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बस्ती: कप्तानगंज सामुदायिक अस्पताल में सुविधाओं का बुरा हाल - कप्तानगंज सामुदायिक अस्पताल

यूपी के बस्ती जिले में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कप्तानगंज का हाल बेहाल है. यहां आने वाले काफी मरीज ओपीडी बंद होने और डॉक्टरों की मौजूदगी न होने के चलते निराश होकर वापस लौट रहे हैं.

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अस्पताल.
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Published : Oct 18, 2020, 12:25 PM IST

बस्ती: जिले में कप्तानगंज में ओपीडी सेवाएं बंद होने से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल की ओपीडी बंद होने और डॉक्टरों की मौजूदगी न होने के चलते मरीज निराश होकर वापस लौट रहे हैं. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कप्तानगंज पर शनिवार सुबह 10 बजे अस्पताल का गेट तो खुला लेकिन अस्पताल में ओपीडी सेवाएं दोपहर तक बंद रहीं, जिसके चलते अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.

कप्तानगंज सामुदायिक अस्पताल में ओपीडी सेवाएं बेहाल.

शनिवार दोपहर 12:30 बजे तक की तस्वीर कुछ ऐसी थी कि यहां अस्पताल में न तो डॉक्टर अपने चेंबर में बैठे मिले और न ही अस्पताल में इलाज कराने आने वाले मरीजों के रजिस्ट्रेशन पर्ची कट रही थी. करमिया शुक्ल गांव निवासी आकाश यादव ने बताया कि मैं 3 दिन से लगातार कुत्ता काटने पर इंजेक्शन लगवाने के लिए दौड़-दौड़कर आ रहा हूं, लेकिन यहां पहुंचने के बाद मुझे यह कहकर लौटा दिया गया कि इंजेक्शन आज नहीं लगेगा कल आइए. आज मैं आया हूं डेढ़ घंटे हो गए, लेकिन यहां न कोई डॉक्टर है और न ही कोई इंजेक्शन लगाने के लिए कर्मचारी हैं. वहीं टिनीच करमिया निवासी पशुपति नाथ शुक्ला को बंदर ने काट लिया है, जो कि डॉक्टर को दिखाने के लिए आए थे, लेकिन डॉक्टर के न बैठे होने के चलते बिना इलाज के वापस लौटना पड़ रहा है. उनका कहना था कि पूछने पर स्टाफ ने बताया गया कि इंतजार करिए, जब डॉक्टर साहब आएगे तो देखेंगे.

वहीं पत्नी का इलाज करवाने पहुंचे बघौड़ा निवासी फूलचंद ने बताया कि यहां कोई डॉक्टर नहीं बैठा है, जिससे दिखा सकूं और न ही पर्ची कट रही है. एक डॉ. मैडम जरूर आई थीं, उनसे कहा लेकिन वह भी सीधे अंदर चली गईं. काफी देर से परेशान हूं कोई देखने वाला नहीं है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कप्तानगंज प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनोद कुमार का बीती रात तबादला हो गया था, लेकिन दोपहर तक न तो नए चिकित्सा अधिकारी ने ज्वाइन किया था और न ही डॉ. विनोद कुमार अस्पताल में मिले. साथ ही अस्पताल की ओपीडी सेवा दोपहर 12:30 बजे तक बंद थीं.

अचानक दोपहर 12:20 बजे महिला चिकित्सक डॉ. हिना खान अपने चेंबर में आईं तो उन्होंने मरीज देखने की शुरुआत की. वहीं जब उनसे ओपीडी सेवाएं दोपहर तक बंद होने के बारे में सवाल किया गया तो उनका कहना था कि ग्रुप पर मैसेज आया था, यूनियन के ऊपर तो हम लोग हो नहीं सकते. अब मैंने मरीजों को देखना शुरू किया है. डॉ. हिना खान के कहने पर ही दोपहर बाद पर्ची कटनी शुरू हुई, जिसके बाद उन्होंने मरीजों को देखने की शुरुआत की.

