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बस्ती: डीएम ने एआरटीओ को लगाई फटकार, कार्यालय की व्यवस्था सुधारने के दिए निर्देश - डीएम ने एआरटीओ ऑफिस का लिया जायजा

उत्तर प्रदेश के बस्ती में डीएम आशुतोष निरंजन ने एआरटीओ ऑफिस का जायजा लिया. इस दौरान डीएम ने एआरटीओ अरुण प्रकाश चौबे को जमकर फटकार लगाई. साथ ही डीएम ने आरटीओ सगीर अहमद अंसारी को एआरटीओ के खिलाफ पत्र लिखने का निर्देश दिया.

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डीएम ने एआरटीओ ऑफिस का लिया जायजा.
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Published : Dec 3, 2019, 10:24 AM IST

बस्ती: आरटीओ विभाग में दलालों की घुसपैठ और वसूली का खेल आए दिन देखने को मिलता है. एआरटीओ ही अपने विभाग के कामकाज से अनजान हो तो ऐसे में उस ऑफिस की व्यवस्था कितनी बदतर होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. आरटीओ विभाग का यह मामला तब सामने आया जब डीएम आशुतोष निरंजन आरटीओ ऑफिस पहुंचे.

डीएम ने एआरटीओ ऑफिस का लिया जायजा.

डीएम ने एआरटीओ को लगाई फटकार
डीएम आशुतोष निरंजन ने एआरटीओ अरुण प्रकाश चौबे से नियमों के बारे में पूछा तो वह अपने अधीनस्थों का मुंह ताकने लगे. इसके बाद डीएम ने एआरटीओ को जमकर फटकार लगाई. साथ ही डीएम ने आरटीओ सगीर अहमद अंसारी को एआरटीओ के खिलाफ पत्र लिखने का निर्देश दिया. डीएम आशुतोष निरंजन ने कहा कि वह 15 दिन में फिर ऑफिस आएंगे और अगर कमियां मिलती हैं तो वह खुद शासन को पत्र लिखकर कार्रवाई करेंगे.

ऑफिस में रजिस्टर का समुचित रख-रखाव नहीं
निरीक्षण में डीएम आशुतोष ने पाया कि एआरटीओ के पास प्रशासन एवं प्रवर्तन दोनों का दायित्व है, लेकिन उनका अपने अधीनस्थ पर कोई नियंत्रण नही है. साथ ही रजिस्टर का समुचित रख-रखाव नहीं है. साथ ही कानून एवं नियमों की पर्याप्त जानकारी नहीं है. नाराज डीएम ने आरटीओ सगीर अहमद अंसारी को निर्देश दिया कि कारण बताओं नोटिस जारी कर एआरटीओ से आख्या लेकर अपनी संस्तुति सहित उनको भेजे. दोषी पाये जाने पर एआरटीओ के खिलाफ कार्यवाही के लिए शासन को संस्तुति भेजी जायेंगी. साथ ही डीएम आशुतोष ने एक हफ्ते में कार्यालय की व्यवस्था में सुधार करने के भी निर्देश दिए.

डीएम ने पाया कि प्रवर्तन कार्य के अंतर्गत ओवरलोडिंग होने, परमिट न होने एवं अन्य कारणों से वाहन बंद किए गए और जुर्माना लगाया गया. इसके बाद वाहन स्वामी ने कोर्ट जाकर अपना वाहन छुडवा लिया और उसे पांच हजार से कम जुर्माना जमा करना पड़ा, जबकि एआरटीओ ने 20 हजार का जुर्माना लगाया था. मजे की बात तो यह रही की ऐसे मामलों में कोर्ट के आदेश की कोई प्रति कार्यालय में नहीं मिली. डीएम ने कहा कि ऐसे मामलों में कोर्ट के आदेश की प्रति लेकर जांच की जाए. डीएम ने कहा कि कोर्ट के ऐसे आदेशों से प्रदेश सरकार को राजस्व का घाटा भी हो रहा है.

बस्ती: आरटीओ विभाग में दलालों की घुसपैठ और वसूली का खेल आए दिन देखने को मिलता है. एआरटीओ ही अपने विभाग के कामकाज से अनजान हो तो ऐसे में उस ऑफिस की व्यवस्था कितनी बदतर होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. आरटीओ विभाग का यह मामला तब सामने आया जब डीएम आशुतोष निरंजन आरटीओ ऑफिस पहुंचे.

डीएम ने एआरटीओ ऑफिस का लिया जायजा.

डीएम ने एआरटीओ को लगाई फटकार
डीएम आशुतोष निरंजन ने एआरटीओ अरुण प्रकाश चौबे से नियमों के बारे में पूछा तो वह अपने अधीनस्थों का मुंह ताकने लगे. इसके बाद डीएम ने एआरटीओ को जमकर फटकार लगाई. साथ ही डीएम ने आरटीओ सगीर अहमद अंसारी को एआरटीओ के खिलाफ पत्र लिखने का निर्देश दिया. डीएम आशुतोष निरंजन ने कहा कि वह 15 दिन में फिर ऑफिस आएंगे और अगर कमियां मिलती हैं तो वह खुद शासन को पत्र लिखकर कार्रवाई करेंगे.

