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बस्ती: डीएम ने 7 ग्राम पंचायत सचिवों को किया निलंबित

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Published : Sep 4, 2020, 4:17 AM IST

यूपी के बस्ती जिले में डीएम आशुतोष निरंजन ने 7 ग्राम पंचायत सचिवों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है. गुरुवार को डीएम ने जांच में दोषी पाए जाने पर 7 ग्राम पंचायत सचिवों को निलंबित कर दिया. इस कार्रवाई से जनता में डीएम के प्रति विश्वास जगा है, वहीं जिले के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है.

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डीएम बस्ती

बस्ती: डीएम आशुतोष निरंजन ने गुरुवार को कड़ी कार्रवाई करते हुए सात ग्राम सचिवों को निलंबित कर दिया. डीएम ने यह कार्रवाई निर्माण कार्यों की गुणवत्ता मानक विहीन पाए जाने और समय से निर्माण कार्य पूरा न कराने के लिए दोषी पाए जाने पर की है.

कुदरहा के ग्राम पंचायत सिसई बाबू में सामुदायिक शौचालय का निर्माण मानक विहीन, ग्राम पंचायत जगन्नाथपुर में आवंटित अंत्येष्टि स्थल के निर्माण के लिए पैसा ग्राम पंचायत को मिलने के बाद भी अंत्येष्टि स्थल, शौचालय, स्नानागार का निर्माण पूरा नहीं हुआ. साथ ही जांच में ग्राम पंचायत पिपरा चंद्रपति साउघाट ब्लॉक, गांव हरपालपुर, दुबौलिया ब्लॉक में निर्माणाधीन सामुदायिक शौचालय में लग रहे ईंट की गुणवत्ता खराब पाई गई. इतना ही नहीं अभी तक आवंटित पंचायत भवन का निर्माण भी शुरू नहीं हो पाया है. वहीं गौर ब्लॉक के पायका गांव के पंचायत भवन में प्लिंथ लेवल तक बनने के बावजूद भी पिलर का निर्माण न कराए जाने और अभी तक आवंटित सामुदायिक शौचालय का निर्माण शुरू न कराए जाने के कारण संबंधित सचिव को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है.

इसके अलावा जांच के दौरान सल्टौवा ब्लॉक के पड़री ग्राम पंचायत के गोपालपुर में पंचायत भवन में लगाई जा रही ईंट की गुणवत्ता बहुत ही खराब पाई गई. इसके साथ ही आवंटित सामुदायिक शौचालय का काम शुरू नहीं हो पाया. ग्राम पंचायत में कुल 29 शौचालयों के सापेक्ष 6 शौचालय का काम अधूरा और 23 शौचालय का काम शुरू ही नहीं हुआ, जिसको लेकर संबंधित सचिव के खिलाफ डीएम ने निलंबन की कार्रवाई की है.

वहीं बहादुरपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत डारीडीहा, दुबौलिया के फेरसन और सल्टौवा गोपालपुर के बेतौहा में आवंटित अंत्येष्टि स्थल के निरीक्षण के समय पाया गया कि काम पूरा नहीं हुआ है, जिसमें संबंधित सचिव और प्रधान दोषी पाए गए हैं.

जिला पंचायत राज अधिकारी विनय कुमार सिंह ने बताया कि डीएम आशुतोष निरंजन ने जनपद के सभी एडीओ पंचायत, सचिव, ग्राम प्रधान को निर्देश दिया है कि ग्राम पंचायतों में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में आवंटित सामुदायिक शौचालय, पंचायत भवन और अंत्येष्टि स्थल के निर्माण कार्य की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. गुणवत्ता खराब पाए जाने और समय से अगर पंचायत भवन, सामुदायिक शौचालय और अंत्येष्टि स्थल का निर्माण पूरा नहीं होता है तो इसी तरह संबंधित सचिव, प्रधान के साथ-साथ एडीओ पंचायत की भी जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए उनके निलंबन की भी कार्रवाई की जाएगी.

बस्ती: डीएम आशुतोष निरंजन ने गुरुवार को कड़ी कार्रवाई करते हुए सात ग्राम सचिवों को निलंबित कर दिया. डीएम ने यह कार्रवाई निर्माण कार्यों की गुणवत्ता मानक विहीन पाए जाने और समय से निर्माण कार्य पूरा न कराने के लिए दोषी पाए जाने पर की है.

कुदरहा के ग्राम पंचायत सिसई बाबू में सामुदायिक शौचालय का निर्माण मानक विहीन, ग्राम पंचायत जगन्नाथपुर में आवंटित अंत्येष्टि स्थल के निर्माण के लिए पैसा ग्राम पंचायत को मिलने के बाद भी अंत्येष्टि स्थल, शौचालय, स्नानागार का निर्माण पूरा नहीं हुआ. साथ ही जांच में ग्राम पंचायत पिपरा चंद्रपति साउघाट ब्लॉक, गांव हरपालपुर, दुबौलिया ब्लॉक में निर्माणाधीन सामुदायिक शौचालय में लग रहे ईंट की गुणवत्ता खराब पाई गई. इतना ही नहीं अभी तक आवंटित पंचायत भवन का निर्माण भी शुरू नहीं हो पाया है. वहीं गौर ब्लॉक के पायका गांव के पंचायत भवन में प्लिंथ लेवल तक बनने के बावजूद भी पिलर का निर्माण न कराए जाने और अभी तक आवंटित सामुदायिक शौचालय का निर्माण शुरू न कराए जाने के कारण संबंधित सचिव को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है.

इसके अलावा जांच के दौरान सल्टौवा ब्लॉक के पड़री ग्राम पंचायत के गोपालपुर में पंचायत भवन में लगाई जा रही ईंट की गुणवत्ता बहुत ही खराब पाई गई. इसके साथ ही आवंटित सामुदायिक शौचालय का काम शुरू नहीं हो पाया. ग्राम पंचायत में कुल 29 शौचालयों के सापेक्ष 6 शौचालय का काम अधूरा और 23 शौचालय का काम शुरू ही नहीं हुआ, जिसको लेकर संबंधित सचिव के खिलाफ डीएम ने निलंबन की कार्रवाई की है.

वहीं बहादुरपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत डारीडीहा, दुबौलिया के फेरसन और सल्टौवा गोपालपुर के बेतौहा में आवंटित अंत्येष्टि स्थल के निरीक्षण के समय पाया गया कि काम पूरा नहीं हुआ है, जिसमें संबंधित सचिव और प्रधान दोषी पाए गए हैं.

जिला पंचायत राज अधिकारी विनय कुमार सिंह ने बताया कि डीएम आशुतोष निरंजन ने जनपद के सभी एडीओ पंचायत, सचिव, ग्राम प्रधान को निर्देश दिया है कि ग्राम पंचायतों में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में आवंटित सामुदायिक शौचालय, पंचायत भवन और अंत्येष्टि स्थल के निर्माण कार्य की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. गुणवत्ता खराब पाए जाने और समय से अगर पंचायत भवन, सामुदायिक शौचालय और अंत्येष्टि स्थल का निर्माण पूरा नहीं होता है तो इसी तरह संबंधित सचिव, प्रधान के साथ-साथ एडीओ पंचायत की भी जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए उनके निलंबन की भी कार्रवाई की जाएगी.

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