बुलंदशहर: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक 'प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना' के तहत मेरठ मंडल में सबसे ज्यादा रुचि बुलंदशहर के लोग ले रहे हैं. हालांकि इस योजना को अभी करीब 10 महीने ही हुए हैं. इस योजना के तहत 15 हजार रुपये प्रतिमाह से कम आय वाले लोगों को 60 वर्ष के बाद पेंशन देने की योजना लाई गई है.
असंगठित कर्मकारों को वृद्धावस्था सुरक्षा प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के द्वारा प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना की शुरुआत इसी साल 15 फरवरी को की थी. इस योजना के तहत असंगठित कर्मकारों को 15 फरवरी 2019 से इस योजना का सदस्य बनने का विकल्प दिया गया था. बता दें कि इस योजना के तहत उन असंगठित वर्ग से जुड़े लोगों खासकर मजदूरों पर सरकार का फोकस था, जिनमें ग्रह आधारित कर्मकार गरीब में फेरे लगाने वाले, मध्यान्ह भोजन बनाने वाले कर्मकार, सिर पर बोझा उठाने वाले, ईंट भट्टा पर काम करने वाले, मोची, कूड़ा बीनने वाले, घरेलू कर्मकार, धोबी, रिक्शा चालक, ग्रामीण भूमिहीन श्रमिक, सन्निर्माण कर्मकार, हथकरघा कर्मकार, चमड़े का काम करने वाले अन्य असंगठित वर्ग में कार्य करने वाले लोग हैं.
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इनमें खासतौर से जिन लोगों की आय 15 हजार रुपये प्रति महीना से कम हो और जिन्हें कहीं से भी किसी तरह का पीएफ का लाभ न मिलता हो. ऐसे वर्ग को सरकार ने 60 साल के बाद पेंशन देने की मंशा से यह योजना शुरू की है. इस योजना के तहत बुलंदशहर जिले में अभी तक 8200 से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हुए हैं. हालांकि यह संख्या बहुत अधिक नहीं है, लेकिन अगर गौर किया जाए तो बुलन्दशहर की ये संख्या मण्डल में सबसे ज्यादा भी है.
अधिकारियों का कहना है कि लक्ष्य बड़ा है और तमाम विभागों के सहयोग से ऐसे पात्रों का चयन करके उन्हें इस योजना की जानकारी दी जा रही है. इससे 60 वर्ष के बाद पात्रों को पेंशन का लाभ मिल सकेगा. हालांकि डीएम ने पात्रों की इस संख्या को नाकाफी बताया है, लेकिन मेरठ मंडल में सबसे ज्यादा पात्र इस योजना के बुलन्दशहर में ही हैं. यह योजना आमजन के लिए खासी लभप्रद है. यह स्त्री और पुरुष दोनों के लिए है.