैसे ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कंट्रोल रूम से कोरोना पॉजिटिव होने की सूचना दी, युवक ई-रिक्शा से खुद ही जिला अस्पताल पहुंच गया. स्वास्थ्यकर्मी जब एम्बुलेंस के जरिये उस मरीज को लेने उसके घर पहुंचे तो मरीज के ई-रिक्शा से अस्पताल जाने की जानकारी हुई.
आनन-फानन में एम्बुलेंस कर्मियों ने कंट्रोल रूम को सूचित किया. वहीं जिला अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मियों को काफी परेशानी उठानी पड़ी. इस दौरान महकमे के छोटे से बड़े कर्मचारी तक को उस मरीज की तलाश के लिए काफी देर मशक्कत करनी पड़ी. जब स्वास्थ्यकर्मियों ने उस युवक को खोज निकाला तो उसका कहना था कि उसने काफी देर तक एंबुलेंस का इंतजार किया था, लेकिन जब एंबुलेंस आने में देर हो गई तो वह ई-रिक्शा से ही जिला अस्पताल चला आया.
स्वास्थ्य विभाग पर लगाया आरोप
फिलहाल इस मामले में कोरोना संक्रमित के पड़ोसियों ने तरह-तरह के आरोप भी स्वास्थ विभाग की टीम पर लगाए हैं. उनका कहना था कि काफी देर तक उस युवक ने इंतजार किया था और जब एंबुलेंस नहीं आई तो पीड़ित खुद ही जिला अस्पताल पहुंच गया. हालांकि इस बारे में सीएमओ भवतोष शंखधर का कहना है कि कोविड-19 मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए जिले में कुछ एंबुलेंस भी बढ़ा दी गई हैं. लगातार एंबुलेंस जरूरतमन्दों की सेवा में लगी हुई है.
कंट्रोल रूम ने इंतजार करने को कहा था
सीएमओ ने कहा कि कंट्रोल रूम से संक्रमित मरीज को फोन करके कहा गया था कि वह एंबुलेंस का इंतजार करे. जल्द ही एम्बुलेंस के साथ स्वास्थ्यकर्मी उनके पास पहुंचकर इलाज के लिए उन्हें कोविड-19 हॉस्पिटल में शिफ्ट करने के लिए ले जाएंगे.
वहीं जब मरीज के एंबुलेंस से न पहुंचने के आरोप के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कई बार ये सम्भव है कि एम्बुलेन्स की उपलब्धता होने में देरी हो सकती है, जिसके लिए वर्तमान में शासन से अतिरिक्त एम्बुलेंस भी जिले को मिली हैं. फिलहाल अब प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती ये भी है कि आखिर वो कौन सा ई रिक्शा था, जिसमें संक्रमित मरीज बैठकर जिला अस्पताल पहुंचा था.
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