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Alumni Meet in Basti : शिवहर्ष किसान डिग्री कॉलेज के एलुमिनी मीट में विदेश से पहुंचे पूर्व छात्र, कहीं यह बातें - अडानी ग्रुप के अधिकारी दुर्गा दत्त पांडे

बस्ती जिले के किसान डिग्री कॉलेज में रविवार को पुराने छात्रों की मीट (Alumni Meet in Basti) का आयोजन किया गया. आयोजन में देश के अलावा विदेशों में बसे छात्र भी यहां पहुंचे और छात्रों से अपने अनुभव साझा किए.

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Published : Jan 23, 2023, 1:54 PM IST

Updated : Jan 23, 2023, 2:38 PM IST

देखें पूरी खबर.

बस्ती : बस्ती का एक छोटा सा डिग्री कॉलेज मगर इसके किस्से ऐसे कि यकीन करना मुश्किल है. इस कॉलेज के होनहारों ने सिर्फ बस्ती ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया अपने अपने हुनर का डंका बजाया है. पुरातन छात्रों को लेकर आयोजित की गई एलुमिनी मीट में भारत के कोने कोने के साथ ही अमेरिका में बसे छात्र भी यहां पहुंचे. बस्ती जनपद के किसान डिग्री कॉलेज में एलुमिनी मीट की जब शुरुआत हुई तो एक से बढ़कर एक दिग्गजों के कार्यक्रम में मौजूदगी ने चार चांद लगा दिए. प्रशासन, न्याय पालिका, शिक्षा, कला सहित विभिन्न क्षेत्रों में कॉलेज का नाम रोशन कर रहे देश विदेश से इस कॉलेज में पढ़ चुके छात्र जुटे थे.

किसान डिग्री कॉलेज (केडीसी) कैंपस में कार्यक्रम का पूर्व छात्रों को समर्पित रहा. इसके अलावा बेस्ट स्टूडेंट एलुमिनी अवार्ड सहित विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे गौरव बढ़ाने वाले 5 पूर्व छात्रों का अभिनंदन भी किया गया. किसान डिग्री कॉलेज के पूर्व छात्र रहे और कार्यक्रम के सूत्रधार व अडानी ग्रुप के सीनियर अधिकारी दुर्गा दत्त पांडे के द्वारा पुरातन छात्रों सहित पूर्व शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को भी सम्मानित किया. कॉलेज एलुमिनी एसोसिएशन के तत्वावधान में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

डीआरडीओ के सीनियर साइंटिस्ट और कोविड की प्रभावशाली दवा के अविष्कारक डॉक्टर अनंत नारायण भट्ट ने बस्ती के शिवहर्ष किसान डिग्री कॉलेज से अपनी स्नातक की पढ़ाई की पूरी की. मीडिया से बातचीत में डॉक्टर अनंत नारायण भट्ट ने बताया कि यहां आने के बाद पुरानी यादें ताजा हो गई हैं. ओमिक्रोन वायरस को लेकर साफ किया कि अब भारत के लोगों में अधिकतर इम्यूनिटी विकसित हो गई है और इसका कुछ ज्यादा असर नहीं होगा. इनफॉर्म्ड सर्विस यूनिवर्सिटी मैरीलैंड अमेरिका के सीनियर साइंटिस्ट डॉक्टर शाश्वत शरद ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि जब उन्होंने इस कॉलेज से स्नातक किया था तो कभी सोचा नहीं था इस मुकाम तक पहुंचेंगे, लेकिन नींव मजबूत होने की वजह से वे आगे बढ़ते गए और इस कॉलेज के हमेशा आभारी रहेंगे. डॉक्टर शाश्वत शरद ने बताया कि उन्होंने कोविड से बचने के लिए एक गार्लिक लिक्विड का आविष्कार किया है, जो कोविड में बेहद कारगर साबित हुआ. उन्होंने कहा कि इंडिया में अब किसी लहर का बहुत अधिक असर देखने को नहीं मिलेगा.

