बस्ती: कप्तानगंज के व्यापारी गिरजाशंकर अग्रहरि ने कोर्ट में दिए प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया है कि तत्कालीन एसओ सतानंद पांडेय ने अपनी माता के कर्म में दान देने के लिए दीवान बेड बनवाया था, जिसकी कीमत 26 हजार रुपये थी. वहीं चौकी इंचार्ज महराजगंज रहे संतोष कुमार मिश्र को चौकी पर शौचालय बनवाने के लिए 9 हजार रुपये का ईंट व 9 हजार नगद दिया था. मांगने पर दोनों अधिकारी नाराज हो गए और उसे प्रताड़ित करने लगे. आरोप है कि उसके खिलाफ एक मुकदमा भी दर्ज करा दिया गया था.
क्या है पूरा मामला-
- कोर्ट ने इंस्पेक्टर सतानंद पांडेय व दरोगा संतोष कुमार मिश्र के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया है.
- कोर्ट ने गबन व अपशब्दों का प्रयोग करने के आरोप में गैरजमानती वारंट जारी किया है.
- पुलिस महकमे को 19 अगस्त तक दोनों को गिरफ्तार कर संबंधित कोर्ट में पेश करने के आदेश दिये हैं.
- प्रकरण में 26 मार्च को दोनों को कोर्ट में तलब किया गया था.
- इस ऑर्डर के खिलाफ दोनों ने जिला जज की कोर्ट में रिवीजन दाखिल किया था.
- यहां से फाइल फास्ट ट्रैक कोर्ट फस्ट को भेज दी गई.
- कोर्ट के जज ने रिवीजन को निरस्त कर दोनों पुलिसकर्मियों को निचली अदालत में 10 जुलाई को हाजिर होने का आदेश दिया था.
एसीजेएम प्रथम ने जारी किया गैर जमानती वारंट-
16 जुलाई को पड़ी तारीख के दिन एसीजेएम प्रथम अंकिता दूबे ने इसे कोर्ट के आदेश की अनदेखी मानते हुए कहा कि दोनों कोर्ट स्तर से जारी आदेश से वाकिफ थे. इसके बाद भी हाजिर नहीं हुए. ऐसी दशा में तत्कालीन थाना प्रभारी कप्तानगंज सतानंद पांडेय व पूर्व चौकी प्रभारी महराजगंज संतोष कुमार मिश्र के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जाता है.
एक व्यापारी हैं जो कप्तानगंज के रहने वाले हैं. उन्होंने एसओ और सब इंस्पेक्टर पर आरोप लगाया था कि उनसे सामान लिया और पैसे नहीं दिये. जब उन्होंने पैसों की मांग की तो उनके ऊपर कई फर्जी मुकदमे दर्ज कर दिये. इसकी जांच हम लोगों ने दी थी. एसपी ने जांच कर उनको क्लीन चिट दे दी थी. परन्तु उन लोगों ने अब कोर्ट एप्रोच किया है. कोर्ट ने उनके खिलाफ एनवीडब्ल्यू जारी किया है.
-आशुतोष कुमार, आईजी