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की अव्यवस्थाओं के बारे में जब प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनोद कुमार सिंह से फोन पर बात की गई तो उन्होंने भी कुछ साफ जवाब नहीं दिया. वहीं ओपीडी सेवाएं बंद होने के बारे में उन्होंने कहा कि कन्फ्यूजन के चलते ओपीडी सेवाएं दोपहर तक बंद थीं, जो कि अब चालू कर दी गई हैं.

बस्ती: जिले में कप्तानगंज में ओपीडी सेवाएं बंद होने से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल की ओपीडी बंद होने और डॉक्टरों की मौजूदगी न होने के चलते मरीज निराश होकर वापस लौट रहे हैं. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कप्तानगंज पर शनिवार सुबह 10 बजे अस्पताल का गेट तो खुला लेकिन अस्पताल में ओपीडी सेवाएं दोपहर तक बंद रहीं, जिसके चलते अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.

कप्तानगंज सामुदायिक अस्पताल में ओपीडी सेवाएं बेहाल.

शनिवार दोपहर 12:30 बजे तक की तस्वीर कुछ ऐसी थी कि यहां अस्पताल में न तो डॉक्टर अपने चेंबर में बैठे मिले और न ही अस्पताल में इलाज कराने आने वाले मरीजों के रजिस्ट्रेशन पर्ची कट रही थी. करमिया शुक्ल गांव निवासी आकाश यादव ने बताया कि मैं 3 दिन से लगातार कुत्ता काटने पर इंजेक्शन लगवाने के लिए दौड़-दौड़कर आ रहा हूं, लेकिन यहां पहुंचने के बाद मुझे यह कहकर लौटा दिया गया कि इंजेक्शन आज नहीं लगेगा कल आइए. आज मैं आया हूं डेढ़ घंटे हो गए, लेकिन यहां न कोई डॉक्टर है और न ही कोई इंजेक्शन लगाने के लिए कर्मचारी हैं. वहीं टिनीच करमिया निवासी पशुपति नाथ शुक्ला को बंदर ने काट लिया है, जो कि डॉक्टर को दिखाने के लिए आए थे, लेकिन डॉक्टर के न बैठे होने के चलते बिना इलाज के वापस लौटना पड़ रहा है. उनका कहना था कि पूछने पर स्टाफ ने बताया गया कि इंतजार करिए, जब डॉक्टर साहब आएगे तो देखेंगे.

वहीं पत्नी का इलाज करवाने पहुंचे बघौड़ा निवासी फूलचंद ने बताया कि यहां कोई डॉक्टर नहीं बैठा है, जिससे दिखा सकूं और न ही पर्ची कट रही है. एक डॉ. मैडम जरूर आई थीं, उनसे कहा लेकिन वह भी सीधे अंदर चली गईं. काफी देर से परेशान हूं कोई देखने वाला नहीं है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कप्तानगंज प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनोद कुमार का बीती रात तबादला हो गया था, लेकिन दोपहर तक न तो नए चिकित्सा अधिकारी ने ज्वाइन किया था और न ही डॉ. विनोद कुमार अस्पताल में मिले. साथ ही अस्पताल की ओपीडी सेवा दोपहर 12:30 बजे तक बंद थीं.

अचानक दोपहर 12:20 बजे महिला चिकित्सक डॉ. हिना खान अपने चेंबर में आईं तो उन्होंने मरीज देखने की शुरुआत की. वहीं जब उनसे ओपीडी सेवाएं दोपहर तक बंद होने के बारे में सवाल किया गया तो उनका कहना था कि ग्रुप पर मैसेज आया था, यूनियन के ऊपर तो हम लोग हो नहीं सकते. अब मैंने मरीजों को देखना शुरू किया है. डॉ. हिना खान के कहने पर ही दोपहर बाद पर्ची कटनी शुरू हुई, जिसके बाद उन्होंने मरीजों को देखने की शुरुआत की.

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की अव्यवस्थाओं के बारे में जब प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनोद कुमार सिंह से फोन पर बात की गई तो उन्होंने भी कुछ साफ जवाब नहीं दिया. वहीं ओपीडी सेवाएं बंद होने के बारे में उन्होंने कहा कि कन्फ्यूजन के चलते ओपीडी सेवाएं दोपहर तक बंद थीं, जो कि अब चालू कर दी गई हैं.

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