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UP Election 2022: बस्ती के हर्रैया विधानसभा का इस बार चुनावी मुकाबला दिलचस्प होने के आसार

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Published : Oct 3, 2021, 4:40 PM IST

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) को लेकर पूरे प्रदेश के साथ जिले में भी सियासी हलचल तेज हो गई है.आइये जानते हैं बस्ती जिले की हर्रैया विधानसभा सीट 307 में चुनावी समीकरण क्या हैं?

हर्रैया विधानसभा में मतदाता.
हर्रैया विधानसभा में मतदाता.

बस्तीः यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) को लेकर पूरे प्रदेश के साथ जिले में भी सियासी हलचल तेज हो गई है. राजनीतिक दल जोर-शोर से मतदाताओं को रिझाने में जुटे गए हैं. ऐसे में जिले की हर्रैया विधानसभा सीट 307 पर आगामी विधानसभा चुनाव में दिलचस्प मुकाबले के आसार हैं. क्योंकि हरैया तहसील यूपी की सबसे बड़ी तहसील मानी जाती है. इसके अलावा हर दल के नेताओ का आपस में घोर विरोध और प्रतिद्वंदिता भी चुनाव के समीकरण बदलने में सक्षम है.

हर्रैया विधानसभा की डेमोग्राफिक रिपोर्ट.
हर्रैया विधानसभा की डेमोग्राफिक रिपोर्ट.

इस विधानसभा के सबसे बड़े किंग मेकर ब्राह्मण और दूसरे नंबर पर दलित समाज के वोटर हैं. इन दो जातियों का वोट हासिल करने वाले ही उम्मीदवार विधानसभा पहुंचता है. लगातार तीन बार से विधायक रहे इस विधान सभा से विधायक बने राजकिशोर सिंह से वर्ष 2017 में ब्राह्मण नाराज हो गए तो उन्हें मुंह की खानी पड़ी और बीजेपी से अजय सिंह जीतकर विधानसभा में पहुंचे.

हर्रैया विधानसभा की डेमोग्राफिक रिपोर्ट.
हर्रैया विधानसभा की डेमोग्राफिक रिपोर्ट.

हरैया विधानसभा का जातीय आंकड़ा
बता दें कि 2002 के विधानसभा चुनाव में बसपा के राजकिशोर सिंह ने सपा के त्र्यंबक नाथ पाठक को मात दी थी. इसके बाद 2007 में राजकिशोर सिंह ने पाला बदल दिया और सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे और बसपा से लड़ रहे अनिल सिंह को हराकर विधानसभा पहुंचे. 2012 विधानसभा चुनाव में राजकिशोर सिंह फिर सपा से उतरे और बसपा से लड़ रही ममता पांडे को हरा दिया. वहीं, एक बार फिर राजकिशोर सिंह सपा से 2017 में चुनाव लड़े लेकिन इस बार उनका अति आत्मविश्वास उन्हें ले डूबा और बीजेपी प्रत्याशी अजय सिंह ब्राह्मणों की मदद से चुनाव जीत गए.

हर्रैया विधानसभा में मतदाता.
हर्रैया विधानसभा में मतदाता.
फिर हाथी पर सवार हुए राजकिशोर सिंह
इस बार पूर्व मंत्री राजकिशोर सिंह एक बार फिर सपा की साइकिल से उतरकर बसपा की हाथी पर सवार हो गए हैं. राजकिशोर सिंह बसपा से दावेदारी ठोक रहे हैं तो बीजेपी के मौजूदा विधायक अजय सिंह भी कही से पीछे नहीं दिख रहे. अजय सिंह जिस भी दल में रहते है, खुद अपनी टीम के दम पर वोटरों को अपने पक्ष में लुभाने में कामयाब होते है. वही बसपा से चुनाव मैदान में उतरे राजकिशोर सिंह राजनीति के माहिर खिलाड़ी है और इस बार वे कोई चूक नहीं करना चाहते.

पूर्व विधायक राजकिशोर सिंह का रिपोर्ट कार्ड


हर्रैया विधानसभा के विधायक ने अपना पूरा 100 फीसदी दिया. विधायकों ने काम तो किया मगर जातिवाद हावी होने की वजह से चुनाव के वक्त वोटर यह सब कुछ भूल कर सिर्फ जाति के आधार पर वोट देकर अपना नेता चुनते है. हरैया विधान सभा के पूर्व विधायक और तीन बार मंत्री रहे राजकिशोर सिंह ने काफी विकास किया है. 100 बेड का महिला अस्पताल, पाली क्लिनिक, हर गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए पक्की सड़क, फायर स्टेशन, आईटीआई, नया तहसील भवन और लकड़ी के कई पूल का निर्माण पूर्व विधायक रहे राजकिशोर सिंह ने करवाया था.

भाजपा विधायक का रिपोर्ट कार्ड
मौजूदा बीजेपी से विधायक अजय सिंह ने अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल में कई सड़क बनवाया है, इसके अलावा अपने विधानसभा में मिनी स्टेडियम का भी निर्माण करवाया है. इसके अलावा 7 स्मृति द्वार, कई करोड़ की लागत से सड़क, 20 से अधिक सार्वजनिक शौचालय, पानी के लिए 100 हैंडपंप का निर्माण करवाकर हरैया विधानसभा क्षेत्र के लोगो को सौंपा है. इसके अलावा मखौड़ा मंदिर, श्रृंगीनारी सहित कई पौराणिक मंदिरों का भी विधायक की तरफ से जीर्णोध्वार की दिशा में काम किया है. विधायक अजय सिंह ने पर्यटन के क्षेत्र में 10 बड़े प्रोजेक्ट, कनेक्टिविटी के लिए 10 बड़े पूल, शिक्षा के क्षेत्र में पॉलिटेक्निक, आईटीआई, अटल आवासीय विद्यालय और मिनी स्टेडियम का निर्माण कार्य जारी है.

इसे भी पढ़ें-बस्ती सदर विधानसभा-310ः इस बार खुलेगा सपा का खाता या फिर बीजेपी का लहराएगा परचम?


ये हैं प्रमुख समस्याएं
हर्रैया विधानसभा में सबसे बड़ा मुद्दा बाढ़, बेरोजगारी और शिक्षा है. बाढ़ से हर साल 200 से अधिक गांव प्रभावित होते हैं. लोगो के घर और खेत को सरयू नदी अपने साथ बहा ले जाती है. रोजगार में क्षेत्र में यहां के विधायकों ने कोई काम नहीं किया. सड़क, पानी से लेकर विकास की तमाम योजनाएं हरैया विधानसभा के आखिरी गांव तक पहुंची है लेकिन रोजगार के क्षेत्र में आज तक कोई कार्य नहीं किया गया. इस विधानसभा में 3 पौराणिक नदिया से बहती है लेकिन इनकी स्थिति बेहद बदहाल है. यहां तक कि रामरेखा नदी विलुप्त होने के कगार पर है. जबकि कुवानाे और आमी नदी नाले में तब्दील होती जा रही है.

बस्तीः यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) को लेकर पूरे प्रदेश के साथ जिले में भी सियासी हलचल तेज हो गई है. राजनीतिक दल जोर-शोर से मतदाताओं को रिझाने में जुटे गए हैं. ऐसे में जिले की हर्रैया विधानसभा सीट 307 पर आगामी विधानसभा चुनाव में दिलचस्प मुकाबले के आसार हैं. क्योंकि हरैया तहसील यूपी की सबसे बड़ी तहसील मानी जाती है. इसके अलावा हर दल के नेताओ का आपस में घोर विरोध और प्रतिद्वंदिता भी चुनाव के समीकरण बदलने में सक्षम है.

हर्रैया विधानसभा की डेमोग्राफिक रिपोर्ट.
हर्रैया विधानसभा की डेमोग्राफिक रिपोर्ट.

इस विधानसभा के सबसे बड़े किंग मेकर ब्राह्मण और दूसरे नंबर पर दलित समाज के वोटर हैं. इन दो जातियों का वोट हासिल करने वाले ही उम्मीदवार विधानसभा पहुंचता है. लगातार तीन बार से विधायक रहे इस विधान सभा से विधायक बने राजकिशोर सिंह से वर्ष 2017 में ब्राह्मण नाराज हो गए तो उन्हें मुंह की खानी पड़ी और बीजेपी से अजय सिंह जीतकर विधानसभा में पहुंचे.

हर्रैया विधानसभा की डेमोग्राफिक रिपोर्ट.
हर्रैया विधानसभा की डेमोग्राफिक रिपोर्ट.

