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कृषि औद्योगिक प्रदर्शनी में दिखा सभ्यता संस्कृतियों का अनोखा संगम

जिला स्तरीय कृषि औद्योगिक एवं सांस्कृतिक 137 वीं प्रदर्शनी का आगाज नुमाइश ग्राउंड रविंद्र नाट्यशाला ऑडिटोरियम में हो चुका है. यहां अलग-अलग विधाओं और सभ्यता संस्कृतियों का अनोखा संगम देखा जा सकता है. देश के अधिकतर दिग्गज यहां अपनी कला की प्रस्तुति दे चुके हैं.

बुलंदशहर में कलाकरों ने किया प्रतिभा का प्रदर्शन
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Published : Feb 23, 2019, 12:17 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर :उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर इन दिनों ऐतिहासिक सांस्कृतिक धरोहर को सहेजे हुए है. लोक कला प्रतिबिंब जिला स्तरीय कृषि औद्योगिक एवं सांस्कृतिक137 वीं प्रदर्शनी का आगाज हो चुका है. इस दौरान करीब एक महीनेमें विविध कार्यक्रम भी आयोजित होगें. इस विशाल ऑडिटोरियम में देश के अनेकों नामचीन कलाकार अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं.

बुलंदशहर में कलाकरों ने दिखाया प्रतिभा का प्रदर्शन

यहां अलग-अलग विधाओं काऔर सभ्यता संस्कृतियों का अनोखा संगम देखा जा सकता है. इस जगह की एक खासियत है कि जो भी यहां अपनी प्रस्तुति दे गया वो बुलंदी को छू गया. फिर चाहे वो साहित्यकार हो, संगीतकार हो, गीतकार हो या फिरकिसी अन्य विधा से जुड़े कलाकार हो. सभी ने अपनी अपनी मेहनत और प्रतिभा का प्रदर्शन कर बुलंदी में पहुंचे हैं.

बुलंदशहर में कलाकरों ने किया प्रतिभा का प्रदर्शन

137 वीं प्रदर्शनी कई वर्षों से लगातार लग रही है और देश के अधिकतर दिग्गज यहां अपने कार्यक्रमों से प्रस्तुति दे चुके हैं. बुलंदशहर का नुमाइश ग्राउंड जो कि रविंद्र नाट्यशालाऑडिटोरियम के नाम से स्थापित है.

बुलंदशहर में ब्रिटिश काल से अनवरत लगने वाली इस प्रदर्शनी में देशभर से सैकड़ों कलाकार अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले हैं, करीब एक माह तक यहां अलग-अलग तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होगा और इन कार्यक्रमों के गवाह बनते हैं हजारों लोग और कला प्रेमी.

बुलंदशहर :उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर इन दिनों ऐतिहासिक सांस्कृतिक धरोहर को सहेजे हुए है. लोक कला प्रतिबिंब जिला स्तरीय कृषि औद्योगिक एवं सांस्कृतिक137 वीं प्रदर्शनी का आगाज हो चुका है. इस दौरान करीब एक महीनेमें विविध कार्यक्रम भी आयोजित होगें. इस विशाल ऑडिटोरियम में देश के अनेकों नामचीन कलाकार अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं.

बुलंदशहर में कलाकरों ने दिखाया प्रतिभा का प्रदर्शन

यहां अलग-अलग विधाओं काऔर सभ्यता संस्कृतियों का अनोखा संगम देखा जा सकता है. इस जगह की एक खासियत है कि जो भी यहां अपनी प्रस्तुति दे गया वो बुलंदी को छू गया. फिर चाहे वो साहित्यकार हो, संगीतकार हो, गीतकार हो या फिरकिसी अन्य विधा से जुड़े कलाकार हो. सभी ने अपनी अपनी मेहनत और प्रतिभा का प्रदर्शन कर बुलंदी में पहुंचे हैं.

बुलंदशहर में कलाकरों ने किया प्रतिभा का प्रदर्शन

137 वीं प्रदर्शनी कई वर्षों से लगातार लग रही है और देश के अधिकतर दिग्गज यहां अपने कार्यक्रमों से प्रस्तुति दे चुके हैं. बुलंदशहर का नुमाइश ग्राउंड जो कि रविंद्र नाट्यशालाऑडिटोरियम के नाम से स्थापित है.

बुलंदशहर में ब्रिटिश काल से अनवरत लगने वाली इस प्रदर्शनी में देशभर से सैकड़ों कलाकार अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले हैं, करीब एक माह तक यहां अलग-अलग तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होगा और इन कार्यक्रमों के गवाह बनते हैं हजारों लोग और कला प्रेमी.

Intro: एक ऐसी मशहूर स्टेज जिस पर जो चढ़ गया समझो वह आगे बढ़ गया , ऐसी ही मशहूर स्टेज है बुलंदशहर के नुमाइश ग्राउंड स्थित रविंद्र नाट्यशाला नाम से स्थापित ऑडिटोरियम की,इस पर जिस भी कलाकार ने परफॉर्म किया उस कलाकार के समझ लीजिए जैसे दिन बहुर गए ,यहां देश के अधिकांश कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं, जिनमें चाहे साहित्यकार हो, संगीतकार ,गीतकार या फिर अन्य किसी विधा से जुड़े कलाकार पेश है कामयाबी की स्टेज से जुड़ी ये ईटीवी की विशेष खबर।


Body:उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में इन दिनों ऐतिहासिक सांस्कृतिक धरोहर को सहेजे सांझी संस्कृति की विरासत थीम से जिला स्तरीय कृषि एवं औद्योगिक प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है यहां इस दौरान करीब एक माह में विविध कार्यक्रम भी आयोजित होने हैं, इस प्रदर्शनी में स्थित विशाल ऑडिटोरियम में देश के अनेकों नामचीन कलाकार अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं,इतना ही नहीं इस जगह की एक खासियत ये भी है कि जो भी यहां अपनी प्रस्तुति दे गया वो बुलन्दी छू गया,137 वीं प्रदर्शनी का आगाज यहां हो चुका है,अलग अलग विधाओं के और सभ्यता संस्कृतियों का अनोखा संगम यहां देखा जा सकता है,ईटीवी ने इस आयोजन को वर्षों से कराते आ रहे समिति के जिम्मेदार मुकुल शर्मा से ईटीवी ने जानकारी चाही तो उन्होंने बताया कि ये प्रदर्शनी 137 साल से अनवरत लग रही है,और देश के अधिकतर दिग्गज यहां अपने कार्यक्रमों से प्रस्तुति दे चुके हैं,मुकुल शर्मा बताते हैं कि नुमाइश ग्राउंड में स्थित रविन्द्र नाट्यशाला ऑडिटोरियम की करीब पांच हजार लोगों के बैठ कर कार्यक्रम देख सकते हैं जो कि पश्चिमी उत्तरप्रदेश का एक बड़ा ऑडिटोरियम माना जाता है,फिर वो चाहे गुजरे जमाने की मीना कुमारी ,और श्याम जी घनश्याम जी ,महेंद्र कपूर हों या फिर उदित नारायण से लेकर बुलंदशहर जिले के अरनिया की ही रहने वाली दुनिया भर में प्रसिद्धि पा चुकीं सुनिधि चौहान , तमाम दिग्गजों ने यहां प्रस्तुति दी हैं,और जो विशेषता है वो ये है कि जब इन कलाकारों ने इस मंच पर परफॉर्म किया तो फिर उनका करियर भी गति पकड़ गया,यही वजह है कि यहां न सिर्फ उभरते कलाकार आने को आतुर दिखाई देते हैं,बल्कि प्रसिद्द कलाकारों को भी एक बार आमंत्रित करने पर इस ऐतिहासिक और खास मंच का हिस्सा बनना अपना शौभाग्य समझते हैं।

one to one with मुकुल शर्मा,विशेष सदस्य आयोजन समिति।



Conclusion:बुलंदशहर में ब्रिटिश काल से अनवरत लगने वाली इस प्रदर्शनी में यहां देशभर से सेंकडों कलाकार अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले हैं,करीब महीनाभर यहां हर दिन अलग अलग तरह के कार्यक्रमो का आयोजन होता है,यहां होने वाले अलग अलग कार्यक्रमों का गवाह बनते हैं हजारों लोग और कला प्रेमी ।

श्रीपाल तेवतिया,

बुलंदशहर,
9213400888.
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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