बस्ती : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी अब अपने चरम पर है. सभी दल जनता का वोट अपने पक्ष में करने के लिए अपील कर रहे हैं. चुनावी प्रचार भी विभिन्न माध्यमों से लगातार जारी है. इस बीच भाजपा, सपा और बसपा के नेता उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने का दावा भी कर रहे हैं.
वहीं, कुछ पार्टी के ऐसे भी उम्मीदवार चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं जिन्हें राजनीति में अभी नए हैं. हालांकि इनका जोश हाई है. गौरतलब है कि बहुजन समाजवादी पार्टी इस समय अपनी चुनावी जमीन को तलाश रही है. इसे लेकर उसके उम्मीदवार अपने परंपरागत वोटरों की तरफ टकटकी लगाए बैठे हैं. इस बीच बसपा ने नए नेताओं को चुनाव मैदान में उतारकर बड़ा दांव खेला है.
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आलोक रंजन : बसपा उम्मीदवार आलोक रंजन की बात करें तो डॉक्टर की डिग्री लेने के बाद अब वे विधायक की डिग्री लेने में जुटे हैं. आलोक रंजन के पास राजनीति का फिलहाल कोई खास अनुभव नहीं है. इसके बाद भी बसपा ने आलोक रंजन पर दांव खेला और सदर सीट से उन्हें अपना प्रत्याशी घोषित किया.
अशोक मिश्र : रुधौली विधानसभा सीट से अशोक मिश्र को बसपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है. सल्टौवा ब्लॉक की राजनीति करने वाले अशोक मिश्र भी राजनीति में नए माने जाते हैं. इसके बावजूद बसपा ने उन पर दाव लगाया है.
जहीर अहमद उर्फ जिम्मी : कप्तानगंज विधानसभा सीट से जहीर अहमद उर्फ जिम्मी को बसपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है. उन्होंने इस चुनाव में मजबूती से लड़ने की बात कही है.
लक्ष्मी खरवार : सुरक्षित सीट महादेवा विधानसभा से घोषित उम्मीदवार लक्ष्मी खरवार एक बिजनेसमैन हैं. पिता के राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए वह खुद चुनाव मैदान में उतरे हैं. लक्ष्मी खरवार अंबेडकर नगर जनपद के रहने वाले है. उनके पिता बसपा से कई बार राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं.