बस्ती: फर्जी शिक्षिका अनामिका शुक्ला की तरह 15 और शिक्षक बेसिक शिक्षा विभाग के जांच के घेरे में आ चुके हैं. इनके भविष्य का फैसला एडीएम की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय समिति करेगी. इसके पहले 6 फर्जी शिक्षकों को विभाग बर्खास्त कर चुका है. इन सभी पर पैन बदलकर नौकरी करने का आरोप है. इस पूरे मामले में वित्त और लेखाधिकारी कार्यालय की भूमिका संदेह के घेरे में है. ऐसा माना जा रहा है कि बिना कार्यालय की मिलीभगत से किसी का पैन नंबर बदला ही नहीं जा सकता. यह बात परीक्षण के दौरान भी साबित हो चुकी है.
ऐसे में यह सवाल उठता है कि कार्यालय ने किस आधार पर इन सभी का पैन नंबर बदल दिया, वह भी बिना किसी ठोस कारण और आवेदन के. अब नौकरी करने वालों के साथ वित्त और लेखा अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग हो रही है. पैन बदलने के कारण जिनकी नौकरी खतरे में पड़ी हुई है, उनमें बहादुरपुर के प्राइमरी स्कूल की ज्योति मिश्रा, बनकटी की निर्मला वर्मा, सुनीता पांडे, पूनम पांडे, मार्कंडेय त्रिपाठी, हरैया की माया गुप्ता, कप्तानगंज के शिवाकांत, रामनगर के बुद्धि प्रकाश, विमलेश कुमार, रुधौली के अख्तर हुसैन और विक्रमजोत के शिवकुमार तिवारी शामिल हैं.
बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार ने बताया कि सभी को अपने मूल रिकॉर्ड के साथ बुलाया गया है. उन्होंने बताया कि जांच की जा रही है, जो भी दोषी पाया जाएगा उसके ऊपर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर वेतन वसूली की कार्रवाई भी की जाएगी. बीएसए ने कहा कि इसके पहले 6 शिक्षकों को टर्मिनेट किया जा चुका है.