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इलाज के अभाव में मासूम ने तोड़ा दम, डॉक्टरों पर लगा लापरवाही का आरोप, हंगामा

बस्ती जिले में सरकारी अस्पतालों में लापरवाही के मामले आम से हो गए हैं. नई घटना में डॉक्टरों की लापरवाही से मासूम ने इलाज के अभाव में बेड पर ही दम तोड़ दिया. परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा काटा.

परिजन.
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Published : Aug 20, 2022, 10:54 AM IST

बस्ती: उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है और एक बार फिर से बस्ती के जिला अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से एक मासूम ने इलाज के अभाव में बेड पर ही दम तोड़ दिया. अपने कलेजे के टुकड़े की दर्दनाक और तड़प-तड़प कर मौत की घटना देखकर मां और पिता का रो रो कर बुरा हाल है और अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सीधे तौर पर डॉक्टर को बच्चे की मौत का जिम्मेदार ठहराया है.

जानकारी देते परिजन और डॉक्टर.

जनपद के जिला अस्पताल में इन दिनों मरीजों का ठीक से इलाज नहीं हो रहा है. दूरदराज से इलाज के लिए आने वाले गरीब परिवारों के साथ लापरवाही इस कदर है कि डॉक्टर मरीज को देखने नहीं आते, जिस वजह से मरीज इलाज वाले बेड पर ही तड़प कर दम तोड़ देता है. ऐसी ही एक घटना मासूम बच्चे के साथ घटी जो दिमागी बुखार से ग्रसित होकर यहां पर इलाज के लिए आया था. मगर डॉक्टर सरफराज भर्ती मासूम बच्चे का इलाज करने 2 दिन तक नहीं आए, जिस वजह से आज बच्चे की मौत हो गई. घटना की जानकारी से परिजन आक्रोशित हो गए और वार्ड के बाहर हंगामा काटने लगे.

परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर सरफराज को कई बार फोन किया गया. मगर वह कभी व्यस्त होने तो कभी सोने का बहाना बनाकर आने से साफ मना कर दिया. जिसकी वजह से इलाज न मिलने के कारण बच्चे की मौत हो गई.

जिला अस्पताल के PICU वार्ड में भर्ती 15 वर्षीय मोहम्मद अनस की आज दोपहर मौत हो गई. अस्पताल में उपस्थित परिजनों ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि वे बुधवार की देर रात को बच्चे की तबियत खराब होने पर यहां लाये थे. जहां से बच्चे की हालत में सुधार न होने पर चिल्ड्रेन वार्ड के PICU में भर्ती कराया गया. जहां पर उपचार के दौरान अनस की मौत हो गई. परिजनों ने यहां पर नियुक्त डॉ सरफराज खान पर लापरवाही का आरोप लगाया. उन्होंने बताया कि कई बार बुलाने पर भी चिकित्सक उनके मरीज के पास नहीं पहुंचे.

वहीं मौके पर जांच करने पहुंचे चिकित्सक डॉ. राम प्रकाश ने बताया कि मृत बच्चा दिमागी बुखार(AES) से पीड़ित था. डॉ. अनिल शर्मा की देखरेख में उपचार चल रहा था. उन्होंने बताया कि चिकित्सक व स्टाफ नर्स द्वारा किसी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं की गई हैं. डॉक्टर ने परिजनों पर बेवजह शोर शराबा व बीएसटी फाड़ने का आरोप भी लगाया. डॉक्टर ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम कराने के लिए कोतवाली पुलिस को सौंप दिया गया.

अगर देखा जाए तो बस्ती जनपद में स्वास्थ्य विभाग के लगभग 800 स्वास्थ्य कर्मियों का 3 माह से वेतन रुका हुआ है. कारण है कि मुख्यचिकित्सा अधिकारी डॉ. एच डी अग्रवाल लंबी छुट्टी पर चले गए हैं, जिसके चलते बीते मंगलवार को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा मुख्यचिकित्सा अधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन भी किया गया था. जिस पर कार्यवाहक सीएमओ डॉ. ए के गुप्ता द्वारा 22 अगस्त तक सभी स्वास्थ्य कर्मियों की बाधित वेतन को दिलाने का आश्वासन दिया. ऐसे में कहीं ऐसा तो नहीं है कि इन स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा वेतन न मिलने के कारण लापरवाही बरती गई हो, जिसके कारण यह घटना हो गई हो. वही परिजनों द्वारा चिकित्सक के खिलाफ कोतवाली बस्ती में कार्यवाही के लिए तहरीर दी है.