बॉलीवुड की दुनिया में किसी नाम के मोहताज नहीं म्यूजिक डायरेक्टर आनंद शांडिल्य ने बताया कि उन्होंने ग्रेजुएशन शिवहर्ष किसान डिग्री कॉलेज से किया और फिर म्यूजिक की दुनिया में कदम रखा. इसके बाद वे एक के बाद एक पिक्चर और नाटकों में म्यूजिक देने लगे. अभी उनकी हाल में आने वाली फिल्म भुइल है जिसमें उन्होंने म्यूजिक दिया है. इसके अलावा चंद्रकांता, ये रिश्ता क्या कहलाता है सहित तमाम मूवी में वे अपना म्यूजिक दे चुके हैं. बायकॉट गैंग के बारे में सवाल का जवाब देते हुए कहा कि जिसे भी किसी फिल्म का विरोध करना है वे उस फिल्म और शब्दों का करें, न की पूरी बॉलीवुड का, बायकॉट की वजह से बॉलीवुड का काफी नुकसान होता है.

फिल्म मेकर, सीनियर जर्नलिस्ट, फिल्म राइटर, टीवी पैनलिस्ट अवनीश त्रिपाठी भी इस एलुमिनी मीट में सम्मिलित होने पहुंचे. उन्होंने बताया कि बॉलीवुड को लेकर इस समय जो सोशल मीडिया पर ट्रेंड चल रहा है. वह बिना सोचे समझे चलाया जा रहा. जिन्हें भी किसी फिल्म से नाराजगी है वो उस फिल्म को न देखें, लेकिन विरोध करने के बायकॉट तरीके से बॉलीवुड को काफी नुकसान होता है. बायकॉट करना कहीं न कहीं पॉलिटिकल इश्यू है और फिल्में सिर्फ मनोरंजन के लिए बनाई जाती हैं.

कार्यक्रम के आयोजनकर्ता और अडानी ग्रुप के अधिकारी दुर्गा दत्त पांडे ने बताया कि इस कार्यक्रम को आयोजित कर्ण का मकसद सिर्फ इतना था कि जो लोग यहां से पढ़कर आगे निकले हैं. वे आज के माहौल में पढ़ रहे बच्चों से संवाद कर सके और उन्हें अपनी सफलता का मंत्र देकर अपनी बातें साझा कीं. उनके समय में इस कॉलेज का शैक्षिक स्तर काफी अच्छा था, लेकिन अब कॉलेज की बिल्डिंग हो या शिक्षा के स्तर उसने गिरावट आ गई है. जिसे बदलने की जरूरत है और इसकी जिम्मेदारी पुरातन छात्रों की भी है.

यह भी पढ़ें : Kauthig Festival के लिए दूर दराज से लखनऊ आए व्यापारियों ने कहा, नहीं हो रही बिक्री, कम आ रहे ग्राहक

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बस्ती : बस्ती का एक छोटा सा डिग्री कॉलेज मगर इसके किस्से ऐसे कि यकीन करना मुश्किल है. इस कॉलेज के होनहारों ने सिर्फ बस्ती ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया अपने अपने हुनर का डंका बजाया है. पुरातन छात्रों को लेकर आयोजित की गई एलुमिनी मीट में भारत के कोने कोने के साथ ही अमेरिका में बसे छात्र भी यहां पहुंचे. बस्ती जनपद के किसान डिग्री कॉलेज में एलुमिनी मीट की जब शुरुआत हुई तो एक से बढ़कर एक दिग्गजों के कार्यक्रम में मौजूदगी ने चार चांद लगा दिए. प्रशासन, न्याय पालिका, शिक्षा, कला सहित विभिन्न क्षेत्रों में कॉलेज का नाम रोशन कर रहे देश विदेश से इस कॉलेज में पढ़ चुके छात्र जुटे थे.

किसान डिग्री कॉलेज (केडीसी) कैंपस में कार्यक्रम का पूर्व छात्रों को समर्पित रहा. इसके अलावा बेस्ट स्टूडेंट एलुमिनी अवार्ड सहित विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे गौरव बढ़ाने वाले 5 पूर्व छात्रों का अभिनंदन भी किया गया. किसान डिग्री कॉलेज के पूर्व छात्र रहे और कार्यक्रम के सूत्रधार व अडानी ग्रुप के सीनियर अधिकारी दुर्गा दत्त पांडे के द्वारा पुरातन छात्रों सहित पूर्व शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को भी सम्मानित किया. कॉलेज एलुमिनी एसोसिएशन के तत्वावधान में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

