बिजनौर: जिले में गन्ने के भुगतान को लेकर किसान कई बार आंदोलन और प्रदर्शन कर चुके हैं. इसके बावजूद भी मिल मालिकों द्वारा गन्ना किसानों को समय से पेमेंट नहीं दिया जा रहा है. समय से पेमेंट न होने के कारण गन्ना किसान परेशान हैं. घर के खर्च और बच्चों की फीस को लेकर किसान कई बार जिला प्रशासन के अधिकारियों से इन मिल मालिकों के खिलाफ गुहार भी लगा चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद भी प्रशासन द्वारा मिल मालिकों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं लाई जा रही है.
बिजनौर का ज्यादातर किसान गन्ने की खेती पर अपने परिवार का खर्चा निर्वाहन कर रहा है. प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद भी जनपद की 8 शुगर मिलों द्वारा किसानों का पेमेंट अभी तक नहीं किया गया है. इसको लेकर किसान कई बार आंदोलन और प्रदर्शन भी कर चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद भी जिला प्रशासन के आला अधिकारियों द्वारा मिल मालिकों से किसान का पेमेंट दिलाये जाने को लेकर कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं लाई जा रही है. इससे गन्ना किसान काफी परेशान हैं.
भारतीय किसान यूनियन लोक शक्ति पार्टी के जिलाध्यक्ष चौधरी वीर सिंह सहरावत ने बताया कि जिले के 8 शुगर मिलों द्वारा फरवरी -1 मार्च तक का पेमेंट ही गन्ना किसानों को दिया गया है. बिजनौर शहर के आसपास की भिलाई शुगर मिल, चांदपुर शुगर मिल और बिजनौर शुगर मिल द्वारा अभी तक केवल फरवरी तक का ही किसानों का पेमेंट किया गया है, जबकि अन्य 5 शुगर मिलों द्वारा केवल मार्च तक का पेमेंट ही गन्ना किसानों को दिया गया है.
पेमेंट को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद सरकार ने 14 दिनों के अंदर किसानों को पेमेंट करने की बात कही थी, लेकिन इसके बावजूद भी मिल मालिकों द्वारा किसानों का पेमेंट नहीं किया गया. अधिकारियों की मिलीभगत के कारण यह मिल मालिक किसानों का पेमेंट नहीं कर रहे हैं, जिससे किसान काफी परेशान हैं.