बस्ती: सूबे में बेसिक शिक्षा व्यवस्था की बदहाली किसी से छुपी नही हैं. इसके लिए जितनी जिम्मेदार सरकार है, उससे कहीं ज्यादा वो शिक्षक हैं, जो मोटा वेतन तो ले रहे हैं, लेकिन बच्चों को पढ़ाने स्कूल नहीं आते हैं.
स्कूल से नदारद मिले शिक्षक-
मामला बस्ती जनपद के विकास खंड कुदरहा का एक और रामनगर के दो शिक्षक विद्यालय नहीं आते, लेकिन वेतन खाते में जा रहा है. ये सब खण्ड शिक्षा अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है. दरअसल, 25 जून से नया शिक्षण सत्र शुरू हो चुका है. जब हमने शिक्षा व्यवस्था को लेकर जांच-पड़ताल की तो शिक्षक स्कूल से नदारद मिले.
15 अगस्त और 26 जनवरी को भी नहीं खुलता स्कूल-
जनपद के कुदरहा ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय मसुरिहा की हालत ये है कि वो कभी खुलता ही नहीं है. स्थानीय लोगों ने बताया कि विद्यालय 15 अगस्त या 26 जनवरी को खुलता है, नहीं तो बंद ही रहता है.
सहायक अध्यापक के भरोसे चलता है स्कूल-
रामनगर ब्लॉक के करमहिया पूर्व माध्यमिक और प्राथमिक विद्यालय दोनों की हालत कुछ ऐसी ही हैं. यहां पूर्व माध्यमिक विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापक अजय कुमार पांडे स्कूल से नदारद रहते हैं और विद्यालय अनुदेशक के भरोसे चलता है. वहीं प्राथमिक विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापिका गीता वर्मा भी कभी पढ़ाने नहीं आती. साथ ही दोनों के इंचार्ज भानु प्रताप सिंह भी बिना किसी सूचना के विद्यालय से गायब मिले.
शिक्षा विभाग को नहीं है खबर-
अब ऐसे में सवाल उठता है कि कैसे ये शिक्षक अपनी ड्यूटी से गायब रहते हैं और शिक्षा विभाग को जानकारी ही नहीं है. इसमें सबसे बड़ी मिलीभगत खण्ड शिक्षा अधिकारियों की है, जिनके ऊपर निरीक्षण की जिम्मेदारी होती है.
बेसिक शिक्षा अधिकारी बोले, लापरवाह शिक्षकों पर कार्रवाई होगी-
इस बाबत बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार ने कहा कि जो भी शिक्षक गैरहाजिर रहते हैं, उनके ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही खंड शिक्षा अधिकारियों की भी इसमें लापरवाही पाई जाती है तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी.