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किसान सम्मान निधि को लेकर किसान नाराज, दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग

जनपद में चार लाख 60 हजार 32 किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे हैं. जिसमें 4707 किसान अपात्र हैं. जो किसान सम्मान निधि के तहत 2117 किश्त हासिल कर चुके हैं. इन किसानों से करीब तीन करोड़ 55 लाख 74 लाख रुपये की वसूली की जानी है.

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दिवान चन्द्र चौधरी किसान नेता
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Published : Jun 24, 2022, 12:05 PM IST

बस्तीः जनपद में किसानों से किसान सम्मान निधि वापस ली जा रही है. अब तक सरकार लगभग 512 किसानों से किसान सम्मान निधि वापस ले चुकी है. किसान सरकार से नाराज हैं. नियमों के अनुसार अगर कोई किसान इनकम टैक्स भर रहा, तो वह किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं ले सकता है. यानी कि सरकार की नजर में वो किसान ही नहीं है. इसलिए उन्हें इस योजना का लाभ नहीं दिया जा सकता. जिन्होंने किसान सम्मान निधि का पैसा ले लिया है. अब उनसे वसूली की जा रही है.

जानकारी देते किसान नेता दिवान चन्द्र चौधरी
किसानों का कहना है कि किसान सम्मान निधि की वजह से वर्ष 2019 में बीजेपी लोकसभा का चुनाव जीती थी, आज उन्हीं किसानों का सम्मान करने के बाद अब उनका अपमान कर रही है. किसानों से किसान सम्मान निधि वापस ली जा रही है. जनपद में चार लाख 60 हजार 32 किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे हैं. इस योजना के तहत गलत तरीके से लाभ लेने वाले किसानों से कृषि विभाग धनराशि की वसूली करा रहा है.

यह भी पढ़ेंः विधानसभा चुनाव में सूचना छिपाने का मामला : कोर्ट ने सपा विधायक पल्लवी सिंह पटेल की याचिका पर सुरक्षित रखा फैसला

सीडीओ राजेश प्रजापति के अनुसार किसान सम्मान निधि योजना की नई गाइड लाइन के अनुसार अपात्रता के कई कारण सामने आ रहे हैं. नई गाइड लाइन के अनुसार अब परिवार के एक ही सदस्य को योजना का लाभ मिलेगा. इसके अलावा भूमिहीन, आयकरदाता, ज्यादा रकबा, अधिवक्ता, सेवानिवृत्त कर्मचारी आदि को भी अपात्र घोषित किया जा रहा है. सोशल ऑडिट में जो भी अपात्र पाए जा रहे हैं. उन्हें विभाग की ओर से नोटिस जारी की जा रही है. सोशल ऑडिट में अपात्र पाए गए किसानों की आगामी किस्तें पोर्टल से रोकते हुए वसूली की नोटिस जारी की गई है. लोगों से धनराशि जमा कराने की कार्रवाई चल रही है.

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बस्तीः जनपद में किसानों से किसान सम्मान निधि वापस ली जा रही है. अब तक सरकार लगभग 512 किसानों से किसान सम्मान निधि वापस ले चुकी है. किसान सरकार से नाराज हैं. नियमों के अनुसार अगर कोई किसान इनकम टैक्स भर रहा, तो वह किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं ले सकता है. यानी कि सरकार की नजर में वो किसान ही नहीं है. इसलिए उन्हें इस योजना का लाभ नहीं दिया जा सकता. जिन्होंने किसान सम्मान निधि का पैसा ले लिया है. अब उनसे वसूली की जा रही है.

जानकारी देते किसान नेता दिवान चन्द्र चौधरी
किसानों का कहना है कि किसान सम्मान निधि की वजह से वर्ष 2019 में बीजेपी लोकसभा का चुनाव जीती थी, आज उन्हीं किसानों का सम्मान करने के बाद अब उनका अपमान कर रही है. किसानों से किसान सम्मान निधि वापस ली जा रही है. जनपद में चार लाख 60 हजार 32 किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे हैं. इस योजना के तहत गलत तरीके से लाभ लेने वाले किसानों से कृषि विभाग धनराशि की वसूली करा रहा है.

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सीडीओ राजेश प्रजापति के अनुसार किसान सम्मान निधि योजना की नई गाइड लाइन के अनुसार अपात्रता के कई कारण सामने आ रहे हैं. नई गाइड लाइन के अनुसार अब परिवार के एक ही सदस्य को योजना का लाभ मिलेगा. इसके अलावा भूमिहीन, आयकरदाता, ज्यादा रकबा, अधिवक्ता, सेवानिवृत्त कर्मचारी आदि को भी अपात्र घोषित किया जा रहा है. सोशल ऑडिट में जो भी अपात्र पाए जा रहे हैं. उन्हें विभाग की ओर से नोटिस जारी की जा रही है. सोशल ऑडिट में अपात्र पाए गए किसानों की आगामी किस्तें पोर्टल से रोकते हुए वसूली की नोटिस जारी की गई है. लोगों से धनराशि जमा कराने की कार्रवाई चल रही है.

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