इसे भी पढे़ं- बिजनौर में जर्जर छत गिरने से बच्चे की मौत, 3 लोग घायल

बस्ती: उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है और एक बार फिर से बस्ती के जिला अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से एक मासूम ने इलाज के अभाव में बेड पर ही दम तोड़ दिया. अपने कलेजे के टुकड़े की दर्दनाक और तड़प-तड़प कर मौत की घटना देखकर मां और पिता का रो रो कर बुरा हाल है और अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सीधे तौर पर डॉक्टर को बच्चे की मौत का जिम्मेदार ठहराया है.

जानकारी देते परिजन और डॉक्टर.

जनपद के जिला अस्पताल में इन दिनों मरीजों का ठीक से इलाज नहीं हो रहा है. दूरदराज से इलाज के लिए आने वाले गरीब परिवारों के साथ लापरवाही इस कदर है कि डॉक्टर मरीज को देखने नहीं आते, जिस वजह से मरीज इलाज वाले बेड पर ही तड़प कर दम तोड़ देता है. ऐसी ही एक घटना मासूम बच्चे के साथ घटी जो दिमागी बुखार से ग्रसित होकर यहां पर इलाज के लिए आया था. मगर डॉक्टर सरफराज भर्ती मासूम बच्चे का इलाज करने 2 दिन तक नहीं आए, जिस वजह से आज बच्चे की मौत हो गई. घटना की जानकारी से परिजन आक्रोशित हो गए और वार्ड के बाहर हंगामा काटने लगे.

परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर सरफराज को कई बार फोन किया गया. मगर वह कभी व्यस्त होने तो कभी सोने का बहाना बनाकर आने से साफ मना कर दिया. जिसकी वजह से इलाज न मिलने के कारण बच्चे की मौत हो गई.

जिला अस्पताल के PICU वार्ड में भर्ती 15 वर्षीय मोहम्मद अनस की आज दोपहर मौत हो गई. अस्पताल में उपस्थित परिजनों ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि वे बुधवार की देर रात को बच्चे की तबियत खराब होने पर यहां लाये थे. जहां से बच्चे की हालत में सुधार न होने पर चिल्ड्रेन वार्ड के PICU में भर्ती कराया गया. जहां पर उपचार के दौरान अनस की मौत हो गई. परिजनों ने यहां पर नियुक्त डॉ सरफराज खान पर लापरवाही का आरोप लगाया. उन्होंने बताया कि कई बार बुलाने पर भी चिकित्सक उनके मरीज के पास नहीं पहुंचे.

वहीं मौके पर जांच करने पहुंचे चिकित्सक डॉ. राम प्रकाश ने बताया कि मृत बच्चा दिमागी बुखार(AES) से पीड़ित था. डॉ. अनिल शर्मा की देखरेख में उपचार चल रहा था. उन्होंने बताया कि चिकित्सक व स्टाफ नर्स द्वारा किसी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं की गई हैं. डॉक्टर ने परिजनों पर बेवजह शोर शराबा व बीएसटी फाड़ने का आरोप भी लगाया. डॉक्टर ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम कराने के लिए कोतवाली पुलिस को सौंप दिया गया.

अगर देखा जाए तो बस्ती जनपद में स्वास्थ्य विभाग के लगभग 800 स्वास्थ्य कर्मियों का 3 माह से वेतन रुका हुआ है. कारण है कि मुख्यचिकित्सा अधिकारी डॉ. एच डी अग्रवाल लंबी छुट्टी पर चले गए हैं, जिसके चलते बीते मंगलवार को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा मुख्यचिकित्सा अधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन भी किया गया था. जिस पर कार्यवाहक सीएमओ डॉ. ए के गुप्ता द्वारा 22 अगस्त तक सभी स्वास्थ्य कर्मियों की बाधित वेतन को दिलाने का आश्वासन दिया. ऐसे में कहीं ऐसा तो नहीं है कि इन स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा वेतन न मिलने के कारण लापरवाही बरती गई हो, जिसके कारण यह घटना हो गई हो. वही परिजनों द्वारा चिकित्सक के खिलाफ कोतवाली बस्ती में कार्यवाही के लिए तहरीर दी है.

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