बस्तीः एक ओर जहां सरकार प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए अनेकों योजनाएं चला रही है. वहीं बस्ती जिले में अधिकारियों की हीलाहवाली के चलते स्कूल की बिल्डिंग तैयार होने के बाद विद्यार्थियों को खुले आसमान में पढ़ाई करनी पड़ती है. चार साल पहले बनी बिल्डिंग अब जर्जर हो चुकी है, लेकिन अभी तक स्कूल को हैंडओवर तक नहीं किया गया.
वर्ष 2012 में सपा सरकार ने बहादुरपुर ब्लॉक के बल्ली पट्टी गांव में 63 लाख रुपये की लागत से राजकीय हाई स्कूल का निर्माण शुरू हुआ था. निर्माण एजेंसी सीएनडीएस 2016 में स्कूल की बिल्डिंग का निर्माण कार्य पूरा कर दिया. इसके बाद जिला विद्यालय निरीक्षक को निरीक्षण करने बाद बिल्डिंग को हैंडओवर लेना था. लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कमी दिखाकर बिल्डिंग को स्कूल को हैंडओवर नहीं किया. जिस वजह से बिना हैंड ओवर हुए ही इस कॉलेज को खोल दिया गया और बच्चे यहां प्रवेश लेकर पढ़ने भी आना शुरू कर दिए.
चार साल में ही जर्जर हो गई बिल्डिंग
अब घटिया निर्माण सामग्री की वजह से महज 4 साल में ही बिल्डिंग जीर्ण-शीर्ण हालत में पहुंच गई है. इस कॉलेज की हालत बद से बदतर हो चुकी है, इमारत कब धराशाई हो जाए कहना मुश्किल है. इस वजह से स्कूल में पढ़ने वाले छात्र और छात्राएं डर की वजह से खुले आसमान में पढ़ाई करने को मजबूर है.राजकीय हाई स्कूल के टीचरों ने बताया कि निर्माण के कुछ ही दिन बाद से स्कूल की पूरी इमारत खराब होते चली गई.
दीवारों में आई दरार, फर्श भी टूटे
पहली ही बरसात में स्कूल पूरी बिल्डिंग में पानी टपकने लगा. कई बरसात झेलने के बाद पूरी इमारत बेहद ही खराब कंडीशन में पहुंच गई. दीवारों में दरार हो गई, फर्स जमीदोंज हो गए, शौचालय टूट गए, छत टपकने लगी, यहां तक कि वायरिंग भी आज तक नहीं हो पाया. इसलिए यहां पढ़ने आने वाले बच्चों का जीवन खतरे से भरा रहता है. जिम्मेदार भी आंख बंद कर महाभारत के संजय की भूमिका में आ गए हैं, जिन्हें दिखता कुछ नहीं मगर सरकार को बताने के लिए सब कुछ है.
मेरी नियुक्ति अभी हाल ही में हुई है. इस वजह से मुझे प्रकरण की जानकारी नहीं थी. फिलहाल वह खुद बल्ली पट्टी राजकीय हाई स्कूल की बिल्डिंग का निरीक्षण करेंगे और कमिया पाए जाने पर जिम्मेदार पर कार्यवाही भी करेंगे. बिल्डिंग को सही करवाकर उसे हैंडओवर भी लेने की प्रक्रिया की जाएगी.-डीएस यादव, डीआईओएस