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बुलंदशहर: मिट्टी के बर्तनों को पहचान दिलाने के प्रयास तेज - माटी कला बोर्ड बुलंदशहर

जनवरी माह में माटी कला बोर्ड का गठन किया गया था, जिसके बाद उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड के पहले अध्यक्ष के तौर पर धर्मवीर प्रजापति को नियुक्त किया गया था. हालांकि इस बीच आचार संहिता और चुनाव होने की वजह से इसमें कुछ खास नहीं हो पाया.

मिट्टी के बर्तन
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Published : Jul 1, 2019, 7:54 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर: माटी के कारीगरों को फिर से संजीवनी देने के लिए तमाम कवायदें की जा रही हैं. इसी साल जनवरी माह में माटी कला बोर्ड का गठन किया जा चुका है, जिसके बाद उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड के पहले अध्यक्ष के तौर पर धर्मवीर प्रजापति को नियुक्त किया गया था. हालांकि इस बीच आचार संहिता और चुनाव होने की वजह से इसमें कुछ खास नहीं हो पाया. अब केंद्र में पुनः सरकार का गठन होने के बाद इस तरफ ध्यान दिया जा रहा है.

मिट्टी के बर्तन

माटी कला बोर्ड की एक पहल:

  • अब तक करीब 60 हजार माटी के काम से जुड़े लोगों को चिन्हित किया जा चुका है.
  • 19 जनपदों से जिलाधिकारियों के द्वारा उन्हें जानकारियां उपलब्ध भी कराई गई हैं.
  • उत्तर प्रदेश में करीब 92 हजार गांव हैं.
  • माटी कला बोर्ड यह चाहता है कि न सिर्फ मिट्टी से जुड़े पुश्तैनी कामगारों को रोजगार मिले बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति भी सुधरे.
  • खुद सीएम योगी भी रुचि ले रहे हैं.
  • वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कमिश्नरों को हिदायतें दी हैं.
  • इसके संबंध में अभी तक 11 हजार गावों से 60 हजार परिवार चिन्हित किए जा चुके हैं.

अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले दिनों में इस तरफ काफी कुछ अलग किया जाना है, जिस तरह से हमारे देश के योगा ने दुनिया भर में धूम मचाई है. उसी तर्ज पर इसके लिए अब तक प्रदेश के परिवहन मंत्री और देश के रेल मंत्री तक से बात कर चुके हैं. माटी कला विभाग के द्वारा तमाम कवायद की जा रही हैं, और आने वाले समय में सब कुछ ठीक रहा तो रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन से लेकर मॉल तक में अपनी देश के मिट्टी के कारीगरों के बने तमाम उत्पाद हर जगह आसानी से उपलब्ध होंगे.
-धर्मवीर प्रजापति,अध्यक्ष उत्तरप्रदेश माटी कला बोर्ड

बुलंदशहर: माटी के कारीगरों को फिर से संजीवनी देने के लिए तमाम कवायदें की जा रही हैं. इसी साल जनवरी माह में माटी कला बोर्ड का गठन किया जा चुका है, जिसके बाद उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड के पहले अध्यक्ष के तौर पर धर्मवीर प्रजापति को नियुक्त किया गया था. हालांकि इस बीच आचार संहिता और चुनाव होने की वजह से इसमें कुछ खास नहीं हो पाया. अब केंद्र में पुनः सरकार का गठन होने के बाद इस तरफ ध्यान दिया जा रहा है.

मिट्टी के बर्तन

माटी कला बोर्ड की एक पहल:

  • अब तक करीब 60 हजार माटी के काम से जुड़े लोगों को चिन्हित किया जा चुका है.
  • 19 जनपदों से जिलाधिकारियों के द्वारा उन्हें जानकारियां उपलब्ध भी कराई गई हैं.
  • उत्तर प्रदेश में करीब 92 हजार गांव हैं.
  • माटी कला बोर्ड यह चाहता है कि न सिर्फ मिट्टी से जुड़े पुश्तैनी कामगारों को रोजगार मिले बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति भी सुधरे.
  • खुद सीएम योगी भी रुचि ले रहे हैं.
  • वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कमिश्नरों को हिदायतें दी हैं.
  • इसके संबंध में अभी तक 11 हजार गावों से 60 हजार परिवार चिन्हित किए जा चुके हैं.

अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले दिनों में इस तरफ काफी कुछ अलग किया जाना है, जिस तरह से हमारे देश के योगा ने दुनिया भर में धूम मचाई है. उसी तर्ज पर इसके लिए अब तक प्रदेश के परिवहन मंत्री और देश के रेल मंत्री तक से बात कर चुके हैं. माटी कला विभाग के द्वारा तमाम कवायद की जा रही हैं, और आने वाले समय में सब कुछ ठीक रहा तो रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन से लेकर मॉल तक में अपनी देश के मिट्टी के कारीगरों के बने तमाम उत्पाद हर जगह आसानी से उपलब्ध होंगे.
-धर्मवीर प्रजापति,अध्यक्ष उत्तरप्रदेश माटी कला बोर्ड

Intro:इसी साल माटी कला बोर्ड का गठन किया जा चुका है , अब इसमें माटी के कारीगरों को फिर से संजीवनी देने के लिए तमाम कवायदें की जा रही हैं,ये कहना है उत्तरप्रदेश माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष धर्मवीर प्रजापति का ,उन्होंने इटीवी भारत से इस पुस्तैनी काम को करने वाले लोगों के हित में की जा रही तमाम कवायदों,योजनाओं के बारे इटीवी भारत से विस्तार से एक्सक्लुसिव चर्चा भी की।देखिये इटीवी भारत की ये एक्सक्लुसिव खबर।




Body:जनवरी माह में माटी कला बोर्ड का गठन किया गया था ,जिसके बाद उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड के पहले अध्यक्ष के तौर पर धर्मवीर प्रजापति को नियुक्त किया गया था, हालांकि इस बीच आचार संहिता और चुनाव होने की वजह से इसमें कुछ खास नहीं हो पाया लेकिन अब केंद्र में पुनः सरकार गठन होने के बाद इस तरफ ध्यान दिया जा रहा है ,इस बारे में प्रदेश के माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष धर्मवीर प्रजापति ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव मुलाकात के दौरान तमाम मुद्दों पर विस्तार से बिंदुवार चर्चा की , जो कुछ कवायादें शासन स्तर से माटी के कारीगरों के लिए की जा रही हैं उस बारे मे विस्तृत रूप रेखा भी उन्होंने साझा की , धर्मवीर प्रजापति ने बताया कि जल्द ही प्रदेशभर से यह जानकारी इकट्ठा कर ली जाएगी कि कुल प्रदेश में मिट्टी के काम में लगे लोगों के लिए कितने पट्टे सरकार की तरफ से आवंटित हैं,और कितनों पर अविढ़ कब्जे हैं और कामगारों की वर्तमान स्थिति क्या है, हालांकि उन्होंने बताया कि अभी 7 दिन का समय दिया गया है ,लेकिन वहीं उन्होंने यह भी बताया कि इसमें अब तक करीब 19 जनपदों से जिलाधिकारियों के द्वारा उन्हें जानकारियां उपलब्ध भी कराई गई हैं, इस बारे में विस्तार से बात करते हुए धर्मवीर प्रजापति ने बताया कि उत्तर प्रदेश में करीब 9हजार गांव हैं और अब तक करीब 60 हजार माटी के काम से जुड़े लोगों का चिन्हांकन भी किया जा चुका है ,हालांकि उनका कहना है कि सभी अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए गए हैं और उसमें खुद मुख्यमंत्री सीएम योगी रुचि ले रहे हैं और उन्होंने ना सिर्फ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तमाम कमिश्नर को हिदायतें दी हैं,बल्कि तमाम जिलाधिकारियों से भी इस बारे में जल्द से जल्द रिपोर्ट बनाकर देने को कहा है।
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान धर्मवीर प्रजापति ने बताया कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले दिनों में इस तरफ काफी कुछ अलग किया जाना है , उन्होंने बताया कि जिस तरह से हमारे देश के योगा ने दुनिया भर में धूम मचाई है उसी तर्ज पर माटी कला बोर्ड यह चाहता है कि ना सिर्फ मिट्टी से जुड़े पुश्तैनी कामगारों को रोजगार मिले बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति भी सही हो, इसके लिए अब तक वह प्रदेश के परिवहन मंत्री और देश के रेल मंत्री तक से बात कर चुके हैं, तो वहीं उनका इरादा है इस बारे में अभी और मंत्रालयों में बात करनी बाकी है ,उनका कहना है कि माटी कला विभाग के द्वारा तमाम कवायद की जा रही हैं,और आने वाले समय में सब कुछ ठीक रहा तो रेलवे स्टेशन,बस स्टेशन से लेकर मॉल तक मैं अपनी देश के मिट्टी के कारीगरों के बने तमाम उत्पाद हर जगह आसानी से उपलब्ध होंगे और प्रयास किया जाएगा कि इसका प्रचार प्रसार करके आम से खास तक हर कोई अपने चलन में मिट्टी के बने उत्पादों को लाएं।
one to one .....धर्मवीर प्रजापति,अध्यक्ष उत्तरप्रदेश माटी कला बोर्ड।



Conclusion:फिलहाल शासन की मंशा के मुताबिक जो बात निकल कर सामने आ रही है उससे ये बखूबी समझ जा सकता है कि जिस तरह से प्रदेश माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष पूरी कार्ययोजना बता रहे हैं उससे ये तो तय है कि आगामी समय में इस काम में जुड़े लोगों के जीवन में बदलाव भी आ सकता है।

श्रीपाल तेवतिया,
9213400888,
बुलन्दशहर ।
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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