ऑफिस में रजिस्टर का समुचित रख-रखाव नहीं
निरीक्षण में डीएम आशुतोष ने पाया कि एआरटीओ के पास प्रशासन एवं प्रवर्तन दोनों का दायित्व है, लेकिन उनका अपने अधीनस्थ पर कोई नियंत्रण नही है. साथ ही रजिस्टर का समुचित रख-रखाव नहीं है. साथ ही कानून एवं नियमों की पर्याप्त जानकारी नहीं है. नाराज डीएम ने आरटीओ सगीर अहमद अंसारी को निर्देश दिया कि कारण बताओं नोटिस जारी कर एआरटीओ से आख्या लेकर अपनी संस्तुति सहित उनको भेजे. दोषी पाये जाने पर एआरटीओ के खिलाफ कार्यवाही के लिए शासन को संस्तुति भेजी जायेंगी. साथ ही डीएम आशुतोष ने एक हफ्ते में कार्यालय की व्यवस्था में सुधार करने के भी निर्देश दिए.

डीएम ने पाया कि प्रवर्तन कार्य के अंतर्गत ओवरलोडिंग होने, परमिट न होने एवं अन्य कारणों से वाहन बंद किए गए और जुर्माना लगाया गया. इसके बाद वाहन स्वामी ने कोर्ट जाकर अपना वाहन छुडवा लिया और उसे पांच हजार से कम जुर्माना जमा करना पड़ा, जबकि एआरटीओ ने 20 हजार का जुर्माना लगाया था. मजे की बात तो यह रही की ऐसे मामलों में कोर्ट के आदेश की कोई प्रति कार्यालय में नहीं मिली. डीएम ने कहा कि ऐसे मामलों में कोर्ट के आदेश की प्रति लेकर जांच की जाए. डीएम ने कहा कि कोर्ट के ऐसे आदेशों से प्रदेश सरकार को राजस्व का घाटा भी हो रहा है.

Intro:बस्ती न्यूज रिपोर्ट
प्रशांत सिंह
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8317019190

बस्ती: आरटीओ विभाग में दलालों की घुसपैठ और वसूली का खेल किसी से छुपा नही है. आम पब्लिक रोजाना इससे दो चार होती है. लेकिन अगर एआरटीओ ही अपने विभाग के कामकाज से ही अनजान हो तो ऐसे में उस आफिस की व्यवस्था कितनी बदतर होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. जी हां ये मामला तब सामने आया जब डीएम आशुतोष निरंजन आरटीओ आफिस पहुंच गए.

यहां जब उन्होंने एआरटीओ अरुण प्रकाश चौबे से नियमों के बारे में पूछा तो वो अपने अधीनस्थों के मुंह ताकने लगे. जिस पर डीएम ने जमकर फटकार लगाई, साथ ही आरटीओ सगीर अहमद अंसारी को एआरटीओ के खिलाफ पत्र लिखने का निर्देश दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि वो 15 दिन में फिर आएंगे और अगर कमियां मिलती हैं तो वो खुद शासन को पत्र लिखकर कार्रवाई करेंगे.

Body:निरीक्षण में उन्होने पाया कि एआरटीओ के पास प्रशासन एवं प्रवर्तन दोनों का दायित्व है लेकिन उनका अपने अधीनस्थ पर कोई नियंत्रण नही है. साथ ही रजिस्टर का समुचित रख-रखाव नही है, और तो और कानून एवं नियमों की पर्याप्त जानकारी भी नही है.

नाराज डीएम ने आरटीओ सगीर अहमद अंसारी को निर्देश दिया कि कारण बताओं नोटिस जारी करके एआरटीओ से आख्या लेकर अपनी संस्तुति सहित उनको भेजे. दोषी पाये जाने पर एआरटीओ के खिलाफ कार्यवाही के लिए शासन को संस्तुति भेजी जायेंगी. साथ ही उन्होंने एक हफ्ते में कार्यालय की व्यवस्था में सुधार करने के भी निर्देश दिए.

इस दौरान डीएम ने पाया कि प्रवर्तन कार्य के अन्तर्गत ओवरलोडिंग होने, परमिट न होने एवं अन्य कारणों से वाहन बन्द किए गये तथा जुर्माना लगाया गया. जिसके बाद वाहन स्वामी ने कोर्ट जाकर अपना वाहन छुडवा लिया और उसे पांच हजार से कम जुर्माना जमा करना पड़ा जबकि एआरटीओ ने 20 हजार का जुर्माना लगाया था. मजे की बात तो यह रही कि ऐसे मामलों में कोर्ट के आदेश की कोई प्रति कार्यालय में नही मिली. डीएम ने कहा कि ऐसे मामलों में कोर्ट के आदेश की प्रति लेकर जांच किया जाय. उन्होंने कहा कि कोर्ट के ऐसे आदेशों से प्रदेश सरकार को राजस्व का घाटा भी हो रहा है.

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