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बरेली: सरकारी दवाइयों के सैंपल फेल, मेडिकल कार्पोरेशन की रिपोर्ट से मचा हड़कंप

यूपी के बरेली जिले में सरकारी दवाइयों के सैंपल फेल हो गए हैं. मेडिकल कार्पोरेशन की इस रिपोर्ट से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है.

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बरेली जिले में सरकारी दवाइयों के सैंपल फेल.
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Published : Feb 15, 2020, 5:23 PM IST

बरेली: सरकारी अस्पतालों में गरीबों को मिलने वाली मुफ्त दवाइयों के सैंपल फेल होने से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है. मेडिकल कार्पोरेशन की जांच रिपोर्ट में मलेरिया की दवाओं व स्टेरॉइड के सैंपल फेल हो गए. इस रिपोर्ट के चलते तत्काल बची हुए दवाइयों के स्टॉक को सीएमओ ने रुकवा दिया है.

मेडिकल कार्पोरेशन ने जून 2019 में स्टेरॉयड प्रीनीडीसोलन दवा की करीब 15 हजार गोलियां बरेली भेजी थीं. इसके साथ ही जिला अस्पताल के मेडिकल स्टोर के लिए करीब 2 हजार टेबलेट भेजी गई थी. मंडल के स्टोर से जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों के लिए 15 हजार टैबलेट जारी कर दी गई थी. ग्रामीण स्तर पर बने स्वास्थ्य केंद्रों में यह गोलियां मरीजों को बांटी गईं.

सीएमओ ने दी जानकारी.

शुक्रवार को मेडिकल कार्पोरेशन ने स्टेरॉइड का सैंपल फेल होने का पत्र सीएमओ ऑफिस भेजा था. इसके साथ ही मलेरिया की दवाओं का सैंपल फेल होने की भी सूचना भेजी गई थी. सीएमओ विनीत शुक्ला का कहना है कि सैंपल फेल होने के कई मामले सामने आ चुके हैं.

उन्होंने बताया कि जिन दवाइयों के सैंपल फेल होने की रिपोर्ट सामने आती है, उन दवाओं को तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाता है. क्लोरोक्वीन दवा मलेरिया बुखार के काम आती है और स्टेरॉयड प्रीनीडीसोलन दवा खांसी, जुकाम, सांस और किडनी समेत तमाम बीमारियों की रोकथाम के लिये काम आती है.

दवाओं का सैंपल लिया जाना एक रूटीन प्रक्रिया है, ताकि कोई भी जो मानक के अनुरूप नहीं है, ऐसी दवा का प्रयोग न हो. सैंपल यदि मानक के अनुरूप नहीं पाए जाते हैं तो उनका हम आगे प्रयोग करना बंद कर देते हैं. अभी तक बहुत सी दवाओं के सैंपल मानक के अनुरूप नहीं पाए गए हैं. उनका वितरण बंद कर दिया गया है.
-विनीत शुक्ला, सीएमओ


ये भी पढ़ें: बरेली में यूपी बोर्ड परीक्षा की सारी तैयारियां पूरी, नकल रोकने के लिए बदला गया कॉपी का रंग

बरेली: सरकारी अस्पतालों में गरीबों को मिलने वाली मुफ्त दवाइयों के सैंपल फेल होने से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है. मेडिकल कार्पोरेशन की जांच रिपोर्ट में मलेरिया की दवाओं व स्टेरॉइड के सैंपल फेल हो गए. इस रिपोर्ट के चलते तत्काल बची हुए दवाइयों के स्टॉक को सीएमओ ने रुकवा दिया है.

मेडिकल कार्पोरेशन ने जून 2019 में स्टेरॉयड प्रीनीडीसोलन दवा की करीब 15 हजार गोलियां बरेली भेजी थीं. इसके साथ ही जिला अस्पताल के मेडिकल स्टोर के लिए करीब 2 हजार टेबलेट भेजी गई थी. मंडल के स्टोर से जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों के लिए 15 हजार टैबलेट जारी कर दी गई थी. ग्रामीण स्तर पर बने स्वास्थ्य केंद्रों में यह गोलियां मरीजों को बांटी गईं.

सीएमओ ने दी जानकारी.

शुक्रवार को मेडिकल कार्पोरेशन ने स्टेरॉइड का सैंपल फेल होने का पत्र सीएमओ ऑफिस भेजा था. इसके साथ ही मलेरिया की दवाओं का सैंपल फेल होने की भी सूचना भेजी गई थी. सीएमओ विनीत शुक्ला का कहना है कि सैंपल फेल होने के कई मामले सामने आ चुके हैं.

उन्होंने बताया कि जिन दवाइयों के सैंपल फेल होने की रिपोर्ट सामने आती है, उन दवाओं को तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाता है. क्लोरोक्वीन दवा मलेरिया बुखार के काम आती है और स्टेरॉयड प्रीनीडीसोलन दवा खांसी, जुकाम, सांस और किडनी समेत तमाम बीमारियों की रोकथाम के लिये काम आती है.

दवाओं का सैंपल लिया जाना एक रूटीन प्रक्रिया है, ताकि कोई भी जो मानक के अनुरूप नहीं है, ऐसी दवा का प्रयोग न हो. सैंपल यदि मानक के अनुरूप नहीं पाए जाते हैं तो उनका हम आगे प्रयोग करना बंद कर देते हैं. अभी तक बहुत सी दवाओं के सैंपल मानक के अनुरूप नहीं पाए गए हैं. उनका वितरण बंद कर दिया गया है.
-विनीत शुक्ला, सीएमओ


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