बस्ती: 5 अगस्त को राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में भूमि पूजन कार्यक्रम होगा. मंदिर की नींव रखने के लिए खुद प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या आएंगे. वहीं राम मंदिर आंदोलन में जान गंवाने वाले शहीद कारसेवकों के परिवार को भूमि पूजन में आमंत्रित नहीं किया गया है. इसको लेकर हरैया के विधायक अजय सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने कारसेवकों और शहीदों के परिजनों को पूजन में शामिल करने की मांग की है. इन सभी बातों को लेकर विधायक ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
पत्र में विधायक अजय सिंह ने कहा है कि 1990 में लाल कृष्ण आडवाणी की रथयात्रा में हरैया के हजारों कारसेवक शामिल हुए थे. ईटीवी भारत से बातचीत में अजय सिंह ने कहा कि निश्चित रूप से जिन लोगों ने राम मंदिर के लिए जान दी उनके परिजनों को भूमि पूजन में बुलाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या नहीं है कुछ कारसेवकों के परिजनों को जगह न मिल सके.
विधायक ने बताया कि राम मंदिर आंदोलन में शहीद हुए पहले कारसेवक यहीं दुबौलिया ब्लॉक के ही थे. उन्होंने कहा कि 22 अक्टूबर 1990 में जब आडवाणी जी की रथयात्रा में शामिल होने की लोग तैयारी कर रहे थे, तब तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह की सरकार का क्रूर चेहरा सामने आया. दुबौलिया ब्लॉक के सांडपुर, रमना तौफिर समेत तमाम गांव में पुलिस ने इकट्ठा लोगों पर बर्बर लाठीचार्ज किया. राम भक्तों पर गोलियां चलवाईं. इसमें सांड पुर के सत्यवान सिंह, रामचन्द्र यादव शहीद हो गए. रामफेर यादव को गोली लगी थी, जिस कारण आज भी वो बीमार रहते हैं.
विधायक ने कहा कि कई ऐसे कारसेवक भी हैं जो मुकदमा झेल रहे हैं. उन्होंने कहा कि हर कारसेवक तो शामिल नहीं हो सकता, लेकिन शहीद कारसेवकों के परिजन और घायलों को शामिल जरूर करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की प्रसन्नता है हमारी सरकार ने इसको गम्भीरता से लिया है.