हरैया विधानसभा का जातीय आंकड़ा
बता दें कि 2002 के विधानसभा चुनाव में बसपा के राजकिशोर सिंह ने सपा के त्र्यंबक नाथ पाठक को मात दी थी. इसके बाद 2007 में राजकिशोर सिंह ने पाला बदल दिया और सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे और बसपा से लड़ रहे अनिल सिंह को हराकर विधानसभा पहुंचे. 2012 विधानसभा चुनाव में राजकिशोर सिंह फिर सपा से उतरे और बसपा से लड़ रही ममता पांडे को हरा दिया. वहीं, एक बार फिर राजकिशोर सिंह सपा से 2017 में चुनाव लड़े लेकिन इस बार उनका अति आत्मविश्वास उन्हें ले डूबा और बीजेपी प्रत्याशी अजय सिंह ब्राह्मणों की मदद से चुनाव जीत गए.

हर्रैया विधानसभा में मतदाता.
हर्रैया विधानसभा में मतदाता.
फिर हाथी पर सवार हुए राजकिशोर सिंह
इस बार पूर्व मंत्री राजकिशोर सिंह एक बार फिर सपा की साइकिल से उतरकर बसपा की हाथी पर सवार हो गए हैं. राजकिशोर सिंह बसपा से दावेदारी ठोक रहे हैं तो बीजेपी के मौजूदा विधायक अजय सिंह भी कही से पीछे नहीं दिख रहे. अजय सिंह जिस भी दल में रहते है, खुद अपनी टीम के दम पर वोटरों को अपने पक्ष में लुभाने में कामयाब होते है. वही बसपा से चुनाव मैदान में उतरे राजकिशोर सिंह राजनीति के माहिर खिलाड़ी है और इस बार वे कोई चूक नहीं करना चाहते.

पूर्व विधायक राजकिशोर सिंह का रिपोर्ट कार्ड


हर्रैया विधानसभा के विधायक ने अपना पूरा 100 फीसदी दिया. विधायकों ने काम तो किया मगर जातिवाद हावी होने की वजह से चुनाव के वक्त वोटर यह सब कुछ भूल कर सिर्फ जाति के आधार पर वोट देकर अपना नेता चुनते है. हरैया विधान सभा के पूर्व विधायक और तीन बार मंत्री रहे राजकिशोर सिंह ने काफी विकास किया है. 100 बेड का महिला अस्पताल, पाली क्लिनिक, हर गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए पक्की सड़क, फायर स्टेशन, आईटीआई, नया तहसील भवन और लकड़ी के कई पूल का निर्माण पूर्व विधायक रहे राजकिशोर सिंह ने करवाया था.

भाजपा विधायक का रिपोर्ट कार्ड
मौजूदा बीजेपी से विधायक अजय सिंह ने अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल में कई सड़क बनवाया है, इसके अलावा अपने विधानसभा में मिनी स्टेडियम का भी निर्माण करवाया है. इसके अलावा 7 स्मृति द्वार, कई करोड़ की लागत से सड़क, 20 से अधिक सार्वजनिक शौचालय, पानी के लिए 100 हैंडपंप का निर्माण करवाकर हरैया विधानसभा क्षेत्र के लोगो को सौंपा है. इसके अलावा मखौड़ा मंदिर, श्रृंगीनारी सहित कई पौराणिक मंदिरों का भी विधायक की तरफ से जीर्णोध्वार की दिशा में काम किया है. विधायक अजय सिंह ने पर्यटन के क्षेत्र में 10 बड़े प्रोजेक्ट, कनेक्टिविटी के लिए 10 बड़े पूल, शिक्षा के क्षेत्र में पॉलिटेक्निक, आईटीआई, अटल आवासीय विद्यालय और मिनी स्टेडियम का निर्माण कार्य जारी है.

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ये हैं प्रमुख समस्याएं
हर्रैया विधानसभा में सबसे बड़ा मुद्दा बाढ़, बेरोजगारी और शिक्षा है. बाढ़ से हर साल 200 से अधिक गांव प्रभावित होते हैं. लोगो के घर और खेत को सरयू नदी अपने साथ बहा ले जाती है. रोजगार में क्षेत्र में यहां के विधायकों ने कोई काम नहीं किया. सड़क, पानी से लेकर विकास की तमाम योजनाएं हरैया विधानसभा के आखिरी गांव तक पहुंची है लेकिन रोजगार के क्षेत्र में आज तक कोई कार्य नहीं किया गया. इस विधानसभा में 3 पौराणिक नदिया से बहती है लेकिन इनकी स्थिति बेहद बदहाल है. यहां तक कि रामरेखा नदी विलुप्त होने के कगार पर है. जबकि कुवानाे और आमी नदी नाले में तब्दील होती जा रही है.

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