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राम मंदिर निर्माण के फैसले का मेरा हक फाउंडेशन ने किया स्वागत, भागीदारी की कही बात

अयोध्या भूमि विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मेरा हक फाउंडेशन ने स्वागत किया है. फाउंडेशन की अध्यक्ष फरहत नकवी का कहना है कि अयोध्या में जब राम मंदिर निर्माण होगा तो हम सब भी हिस्सा लेंगे.

तीन तलाक पीडिताएं रखेगी राम मंदिर की नींव.
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Published : Nov 13, 2019, 9:05 PM IST

बरेली: अयोध्या भूमि मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हर समुदाय के साथ ही तीन तलाक पीड़िताओं ने भी स्वागत किया है. इसको लेकर मेरा हक फाउंडेशन की अध्यक्ष फरहत नकवी का कहना है कि तीन तलाक पीड़िताओं की एक बैठक की गई, जिसमें उनकी राय ली गई. साथ ही फैसला किया गया कि जब राम मंदिर का निर्माण होगा तो हम सब अयोध्या जाएंगे.

जानकारी देतीं मेरा हक फाउंडेशन की अध्यक्ष फरहत नकवी.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का तीन तलाक पीड़िताओं ने किया स्वागत
अयोध्या भूमि मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर तीन तलाक पीड़िताओं ने स्वागत किया है. साथ ही निर्णय किया है कि जब मंदिर का निर्माण होगा तो वे लोग भी अयोध्या जाएंगे.

यह फैसला देशभक्ति का है
फरहत नकवी ने कहा सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले हिन्दू और मुस्लिम के बीच चल रही खाई दूर हो गई है. कोर्ट के इस फैसले से देश भर में भाईचारा कायम होगा. फरहत नकवी के कहा कि वास्तव में यह फैसला न राम का है और न रहीम का है, यह देशभक्ति का फैसला है.

दूर होगी हिंदू-मुस्लिम के बीच की खाई
उन्होंने कहा कि हर कोई जानता है श्रीराम का जन्म अयोध्या में हुआ था. उनके पिता दशरथ वहां के राजा थे. बाबर दूसरे देश से आया था, यह ऐतिहासिक तथ्य है. अब इसे सुप्रीम कोर्ट ने भी मान लिया है. इस फैसले ने हिंदू व मुसलमानों के बीच की खाई दूर कर दी है.

इसे भी पढ़ें- राम मंदिर में लगेगा 2100 किलो का घंटा, जानें क्या है खासियत

बरेली: अयोध्या भूमि मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हर समुदाय के साथ ही तीन तलाक पीड़िताओं ने भी स्वागत किया है. इसको लेकर मेरा हक फाउंडेशन की अध्यक्ष फरहत नकवी का कहना है कि तीन तलाक पीड़िताओं की एक बैठक की गई, जिसमें उनकी राय ली गई. साथ ही फैसला किया गया कि जब राम मंदिर का निर्माण होगा तो हम सब अयोध्या जाएंगे.

जानकारी देतीं मेरा हक फाउंडेशन की अध्यक्ष फरहत नकवी.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का तीन तलाक पीड़िताओं ने किया स्वागत
अयोध्या भूमि मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर तीन तलाक पीड़िताओं ने स्वागत किया है. साथ ही निर्णय किया है कि जब मंदिर का निर्माण होगा तो वे लोग भी अयोध्या जाएंगे.

यह फैसला देशभक्ति का है
फरहत नकवी ने कहा सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले हिन्दू और मुस्लिम के बीच चल रही खाई दूर हो गई है. कोर्ट के इस फैसले से देश भर में भाईचारा कायम होगा. फरहत नकवी के कहा कि वास्तव में यह फैसला न राम का है और न रहीम का है, यह देशभक्ति का फैसला है.

दूर होगी हिंदू-मुस्लिम के बीच की खाई
उन्होंने कहा कि हर कोई जानता है श्रीराम का जन्म अयोध्या में हुआ था. उनके पिता दशरथ वहां के राजा थे. बाबर दूसरे देश से आया था, यह ऐतिहासिक तथ्य है. अब इसे सुप्रीम कोर्ट ने भी मान लिया है. इस फैसले ने हिंदू व मुसलमानों के बीच की खाई दूर कर दी है.

इसे भी पढ़ें- राम मंदिर में लगेगा 2100 किलो का घंटा, जानें क्या है खासियत

Intro:सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या मसले पर आए फैसले का तीन तलाक पीडित महिलाओ ने स्वागत किया है ... बरेली की तीन तलाक पीड़ित महिलाएं अयोध्या में राम मंदिर की ईंट रखने के लिये जाएंगी । फैसला आने के बाद तीन तलाक पीड़िताओं ने खुशी जताई है । केंद्रीय मंत्री की बहन और तीन तलाक पीड़ित महिलाओं की आवाज़ उठाने वाली फरहत नक़वी अयोध्या में बनने वाले भव्य राममंदिर के निर्माण में अपनी भूमिका निभाने जाएंगी ।







Body:तीन तलाक़ पीड़िताओं ने कहा है कि हम लोग भी मन्दिर निर्माण के लिए ईंट लेकर अयोध्या जाएंगे ....अल्लामा इकवाल ने श्री राम को इमाम ए हिंद की उपाधि दी थी अयोध्या में मंदिर निर्माण की तैयारियां पूरी होने के बाद वहां जाएंगी निर्माण में बरेली जिले की कई तीन तलाक बताएं अपनी भागीदारी करेंगी।

फरहत नकवी ने कहा सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले हिन्दू और मुस्लिम के बीच चल रही खाई दूर हो गयी है...... कोर्ट के इस फ़ैसले से देश भर में भाई चारा कायम होगा । फरहत नक़वी के कहा वास्तव में यह फैसला न राम का न रहीम का है यह देशभक्ति का फैसला है ।  हर कोई जानता है श्री राम का जन्म अयोध्या में हुआ। उनके पिता दशरथ वहां के राजा थे ।बाबर दूसरे देश से आया था। यह ऐतिहासिक तथ्य है।अब इसे सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है। इस फैसले ने हिंदू व मुसलमानों के बीच की खटास दूर कर दी है।

बाइट -  फरहत नक़वी , मेरा हक़ फाउंडेशन अध्यक्ष 

बाइट - रुहीना , तीन तलाक पीड़िता

सुनील सक्सेना
बरेली।



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