डीआरडीओ के सीनियर साइंटिस्ट और कोविड की प्रभावशाली दवा के अविष्कारक डॉक्टर अनंत नारायण भट्ट ने बस्ती के शिवहर्ष किसान डिग्री कॉलेज से अपनी स्नातक की पढ़ाई की पूरी की. मीडिया से बातचीत में डॉक्टर अनंत नारायण भट्ट ने बताया कि यहां आने के बाद पुरानी यादें ताजा हो गई हैं. ओमिक्रोन वायरस को लेकर साफ किया कि अब भारत के लोगों में अधिकतर इम्यूनिटी विकसित हो गई है और इसका कुछ ज्यादा असर नहीं होगा. इनफॉर्म्ड सर्विस यूनिवर्सिटी मैरीलैंड अमेरिका के सीनियर साइंटिस्ट डॉक्टर शाश्वत शरद ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि जब उन्होंने इस कॉलेज से स्नातक किया था तो कभी सोचा नहीं था इस मुकाम तक पहुंचेंगे, लेकिन नींव मजबूत होने की वजह से वे आगे बढ़ते गए और इस कॉलेज के हमेशा आभारी रहेंगे. डॉक्टर शाश्वत शरद ने बताया कि उन्होंने कोविड से बचने के लिए एक गार्लिक लिक्विड का आविष्कार किया है, जो कोविड में बेहद कारगर साबित हुआ. उन्होंने कहा कि इंडिया में अब किसी लहर का बहुत अधिक असर देखने को नहीं मिलेगा.

बॉलीवुड की दुनिया में किसी नाम के मोहताज नहीं म्यूजिक डायरेक्टर आनंद शांडिल्य ने बताया कि उन्होंने ग्रेजुएशन शिवहर्ष किसान डिग्री कॉलेज से किया और फिर म्यूजिक की दुनिया में कदम रखा. इसके बाद वे एक के बाद एक पिक्चर और नाटकों में म्यूजिक देने लगे. अभी उनकी हाल में आने वाली फिल्म भुइल है जिसमें उन्होंने म्यूजिक दिया है. इसके अलावा चंद्रकांता, ये रिश्ता क्या कहलाता है सहित तमाम मूवी में वे अपना म्यूजिक दे चुके हैं. बायकॉट गैंग के बारे में सवाल का जवाब देते हुए कहा कि जिसे भी किसी फिल्म का विरोध करना है वे उस फिल्म और शब्दों का करें, न की पूरी बॉलीवुड का, बायकॉट की वजह से बॉलीवुड का काफी नुकसान होता है.

फिल्म मेकर, सीनियर जर्नलिस्ट, फिल्म राइटर, टीवी पैनलिस्ट अवनीश त्रिपाठी भी इस एलुमिनी मीट में सम्मिलित होने पहुंचे. उन्होंने बताया कि बॉलीवुड को लेकर इस समय जो सोशल मीडिया पर ट्रेंड चल रहा है. वह बिना सोचे समझे चलाया जा रहा. जिन्हें भी किसी फिल्म से नाराजगी है वो उस फिल्म को न देखें, लेकिन विरोध करने के बायकॉट तरीके से बॉलीवुड को काफी नुकसान होता है. बायकॉट करना कहीं न कहीं पॉलिटिकल इश्यू है और फिल्में सिर्फ मनोरंजन के लिए बनाई जाती हैं.

कार्यक्रम के आयोजनकर्ता और अडानी ग्रुप के अधिकारी दुर्गा दत्त पांडे ने बताया कि इस कार्यक्रम को आयोजित कर्ण का मकसद सिर्फ इतना था कि जो लोग यहां से पढ़कर आगे निकले हैं. वे आज के माहौल में पढ़ रहे बच्चों से संवाद कर सके और उन्हें अपनी सफलता का मंत्र देकर अपनी बातें साझा कीं. उनके समय में इस कॉलेज का शैक्षिक स्तर काफी अच्छा था, लेकिन अब कॉलेज की बिल्डिंग हो या शिक्षा के स्तर उसने गिरावट आ गई है. जिसे बदलने की जरूरत है और इसकी जिम्मेदारी पुरातन छात्रों की भी है.

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Last Updated : Jan 23, 2023, 2:38 PM IST
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