ETV Bharat / state

महिला अफसर से रेप और हत्या की कोशिश का मामला : विशाखा कमेटी की रिपोर्ट एसपी ने खारिज की, आरोपी नायब तहसीलदार को बताया गया था निर्दोष

author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 26, 2023, 8:01 PM IST

Updated : Nov 26, 2023, 10:31 PM IST

बस्ती में महिला अफसर के लगाए गए आरोपों की जांच के लिए गठित विशाखा कमेटी की रिपोर्ट (Visakha Committee report) एसपी ने खारिज कर दी है. एसपी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि महिला अफसर के आवास पर किसी तीसरे शख्स की मौजूदगी की बात गलत निकली है.

Etv Bharat
Etv Bharat

बस्ती : महिला अफसर के साथ उनके सरकारी आवास में घुसकर रेप और हत्या की कोशिश के मामले में अब नया मोड़ आ गया है. विशाखा कमेटी की उस रिपोर्ट को एसपी ने खारिज कर दिया है, जिसमें आरोपी नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला को क्लीन चिट देने की कोशिश की गई और पीड़ित महिला अफसर के चरित्र पर सवाल उठाए गए. बता दें कि इस मामले में एफआईआर दर्ज हुए दस दिन से अधिक समय बीत चुका है और अभी तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है.

एसपी ने जारी किया बयान, आरोपी ने विशाखा टीम को गलत बयान दिया

आरोपी नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला पर 25 हजार का इनाम घोषित है, साथ ही पुलिस की 6 टीमें उसकी गिरफ्तारी के लिए बस्ती से दिल्ली तक खाक छान रही हैं. इसी बीच एसपी बस्ती की तरफ से एक बयान जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि पुलिस की जांच में आरोपी नायब तहसीलदार घनश्याम दोषी पाए गए हैं और उन्होंने विशाखा की जांच टीम को गलत बयान दिया था. बस्ती पुलिस की तरफ से जारी इस बयान के बाद पूरा मामला और उलझ गया है. अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि डीएम के नेतृत्व में बनी विशाखा टीम ने क्या प्रभाव में रिपोर्ट लिखी थी? आखिर एक महिला अफसर के चरित्र पर टीम ने किस आधार पर सवाल खड़े किए?

तीसरे शख्स की बात गलत निकली

विशाखा की रिपोर्ट में पीड़ित महिला अफसर के आवास पर बलरामपुर के किसी युवक की मौजूदगी दर्शाई गई थी. टीम ने जांच में पाया था कि महिला अफसर से उसके संबंध हैं और उस दिन आवास पर युवक से महिला अधिकारी का झगड़ा हो रहा था. जिसे सुनकर आरोपी अफसर बीचबचाव करने गए थे. मगर उनके आने की आहट पर वह भाग गया. जिसे पकड़ने के लिए वे दौड़े और उनकी चप्पल महिला अफसर के कमरे में छूट गई. विशाखा टीम की यह थ्योरी अब पूरी तरह से फर्जी निकली है. एसपी ने पूरे प्रकरण की जांच कर घनश्याम शुक्ला को दोषी पाया है.

जिले के एक बड़े अधिकारी की भूमिका संदिग्ध

इस पूरे प्रकरण में शुरू से जिले के एक बड़े अधिकारी की भूमिका संदिग्ध रही है. घटना के बाद जब पुलिस ने एफआईआर लिखने में आनाकानी की तो पीड़ित महिला अधिकारी डीएम के पास पहुंची लेकिन नहीं मिल पाई इसके बाद बीजेपी के एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने पूरे प्रकरण में शासन से बात की, तब जाकर मुकदमा दर्ज हुआ. इसके बाद डीएम अंद्रा वामसी ने तीन महिला अधिकारियों की एक टीम गठित की, जिसे विशाखा टीम के नाम से जाना जाता है. इसकी रिपोर्ट में भी एक महिला की व्यथा सुनने के बजाए आरोपी नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला को निर्दोष बता दिया गया.

मुकदमा दर्ज होने के बाद भी नहीं हुई गिरफ्तारी

दिवाली की रात घटी इस घटना के चार दिन बाद हुई कोतवाली में सदर तहसील के रहे नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला पर एफआईआर लिखी गई. मुकदमा दर्ज होने के बावजूद आरोपी मजिस्ट्रेट कई दिन तक जिले में ही मंडराते रहे. इतना ही नहीं, आरोपी मजिस्ट्रेट एक गांजा माफिया के साथ बाइक पर बैठकर जिले से भागने में सफल भी हो गए. पूरा मामला जब सीएम के संज्ञान में आया तब जाकर एक्शन शुरू हुआ और आरोपी मजिस्ट्रेट को सस्पेंड कर उन पर इनाम घोषित किया गया. पुलिस की 6 टीमें उसे तलाश रही हैं, मगर सब फेल हैं.

आरोपी मजिस्ट्रेट के रिश्तेदार गिरफ्तार

इस पूरे प्रकरण की जांच शासन ने तेजतर्रार महिला आईएएस रोशन जैकब को दी है, जो कभी भी बस्ती में जांच के लिए आ सकती हैं. देर रात आरोपी मजिस्ट्रेट घनश्याम शुक्ला के ससुर, साले और बहन की गिरफ्तार की बात सामने आ रही है. एएसपी दीपेंद्र चौधरी ने बताया कि महिला अधिकारी के प्रकरण में आरोपी मजिस्ट्रेट की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है. उसके रिश्तेदारों को गिरफ्तार किया गया है.

