बरेलीः बरेली की कैंट विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी की उम्मीदवार सुप्रिया ऐरन और उनके पति पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन ने शनिवार को लखनऊ में कांग्रेस पार्टी को अलविदा कहकर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया. वहीं, कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता बीके त्रिपाठी ने कहा कि कुछ स्वार्थ होंगे तभी ऐसा घटनाक्रम हुआ है. सपा के पास उम्मीदवारों का टोटा है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि किसी प्रत्याशी के जाने से कांग्रेस पार्टी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. कांग्रेस में चेहरे पर नहीं बल्कि पार्टी की नीतियों पर चुनाव लड़ा जाता है.
बरेली की कैंट विधानसभा सीट से कांग्रेस छोड़कर सपा में गईं सुप्रिया ऐरन और उनके पति पूर्व सांसद प्रवीण ऐरन ने सपा ज्वाइन कर ली. सुप्रिया ऐरन ने 2006 में कांग्रेस के टिकट पर बरेली नगर निगम के मेयर का चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी.
2012 में कैंट विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरी थीं तब उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था. सुप्रिया ऐरन पीटीआई की पत्रकार भी रह चुकी हैं. पति पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन के साथ बरेली की राजनीति में सक्रिय रहीं हैं.
2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कैंट विधानसभा से उन्हें अपना उम्मीदवार बनाकर चुनावी मैदान में उतारा था. अचानक शनिवार को सुप्रिया ऐरन और उनके पति प्रवीण सिंह ऐरन ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम कर सभी को चौंका दिया.
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता बीके त्रिपाठी ने कहा कि कल तक कांग्रेस पार्टी के बैनर तले चुनाव प्रचार कर रहे थे. सुप्रिया ऐरन के अभियान में लगे हुए थे लेकिन हो सकता है कुछ स्वार्थ होते हैं. वही समाजवादी पार्टी पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा कि इससे बड़ा मुद्दा मुझे लग रहा है कि समाजवादी पार्टी में नेताओं का टोटा है. वहां भी लड़ने के लिए कोई ठीक कैंडिडेट नहीं मिल रहा होगा इसलिए अवसर का लाभ उठाने के लिए हमारी प्रत्याशी भी तैयार हो गईं. लगता है सपा अपनी दिशा से भटक चुकी है. न उनकी कोई नीति है, न नीयत और न उनके पास कोई ठीक नेता है. शायद इस वजह से यह घटना घटी.
बीके त्रिपाठी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी कैंट विधानसभा जीत रही थी, कांग्रेस की नीतियों और प्रियंका गांधी की नीतियों से पूरी जनता जुड़ी हुई है. महिला, किसान, बेरोजगार हम सबसे जुड़े हुए हैं इस आधार पर कैंट विधानसभा जीतने जा रहे थे. चेहरा बदलने से कांग्रेस पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता. वहां का मतदाता कांग्रेस पार्टी से जुड़ा हुआ है और वह पार्टी को वोट देगा. बहुत जल्द हम किसी नए प्रत्याशी की घोषणा करेंगे.
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वह बोले कि यह चौंकाने वाला है कि टिकट क्लियर होने के बाद वह चुनावी मैदान छोड़कर गईं. यह सिर्फ अवसरवाद है. पार्टी को किसी कैंडिडेट के जाने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. वह बोले कि कांग्रेस के नए प्रत्याशी को जनता का समर्थन मिलेगा.
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले जब कांग्रेस पार्टी ने सुप्रिया ऐरन को कैंट विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाकर चुनावी मैदान में उतारा था. ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बात करते हुए उन्होंने प्रियंका गांधी की नीतियों की तारीफ की थी और आधी आबादी के बल पर प्रियंका गांधी की प्रतिज्ञा और नीतियों पर चुनाव लड़ने की बात कही थी. अचानक वह कांग्रेस का हाथ छोड़कर सपा के पाले में चलीं गईं.
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