बिजनौर. विदुर कुटी पर भगवान श्री कृष्ण जी ने बथुआ का साग खाया था. विदुर कुटी पर कृष्ण भगवान भी आये थे जिसका प्रमाण भगवत गीता में भी मिलता है. महाभारत सर्किट से जुड़ी विदुरकुटी का जीर्णोद्वार साल 1928 में अंग्रेज कलेक्टर ने किया था. बिजनौर से सटे दारानगर गंज में गंगा किनारे बसी विदुरकुटी को योगी सरकार भी पर्यटन बनाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही. बिजनौर डीएम उमेश मिश्रा ने विदुर कुटी का कायाकल्प कराया है, ताकि यहां दूर दराज से पर्यटक आ सके. आज श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर विदुर कुटी में भव्य मेला भी लगता है.
बिजनौर मे श्री कृष्ण जन्माष्टमी का बहुत बड़ा महत्व है. महाभारत काल से जुडी पौराणिक कथा है कि महाभारत काल में महात्मा विदुर की नीति बड़ी फेमस रही है. वह आदर्श पुरुष रहे हैं जो कि धर्म शास्त्र नीतिशास्त्र विभिन्न विधाओं के प्रकांड पंडित ज्योतिष न्याय प्रिय स्पष्ट वक्ता महान संत थे. उनकी विदुर नीति आज भी एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जब महाभारत हुआ था तब विदुर जी हस्तिनापुर छोड़कर बिजनौर जिले के दारानगर गंज में गंगा के किनारे एक झोपड़ी बनाकर रहने लगे थे. वही भगवान कृष्ण जी दुर्योधन के छप्पन भोग त्याग कर विदुर जी के आश्रम में बथुए के साग का भोजन ग्रहण किया था. आज भी विदुर कुटी पर साल भर बथुआ पर्याप्त मात्रा में मिलता है.
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हाल ही में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी विदुर कुटी पर महात्मा विदुर के दर्शन किए थे.बिजनौर डीएम उमेश मिश्रा इस विदुर कुटी को कायाकल्प करने में लगातार जुटे हुए हैं.
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