यह भी पढ़ें : महिला अफसर से रेप-हत्या की कोशिश मामला: विशाखा कमेटी की जांच रिपोर्ट में आरोपी नायब तहसीलदार को क्लीन चिट!

यह भी पढ़ें : दरवाजा तोड़कर महिला मजिस्ट्रेट के घर में घुसा नायब तहसीलदार, गला दबाया, रेप की कोशिश

बस्ती : महिला अफसर के साथ उनके सरकारी आवास में घुसकर रेप और हत्या की कोशिश के मामले में अब नया मोड़ आ गया है. विशाखा कमेटी की उस रिपोर्ट को एसपी ने खारिज कर दिया है, जिसमें आरोपी नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला को क्लीन चिट देने की कोशिश की गई और पीड़ित महिला अफसर के चरित्र पर सवाल उठाए गए. बता दें कि इस मामले में एफआईआर दर्ज हुए दस दिन से अधिक समय बीत चुका है और अभी तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है.

एसपी ने जारी किया बयान, आरोपी ने विशाखा टीम को गलत बयान दिया

आरोपी नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला पर 25 हजार का इनाम घोषित है, साथ ही पुलिस की 6 टीमें उसकी गिरफ्तारी के लिए बस्ती से दिल्ली तक खाक छान रही हैं. इसी बीच एसपी बस्ती की तरफ से एक बयान जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि पुलिस की जांच में आरोपी नायब तहसीलदार घनश्याम दोषी पाए गए हैं और उन्होंने विशाखा की जांच टीम को गलत बयान दिया था. बस्ती पुलिस की तरफ से जारी इस बयान के बाद पूरा मामला और उलझ गया है. अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि डीएम के नेतृत्व में बनी विशाखा टीम ने क्या प्रभाव में रिपोर्ट लिखी थी? आखिर एक महिला अफसर के चरित्र पर टीम ने किस आधार पर सवाल खड़े किए?

तीसरे शख्स की बात गलत निकली

विशाखा की रिपोर्ट में पीड़ित महिला अफसर के आवास पर बलरामपुर के किसी युवक की मौजूदगी दर्शाई गई थी. टीम ने जांच में पाया था कि महिला अफसर से उसके संबंध हैं और उस दिन आवास पर युवक से महिला अधिकारी का झगड़ा हो रहा था. जिसे सुनकर आरोपी अफसर बीचबचाव करने गए थे. मगर उनके आने की आहट पर वह भाग गया. जिसे पकड़ने के लिए वे दौड़े और उनकी चप्पल महिला अफसर के कमरे में छूट गई. विशाखा टीम की यह थ्योरी अब पूरी तरह से फर्जी निकली है. एसपी ने पूरे प्रकरण की जांच कर घनश्याम शुक्ला को दोषी पाया है.

जिले के एक बड़े अधिकारी की भूमिका संदिग्ध

इस पूरे प्रकरण में शुरू से जिले के एक बड़े अधिकारी की भूमिका संदिग्ध रही है. घटना के बाद जब पुलिस ने एफआईआर लिखने में आनाकानी की तो पीड़ित महिला अधिकारी डीएम के पास पहुंची लेकिन नहीं मिल पाई इसके बाद बीजेपी के एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने पूरे प्रकरण में शासन से बात की, तब जाकर मुकदमा दर्ज हुआ. इसके बाद डीएम अंद्रा वामसी ने तीन महिला अधिकारियों की एक टीम गठित की, जिसे विशाखा टीम के नाम से जाना जाता है. इसकी रिपोर्ट में भी एक महिला की व्यथा सुनने के बजाए आरोपी नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला को निर्दोष बता दिया गया.

मुकदमा दर्ज होने के बाद भी नहीं हुई गिरफ्तारी

दिवाली की रात घटी इस घटना के चार दिन बाद हुई कोतवाली में सदर तहसील के रहे नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला पर एफआईआर लिखी गई. मुकदमा दर्ज होने के बावजूद आरोपी मजिस्ट्रेट कई दिन तक जिले में ही मंडराते रहे. इतना ही नहीं, आरोपी मजिस्ट्रेट एक गांजा माफिया के साथ बाइक पर बैठकर जिले से भागने में सफल भी हो गए. पूरा मामला जब सीएम के संज्ञान में आया तब जाकर एक्शन शुरू हुआ और आरोपी मजिस्ट्रेट को सस्पेंड कर उन पर इनाम घोषित किया गया. पुलिस की 6 टीमें उसे तलाश रही हैं, मगर सब फेल हैं.

आरोपी मजिस्ट्रेट के रिश्तेदार गिरफ्तार

इस पूरे प्रकरण की जांच शासन ने तेजतर्रार महिला आईएएस रोशन जैकब को दी है, जो कभी भी बस्ती में जांच के लिए आ सकती हैं. देर रात आरोपी मजिस्ट्रेट घनश्याम शुक्ला के ससुर, साले और बहन की गिरफ्तार की बात सामने आ रही है. एएसपी दीपेंद्र चौधरी ने बताया कि महिला अधिकारी के प्रकरण में आरोपी मजिस्ट्रेट की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है. उसके रिश्तेदारों को गिरफ्तार किया गया है.

यह भी पढ़ें : महिला अफसर से रेप-हत्या की कोशिश मामला: विशाखा कमेटी की जांच रिपोर्ट में आरोपी नायब तहसीलदार को क्लीन चिट!

यह भी पढ़ें : दरवाजा तोड़कर महिला मजिस्ट्रेट के घर में घुसा नायब तहसीलदार, गला दबाया, रेप की कोशिश

Last Updated : Nov 26, 2023, 10:31 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.