बरेली: संसार में जो भी प्राणी या फिर जीव पैदा होता है, उसे ईश्वरीय देन कहा जाता है. जनपद के गांव लभेडा पुरोहित में लोग एक मंदबुद्धि युवक को पागल कहकर पुकारते थे. जब उस युवक के मां का देहांत हुआ तो उसने घर के आंगन में ही अपनी मां के अंतिम संस्कार के लिए कब्र खोद डाली, जिससे कि उसे मां की ममता और उनका प्यार याद आता रहे.
जिस मां ने उसे प्यार से पाला पोसा है, भला उसे वह कैसे भूल सकता है. वहीं हिंदू परंपरा के अनुसार वृद्धा की अंत्येष्टि न होता देख ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस और ग्रामीणों के समझाने पर वह युवक मान गया और अपनी मां का अंतिम संस्कार की अंत्येष्टि हिंदू रीति रिवाज के अनुसार किया.
घटना तहसील इलाके के रामगंगा खादर इलाके के गांव लभेडा पुरोहित की है. मंदबुद्धि युवक पंचम अपनी माता-पिता की इकलौती संतान है. उसकी मां प्रेमा देवी का शुक्रवार को देहांत हो गया. उनकी उम्र करीब 100 वर्ष थी. पिता जानकी का साया तो कई वर्ष पहले ही उसके सिर से उठ गया, लेकिन मां के आंचल और प्यार का सहारा लेकर पंचम बड़ा हो गया.
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मंदबुद्धि पंचम की मां का देहांत हो गया. उसकी मां घर में मृतक अवस्था में पड़ी रही. जब कोई सहारा नहीं मिला तो उसने घर के आंगन में ही मां के लिए कब्र खोद दी. यह बात जब ग्रामीणों को पता चली तो उन्होंनें पुलिस को फोन करके बुलवा लिया, जिस पर थाना के एसआई राजेंद्र कुमार और एचसीपी वेद प्रकाश मौके पर पहुंचे.
पुलिस अधिकारी और ग्रामीणों नें मंद बुद्धि पंचम को काफी समझाया, जिस पर वह मान गया, लेकिन वह इस जिद पर अड़ा रहा कि उसे अपनी मां का ममता और प्यार मिलता रहे. इसके बाद पंचम की मां का हिंदू रीति रिवाज के साथ श्मशान भूमि में अंत्येष्टि की गई.