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बस्ती: स्कूल में नहीं आते गुरु जी, खाते में जा रहा वेतन - बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में सरकारी स्कूलों के शिक्षक अपनी मनमानी कर बच्चों का भविष्य अंधेरे में धकेल रहे हैं. आपको बता दें कि जनपद के कई स्कूलों में शिक्षक स्कूल से गायब रहते हैं, लेकिन आला अधिकारी इससे बेखबर हैं.

स्कूल में लगा ताला.
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Published : Jul 17, 2019, 6:30 PM IST

बस्ती: सूबे में बेसिक शिक्षा व्यवस्था की बदहाली किसी से छुपी नही हैं. इसके लिए जितनी जिम्मेदार सरकार है, उससे कहीं ज्यादा वो शिक्षक हैं, जो मोटा वेतन तो ले रहे हैं, लेकिन बच्चों को पढ़ाने स्कूल नहीं आते हैं.

शिक्षक के न आने से स्कूल में लगा ताला.

स्कूल से नदारद मिले शिक्षक-
मामला बस्ती जनपद के विकास खंड कुदरहा का एक और रामनगर के दो शिक्षक विद्यालय नहीं आते, लेकिन वेतन खाते में जा रहा है. ये सब खण्ड शिक्षा अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है. दरअसल, 25 जून से नया शिक्षण सत्र शुरू हो चुका है. जब हमने शिक्षा व्यवस्था को लेकर जांच-पड़ताल की तो शिक्षक स्कूल से नदारद मिले.

15 अगस्त और 26 जनवरी को भी नहीं खुलता स्कूल-
जनपद के कुदरहा ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय मसुरिहा की हालत ये है कि वो कभी खुलता ही नहीं है. स्थानीय लोगों ने बताया कि विद्यालय 15 अगस्त या 26 जनवरी को खुलता है, नहीं तो बंद ही रहता है.

सहायक अध्यापक के भरोसे चलता है स्कूल-
रामनगर ब्लॉक के करमहिया पूर्व माध्यमिक और प्राथमिक विद्यालय दोनों की हालत कुछ ऐसी ही हैं. यहां पूर्व माध्यमिक विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापक अजय कुमार पांडे स्कूल से नदारद रहते हैं और विद्यालय अनुदेशक के भरोसे चलता है. वहीं प्राथमिक विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापिका गीता वर्मा भी कभी पढ़ाने नहीं आती. साथ ही दोनों के इंचार्ज भानु प्रताप सिंह भी बिना किसी सूचना के विद्यालय से गायब मिले.

शिक्षा विभाग को नहीं है खबर-
अब ऐसे में सवाल उठता है कि कैसे ये शिक्षक अपनी ड्यूटी से गायब रहते हैं और शिक्षा विभाग को जानकारी ही नहीं है. इसमें सबसे बड़ी मिलीभगत खण्ड शिक्षा अधिकारियों की है, जिनके ऊपर निरीक्षण की जिम्मेदारी होती है.

बेसिक शिक्षा अधिकारी बोले, लापरवाह शिक्षकों पर कार्रवाई होगी-
इस बाबत बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार ने कहा कि जो भी शिक्षक गैरहाजिर रहते हैं, उनके ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही खंड शिक्षा अधिकारियों की भी इसमें लापरवाही पाई जाती है तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी.

बस्ती: सूबे में बेसिक शिक्षा व्यवस्था की बदहाली किसी से छुपी नही हैं. इसके लिए जितनी जिम्मेदार सरकार है, उससे कहीं ज्यादा वो शिक्षक हैं, जो मोटा वेतन तो ले रहे हैं, लेकिन बच्चों को पढ़ाने स्कूल नहीं आते हैं.

शिक्षक के न आने से स्कूल में लगा ताला.

स्कूल से नदारद मिले शिक्षक-
मामला बस्ती जनपद के विकास खंड कुदरहा का एक और रामनगर के दो शिक्षक विद्यालय नहीं आते, लेकिन वेतन खाते में जा रहा है. ये सब खण्ड शिक्षा अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है. दरअसल, 25 जून से नया शिक्षण सत्र शुरू हो चुका है. जब हमने शिक्षा व्यवस्था को लेकर जांच-पड़ताल की तो शिक्षक स्कूल से नदारद मिले.

15 अगस्त और 26 जनवरी को भी नहीं खुलता स्कूल-
जनपद के कुदरहा ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय मसुरिहा की हालत ये है कि वो कभी खुलता ही नहीं है. स्थानीय लोगों ने बताया कि विद्यालय 15 अगस्त या 26 जनवरी को खुलता है, नहीं तो बंद ही रहता है.

सहायक अध्यापक के भरोसे चलता है स्कूल-
रामनगर ब्लॉक के करमहिया पूर्व माध्यमिक और प्राथमिक विद्यालय दोनों की हालत कुछ ऐसी ही हैं. यहां पूर्व माध्यमिक विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापक अजय कुमार पांडे स्कूल से नदारद रहते हैं और विद्यालय अनुदेशक के भरोसे चलता है. वहीं प्राथमिक विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापिका गीता वर्मा भी कभी पढ़ाने नहीं आती. साथ ही दोनों के इंचार्ज भानु प्रताप सिंह भी बिना किसी सूचना के विद्यालय से गायब मिले.

शिक्षा विभाग को नहीं है खबर-
अब ऐसे में सवाल उठता है कि कैसे ये शिक्षक अपनी ड्यूटी से गायब रहते हैं और शिक्षा विभाग को जानकारी ही नहीं है. इसमें सबसे बड़ी मिलीभगत खण्ड शिक्षा अधिकारियों की है, जिनके ऊपर निरीक्षण की जिम्मेदारी होती है.

बेसिक शिक्षा अधिकारी बोले, लापरवाह शिक्षकों पर कार्रवाई होगी-
इस बाबत बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार ने कहा कि जो भी शिक्षक गैरहाजिर रहते हैं, उनके ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही खंड शिक्षा अधिकारियों की भी इसमें लापरवाही पाई जाती है तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी.

Intro:बस्ती न्यूज रिपोर्ट
प्रशांत सिंह
9161087094
8317019190

बस्ती: सूबे में बेसिक शिक्षा व्यवस्था की बदहाली किसी से छुपी नही हैं. इसके लिए जितनी जिम्मेवार सरकार है उससे कहीं ज्यादा वो शिक्षक है जो मोटा वेतन ले रहे हैं और पढ़ाने ही नही जाते.

जी हां ये मामला बस्ती जनपद के विकास खंड कुदरहा का एक और रामनगर के दो शिक्षक विद्यालय नहीं आते लेकिन वेतन खाते में जा रहा है. और यह सब खण्ड शिक्षाधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है.





Body:दरअसल 25 जून से नया शिक्षण सत्र शुरू हो चुका है. जब हमने शिक्षा व्यवस्था को लेकर पड़ताल की तो शिक्षकों का ये गोरखधंधा सामने आया. जनपद के कुदरहा ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय मसुरिहा की हालत ये है कि वो कभी खुलता ही नही है.

स्थानीय लोगों ने बताया कि कभी कभार 15 अगस्त या 26 जनवरी को खुलता है, नही तो बंद ही रहता है. वहीं रामनगर ब्लॉक के करमहिया पूर्व माध्यमिक और प्राथमिक दोनों की हालत कुछ ऐसी है हैं. यहां पूर्व माध्यमिक में तैनात सहायक अध्यापक अजय कुमार पांडे स्कूल से नदारद रहते हैं और विद्यालय अनुदेशक के भरोसे चलता है. वहीं प्राथमिक विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापक गीता वर्मा भी कभी पढ़ाने नही आतीं. साथ ही दोनों के इंचार्ज भानु प्रताप सिंह भी बिना किसी सूचना के विद्यालय से गायब मिले.





Conclusion:अब ऐसे में सवाल उठता है कि कैसे ये शिक्षक अपनी ड्यूटी से गायब रहते हैं और शिक्षा विभाग को जानकारी ही नही है. इसमें सबसे बड़ी मिलीभगत खण्ड शिक्षा अधिकारियों की है, जिनके ऊपर निरीक्षण की जिम्मेदारी होती है. 

इस बाबत बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार ने कहा कि जो भी शिक्षक गैरहाजिर रहते हैं, उनके ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही खंड शिक्षा अधिकारियों की भी इसमें लापरवाही पाई जाती है तो उनके ऊपर भी कार्रवाई की जाएगी. 


विजुअल...मसुरिहा पूर्व माध्यमिक स्कूल
विजुअल...करमहिया प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक स्कूल
बाइट...छात्रा, करमहिया
बाइट...ग्रामीण, मसुरिहा
बाइट...अभिषेक, सहायक अध्यापक, करमहिया
बाइट...बीएसए, अरुण कुमार


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