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क्षय रोगियों को गोद लेकर कर रहे हैं मदद, IPS से लेकर कई अधिकारी जुड़े मुहिम में

बरेली जिले में प्रोफेसर अमित वर्मा और प्रोफेसर हेमा वर्मा ने टीबी के मरीजों को लेकर बड़ी पहल की है. उन्होंने टीबी के मरीजों को गोद लेकर उनका इलाज कर रहे हैं. उनकी इस पहल पर अब उनके साथ 100 लोग जुड़ गए हैं, जो लगभग 250 टीबी मरीजों को गोद ले चुके हैं.

क्षय रोगियों को गोद लेकर कर रहे हैं मदद
क्षय रोगियों को गोद लेकर कर रहे हैं मदद
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Published : Mar 30, 2021, 9:50 AM IST

बरेली: क्षय रोग एक ऐसी बीमारी है जिसका समय पर इलाज न हो तो ठीक होने की संभावना लगभग कम ही मानी जाती है. मगर, बरेली के दो प्रोफेसरों ने टीबी रोगियों की मदद के लिए एक ऐसी मुहिम शुरू की है जिसमें रोगी को गोद लेकर उसके इलाज से लेकर खान-पान का सारा ध्यान रखा जाता है. यह मुहिम शुरु की है प्रोफेसर अमित वर्मा और प्रोफेसर हेमा वर्मा ने. जो क्षय रोगियों के लिए मसीहा बनकर आए हैं.

क्षय रोगियों को गोद लेकर कर रहे हैं मदद

बरेली के एमजेपी रोहिलखण्ड विश्विद्यालय के प्रो. अमित वर्मा और प्रोफेसर हेमा वर्मा ने गरीब क्षय रोगियों की परेशानी को करीब दे देखा तो इनके लिए कुछ करने का मन बना लिया. जिसके बाद शुरू हुआ क्षय रोगियों को गोद लेकर उनकी दवाई से लेकर खानपान तक का ध्यान रखने का सिलसिला.

क्षय रोगियों को गोद लेकर कर रहे हैं मदद
क्षय रोगियों को गोद लेकर कर रहे हैं मदद
शुरू की मुहिम प्रोफेसर अमित वर्मा और प्रोफेसर हेमा वर्मा ने एक-एक क्षय रोगी को गोद लेकर मदद का सिलसिला शुरू किया है. प्रोफेसर अमित वर्मा और प्रोफेसर हेमा वर्मा ने गांव-गांव जाकर क्षय रोग से ग्रस्त मरीजों की पहचान की और फिर गोद लेना शुरू किया. इस मुहिम में बरेली के आईपीएस अधिकारी से लेकर कई गजटेड अधिकारियों से लेकर 100 से अधिक लोग जुड़ चुके हैं. जिन्होंने 250 क्षय रोगियों को गोद ले रखा है. प्रोफेसर अमित वर्मा ने अपनी इस मुहिम को सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया और अपनी वेबसाइट बनाकर क्षय रोगियों की मदद के लिए लोगों को जोड़ना शुरू किया.कैसे लेते हैं क्षय रोगी को गोदछय रोग से ग्रस्त मरीज को गोद लेने वाला व्यक्ति यह जिम्मेदारी लेता है कि वह उसको हर 15 दिन में एक बार कॉल कर उसका हाल-चाल पूछेगा, साथ ही कौन सी दवा को किस समय पर लेना है, क्या क्या सावधानियां बरतनी हैं जैसी पूरी जानकारी फोन कॉल के माध्यम से देगा. गोद लेना वाला व्यक्ति मरीज का हर संभव मदद करता है.करते हैं क्षय रोग के प्रति जागरूक प्रो. अमित वर्मा और प्रो. हेमा वर्मा अपनी टीम के छात्र और छात्राओं के साथ गोद लेने वालों के साथ गांव-गांव जाकर ग्रामीणों के साथ बैठक करते हैं. उनको जागरूक करते हैं. ताकि क्षय रोग से लड़ा जा सके और जल्दी से क्षय रोग से देश को मुक्ति दिलाई जा सके.अब यह मुहिम रंग ला रही है और लोग उनके साथ जुड़ते चले जा रहे हैं, उनका कहना है कि अभी तो सिर्फ बरेली के मरीजों को गोद लिया है. जबकि आने वाले टाइम में पूरे प्रदेश के मरीजों को गोद लेकर क्षय रोग से मुक्ति दिलाने में सहयोग करेंगे.

बरेली: क्षय रोग एक ऐसी बीमारी है जिसका समय पर इलाज न हो तो ठीक होने की संभावना लगभग कम ही मानी जाती है. मगर, बरेली के दो प्रोफेसरों ने टीबी रोगियों की मदद के लिए एक ऐसी मुहिम शुरू की है जिसमें रोगी को गोद लेकर उसके इलाज से लेकर खान-पान का सारा ध्यान रखा जाता है. यह मुहिम शुरु की है प्रोफेसर अमित वर्मा और प्रोफेसर हेमा वर्मा ने. जो क्षय रोगियों के लिए मसीहा बनकर आए हैं.

क्षय रोगियों को गोद लेकर कर रहे हैं मदद

बरेली के एमजेपी रोहिलखण्ड विश्विद्यालय के प्रो. अमित वर्मा और प्रोफेसर हेमा वर्मा ने गरीब क्षय रोगियों की परेशानी को करीब दे देखा तो इनके लिए कुछ करने का मन बना लिया. जिसके बाद शुरू हुआ क्षय रोगियों को गोद लेकर उनकी दवाई से लेकर खानपान तक का ध्यान रखने का सिलसिला.

क्षय रोगियों को गोद लेकर कर रहे हैं मदद
क्षय रोगियों को गोद लेकर कर रहे हैं मदद
शुरू की मुहिम प्रोफेसर अमित वर्मा और प्रोफेसर हेमा वर्मा ने एक-एक क्षय रोगी को गोद लेकर मदद का सिलसिला शुरू किया है. प्रोफेसर अमित वर्मा और प्रोफेसर हेमा वर्मा ने गांव-गांव जाकर क्षय रोग से ग्रस्त मरीजों की पहचान की और फिर गोद लेना शुरू किया. इस मुहिम में बरेली के आईपीएस अधिकारी से लेकर कई गजटेड अधिकारियों से लेकर 100 से अधिक लोग जुड़ चुके हैं. जिन्होंने 250 क्षय रोगियों को गोद ले रखा है. प्रोफेसर अमित वर्मा ने अपनी इस मुहिम को सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया और अपनी वेबसाइट बनाकर क्षय रोगियों की मदद के लिए लोगों को जोड़ना शुरू किया.कैसे लेते हैं क्षय रोगी को गोदछय रोग से ग्रस्त मरीज को गोद लेने वाला व्यक्ति यह जिम्मेदारी लेता है कि वह उसको हर 15 दिन में एक बार कॉल कर उसका हाल-चाल पूछेगा, साथ ही कौन सी दवा को किस समय पर लेना है, क्या क्या सावधानियां बरतनी हैं जैसी पूरी जानकारी फोन कॉल के माध्यम से देगा. गोद लेना वाला व्यक्ति मरीज का हर संभव मदद करता है.करते हैं क्षय रोग के प्रति जागरूक प्रो. अमित वर्मा और प्रो. हेमा वर्मा अपनी टीम के छात्र और छात्राओं के साथ गोद लेने वालों के साथ गांव-गांव जाकर ग्रामीणों के साथ बैठक करते हैं. उनको जागरूक करते हैं. ताकि क्षय रोग से लड़ा जा सके और जल्दी से क्षय रोग से देश को मुक्ति दिलाई जा सके.अब यह मुहिम रंग ला रही है और लोग उनके साथ जुड़ते चले जा रहे हैं, उनका कहना है कि अभी तो सिर्फ बरेली के मरीजों को गोद लिया है. जबकि आने वाले टाइम में पूरे प्रदेश के मरीजों को गोद लेकर क्षय रोग से मुक्ति दिलाने में सहयोग करेंगे.
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