बस्ती : डीएम अंद्रा वामसी ने अपनी खास अंदाज वाली कार्यशैली से 42000 लोगों को मुकदमों के बोझ से छुटकारा दिला दिया है. तीन महीन के अंदर ही डीएम ने अभियान चलाकर जमीन से जुड़े 48 हजार मामलों में से 42 हजार मुकदमों का निस्तारण करा दिया है. डीएम ने इसे लेकर अफसरों को निर्देश जारी किए थे. वह खुद भी जुटे रहे. अब पूरे सूबे में वह नजीर बनकर सामने आए हैं. उनकी इस पहल की चर्चा शासन स्तर पर भी होने लगी है.
ग्रामीण इलाकों में जमीन से जुड़े ज्यादा मामले : सूबे में अलग कार्यशैली के मशहूर आईएएस डीएम अंद्रा वामसी ने जिले का कार्यभार संभालने के बाद आकलन किया कि गांव क्षेत्र में सबसे अधिक विवाद जमीन से जुड़े हैं. इनके मामले तहसील की कोर्ट में बड़ी संख्या में पेंडिंग हैं. ये हर रोज किसी न किसी विवाद की वजह बनते हैं. इसके बाद उन्होंने मुकदमों के निस्तारण की योजना बना डाली. तीन महीने में ही 48 हजार मामलों में से 42 हजार मुकदमों का निस्तारण करा दिया. सोनभद्र नरसंहार हो या देवरिया हत्याकांड, दोनों ही घटना में जमीन का ही विवाद मूल कारण था. इसे लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी जमीन के मामलों का जल्द निस्तारण के निर्देश दे चुके हैं.
अब 18250 केस की चल रह सुनवाई : डीएम अंद्रा वामसी ने जनपद के चारों तहसील के एसडीएम, एडीएम, मुख्य राजस्व अधिकारी, चकबंदी सहित प्रशासन के सभी कोर्ट को साफ तौर पर निर्देश जारी किया कि एक साल से पुराने सभी मुकदमों का निस्तारण तत्काल करना शुरू करें. परिणाम यह हुआ कि काम की अधिकता का बहाना बनाकर अक्सर कोर्ट में न बैठने वाले अफसरों ने अपना काम ईमानदारी से करना शुरू किया. डीएम के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले कई साल से सरकारी दफ्तरों में धूल फांक रही मामूली जमीनों के विवाद के 48000 फाइलों में से महज तीन महीने में ही 42000 मुकदमों की फाइल निस्तारित कर दी गई है. अब केवल नई और पुरानी फाइल मिलाकर 18250 केस सुनवाई में लगे हुए हैं. डीएम अंद्रा वामसी का सख्त निर्देश है कि सभी पेंडिंग मुकदमों का जल्द से जल्द निस्तारित करें.
डीएम की हो रहा सराहना : डीएम अंद्रा वामसी ने बताया कि हमारा लक्ष्य है कि प्रशासनिक न्यायालयों में जितने भी मुकदमे पिछले 20 साल से विचाराधीन हैं, उनकी हर रोज कोर्ट के माध्यम से सुनवाई हो. जल्द से जल्द उन मुकदमों का फैसला भी करा दिया जा रहा है. अभी तक के आंकड़ों के अनुसार 48000 केस पंजीकृत है जिन पर सालों से तारीख पर तारीख लग रही थी, उन्होंने इस बात की जानकारी होते ही सबसे पहले अपने सारे अधिकारियों को निर्देश जारी किया कि अभियान चलाकर निर्धारित दिन कोर्ट में बैठे और मुकदमों को सुनें. जल्द से जल्द फैसला भी सुनाएं. डीएम के इस पहल की सराहना हर तरफ हो रही है. कई सालों से न्याय के लिए भटकने वालों को न्याय मिल पाया.
यह भी पढ़ें : साल 1992 में बंदूक की सुरक्षा के बीच रामलला खाते थे बनारसी मगही पान, अब प्राण प्रतिष्ठा पर पनवाड़ी को मिला बड़ा ऑर्डर