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बरेलीः रुहेलखंड विश्वविद्यालय की मुहिम, हर गांव होगा टीबी मुक्त

उत्तर प्रदेश के बरेली में हर गांव को टीबी रोग से मुक्त करने की मुहिम चलाई गई है. ये शुरुआत रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अपील पर की है.

रुहेलखंड विश्वविद्यालय
रुहेलखंड विश्वविद्यालय हर गांव को करेगा टीबी रोग मुक्त
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Published : Nov 29, 2019, 2:45 PM IST

बरेली: रुहेलखंड विश्वविद्यालय भी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ टीबी और कुपोषण को जड़ से मिटाने के अभियान से जुड़ गया है. विश्वविद्यालय ने 94 गांवों को गोद लिया है. इससे संबद्ध हर कॉलेज एक-एक गांव को गोद लेगा. कुलपति ने कहा है कि कॉलेज गांव गोद लेने के साथ ही टीबी के खिलाफ लड़ाई में भी साथ देंगे.

रुहेलखंड विश्वविद्यालय हर गांव को करेगा टीबी रोग मुक्त

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय के सभी 500 कॉलेजों को एक- एक गांव गोद लेने और उनको सामाजिक सरोकार से जोड़ने की अपील की है. इस दौरान उन्होंने सिंगल यूज़ प्लॉस्टिक का प्रयोग को भी बंद करने को कहा. राज्यपाल ने ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाकर पर्यावरण को बचाने पर जोर दिया. इसमें शिक्षा को सामाजिक सरोकार से जोड़ने की बात कही गई.

रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय से संबद्ध 94 कॉलेजों ने 94 गांव गोद लिए हैं. यह संख्या 500 तक बढ़ाई जाएगी. इन गांवों में कुपोषण और टीबी मुक्त प्रयासों को विश्वविद्यालय आगे बढ़ाएगा. सभी गांवों में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि हर व्यक्ति को समय पर दवा मिले. उनकी ज़रूरतों को मद्देनज़र रखते हुए उनका इलाज किया जाएगा.
-अनिल शुक्ल, कुलपति, रुहेलखंड विश्वविद्यालय

बरेली: रुहेलखंड विश्वविद्यालय भी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ टीबी और कुपोषण को जड़ से मिटाने के अभियान से जुड़ गया है. विश्वविद्यालय ने 94 गांवों को गोद लिया है. इससे संबद्ध हर कॉलेज एक-एक गांव को गोद लेगा. कुलपति ने कहा है कि कॉलेज गांव गोद लेने के साथ ही टीबी के खिलाफ लड़ाई में भी साथ देंगे.

रुहेलखंड विश्वविद्यालय हर गांव को करेगा टीबी रोग मुक्त

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय के सभी 500 कॉलेजों को एक- एक गांव गोद लेने और उनको सामाजिक सरोकार से जोड़ने की अपील की है. इस दौरान उन्होंने सिंगल यूज़ प्लॉस्टिक का प्रयोग को भी बंद करने को कहा. राज्यपाल ने ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाकर पर्यावरण को बचाने पर जोर दिया. इसमें शिक्षा को सामाजिक सरोकार से जोड़ने की बात कही गई.

रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय से संबद्ध 94 कॉलेजों ने 94 गांव गोद लिए हैं. यह संख्या 500 तक बढ़ाई जाएगी. इन गांवों में कुपोषण और टीबी मुक्त प्रयासों को विश्वविद्यालय आगे बढ़ाएगा. सभी गांवों में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि हर व्यक्ति को समय पर दवा मिले. उनकी ज़रूरतों को मद्देनज़र रखते हुए उनका इलाज किया जाएगा.
-अनिल शुक्ल, कुलपति, रुहेलखंड विश्वविद्यालय

Intro:एंकर:- रुहेलखंड विश्वविद्यालय भी राज्यपाल के साथ टी बी और कुपोषण को जड़ से मिटाने के अभियान में कूद पड़ा है। 94 गांवों को गोद लेने के बाद अब विश्वविद्यालय का हर कॉलेज एक गांव को गोद लेगा  कुलपति ने कहा है कि गांव गोद लेने के साथ ही कॉलेज टीबी के खिलाफ लड़ाई में भी साथ देंगे और इसके लिए विश्वविद्यालय अपनी और हर संभव कोशिश करेगा ताकि किसी को भी इन बीमारियों का सामना न करना पड़े।


Body:
Vo:- राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय के सभी 500 कॉलीजों को एक एक गांव गोद लेने और उनको सामाजिक सरोकार से जोड़ने को कहा है। इसमें सिंगल यूज़ प्लास्टिक का प्रयोग बंद करने को भी कहा है और साथ ही ज़्यादा से ज़्यादा पौधे लगाकर पर्यावरण को बचाने पर ज़ोर दिया और इसमें शिक्षा को सामाजिक सरोकार से जोड़ने की भी बात कही। कुलपति प्रोफेसर अनिल शुक्ल ने कहा कि अब रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय से जुड़े 94 कॉलेजों 94 गांव गोद लिए है। यह संख्या 500 तक बड़ाई जाएगी। इन गांवों में कुपोषण और टीबी मुक्त प्रयासों को विश्वविद्यालय आगे तक ले जाएगा। और सभी गांवों में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि हर व्यक्ति को समय और दवा मिल रही है या नहीं उनकी ज़रूरतों को मद्दे नज़र रखते हुए उनका इलाज किया जाएगा।


बाईट:- कुलपति अनिल शुक्ल विश्वविद्यालय





Conclusion:Fvo:- राज्यपाल की इस मुहिम में विश्वविद्यालय के द्वारा किये जा रहे प्रयासों को कितनी उड़ान मिलती है ये तो समय के साथ ही पता चल सकेगा हालांकि 94 गाँव में काम करना आसान तो नहीं होगा लेकिन जो भी होगा अच्छा ही होगा।

रंजीत शर्मा

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